नई दिल्ली : स्वच्छ भारत मिशन के दूसरे चरण के तहत वर्ष 2021 का स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण कार्यक्रम आज से शुरू किया जाएगा. जलशक्ति मंत्रालय द्वारा बयान के अनुसार, 'आजादी का अमृत महोत्सव' के तहत स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण का उद्देश्य देश को खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) के साथ इसमें मध्यस्थ के तौर पर जुड़कर स्वच्छता परिणामों की गति बढ़ाना है.
मंत्रालय ने बताया कि सर्वेक्षण 2021 के संचालन के लिए एक विशेषज्ञ एजेंसी को काम पर रखा गया है. सर्वेक्षण के हिस्से के रूप में प्रमुख मापदंडों का उपयोग करके गांवों, जिलों और राज्यों की रैंकिंग की जाएगी.
इसमें कहा गया है कि स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण के तहत देशभर के 698 जिलों के 17,475 गांवों को कवर किया जाएगा. सर्वेक्षण के लिए इन गांवों के 87,250 सार्वजनिक स्थानों जैसे स्कूलों, आंगनबाड़ियों, सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों, हाट/ बाजारों/ धार्मिक स्थलों का दौरा किया जाएगा.
एसबीएम से संबंधित मुद्दों पर प्रतिक्रिया के लिए लगभग 1,74,750 परिवारों का मत लिया जाएगा. साथ ही, नागरिकों को इस उद्देश्य के लिए विकसित एक एप्लिकेशन का उपयोग करके स्वच्छता संबंधी मुद्दों पर ऑनलाइन फीडबैक देने के लिए प्रेरित किया जाएगा.
पेयजल और स्वच्छता विभाग (डीडीब्ल्यूएस) ने स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण (एसएसजी) इससे पहले 2018 और 2019 में शुरू किया था. एसएसजी सिर्फ एक रैंकिंग एक्सरसाइज नहीं है बल्कि जनांदोलन (जन आंदोलन) बनाने के लिए एक वाहक है. प्रमुख गुणवत्ता और मात्रात्मक मापदंडों पर उनके प्रदर्शन के आधार पर जिलों की रैंकिंग का मार्गदर्शन करने के लिए एक विस्तृत प्रोटोकॉल विकसित किया गया है.
एसएसजी 2021 के विभिन्न आधार का मान:
- सार्वजनिक स्थानों पर स्वच्छता का प्रत्यक्ष निरीक्षण-30 प्रतिशत
- नागरिकों की प्रतिक्रिया, जिसमें आम नागरिकों, ग्राम स्तर पर प्रमुख प्रभावकों और मोबाइल ऐप का उपयोग करने वाले नागरिकों से ऑनलाइन प्रतिक्रिया शामिल है-35 प्रतिशत
- स्वच्छता संबंधी मानकों पर सेवा स्तर की प्रगति -35 प्रतिशत