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बीएसएफ के बर्खास्त जवान ने अजय मिश्रा टेनी और डिप्टी सीएम मौर्य पर FIR दर्ज करने की मांग की, SC में याचिका

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Published : Dec 21, 2021, 8:40 PM IST

पूर्व बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव (Tez Bahadur Yadav) ने लखीमपुर खीरी मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. सुप्रीम कोर्ट ने ये याचिका स्वीकार कर ली है.

tej bahadur yadav
tej bahadur yadav

रेवाड़ी : पूर्व बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव (Tez Bahadur Yadav) ने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी और यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका दायर की है. सुप्रीम कोर्ट ने ये याचिका स्वीकार कर ली है, हालांकि, अभी तक सुनवाई की तारीख तय नहीं की गई है.

गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri Case) के तिकुनिया में 3 अक्टूबर को चार किसानों को एक एसयूवी कार द्वारा कथित तौर पर कुचल दिया गया था, जब वे एक कार्यक्रम में कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. कार्यक्रम में यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य को शामिल होना था. किसानों का आरोप है कि एसयूवी अजय मिश्रा टेनी की थी और उसमें उनका बेटा आशीष मिश्रा था. आशीष मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया गया है और किसान अब केंद्रीय मंत्री को बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं, क्योंकि वह भी इस मामले में आरोपी हैं.

लखीमपुर खीरी मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर.

कौन है तेज बहादुर यादव

बता दें कि, तेज बहादुर यादव हरियाणा के रेवाड़ी जिले के रहने वाले हैं. उन्होंने बीएसएफ में खराब खाने को लेकर एक वीडियो बनाया था. ये वीडियो उन्होंने 9 जनवरी को 2017 को फेसबुक पर पोस्ट किया था. इस वीडियो के बाद तेज बहादुर यादव खूब सुर्खियों में रहे थे. इस वीडियो में तेज बहादुर फौजियों को मिलने वाले खाने की शिकायत कर रहे थे. वो बता रहे थे कि उन्हें कैसी गुणवत्ता का खाना दिया जाता है.

क्यों हुए थे बीएसएफ से बर्खास्त

तेज बहादुर ने बताया था कि अफसरों से शिकायत करने पर भी कोई सुनने वाला नहीं है यहां तक कि गृह मंत्रालय को भी चिट्ठी लिखी, लेकिन कुछ नहीं हुआ. तेज बहादुर के उस वीडियो के बाद बीएसएफ समेत राजनीतिक गलियारों में कुछ दिन तक हलचल मच गई थी. बीएसएफ ने इस मामले की जांच के आदेश दिए थे और बाद में तेज बहादुर को बीएसएफ से निकाल दिया गया था.

पीएम मोदी के खिलाफ भरा था नामांकन

तेज बहादुर ने 2019 के लोकसभा चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी से चुनाव लड़ने के लिए नामांकन पत्र भी दाखिल किया था, लेकिन उनका नामांकन पत्र खारिज कर दिया गया था. इसके बाद उन्होंने इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका भी लगाई थी. तेज बहादुर यादव ने अपनी चुनाव याचिका में आरोप लगाया था कि वाराणसी के रिटर्निंग अधिकारी द्वारा गलत ढंग से उनका नामांकन पत्र खारिज किया गया. जिसके परिणाम स्वरूप वह लोकसभा चुनाव नहीं लड़ सके जो उनका संवैधानिक अधिकार है.

उन्होंने अदालत से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वाराणसी से बतौर सांसद निर्वाचन अवैध घोषित करने का अनुरोध किया था. यादव ने दलील दी थी कि चूंकि मोदी ने नामांकन पत्र में अपने परिवार के बारे में विवरण नहीं दिया, इसलिए उनका नामांकन पत्र भी रद्द किया जाना चाहिए था, जो नहीं किया गया.

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