ETV Bharat / bharat

motivational story: सरगुजा के रीयल द्रोणाचार्य की कहानी जो आपके दिल को छू लेगी

author img

By

Published : Mar 18, 2023, 9:12 PM IST

Teacher educating students by donating salary
कृपा शंकर श्रीवास्तव हेड मास्टर

अंबिकापुर जिले में चिखलाडीह प्राइमरी स्कूल है. यहां कृपा शंकर श्रीवास्तव हेड मास्टर हैं. इस टीचर की कहानी आपके दिल को छू लेगी. कृपा शंकर की कोशिशों की वजह से स्कूल में शिक्षा का स्तर सुधरा है. खास बात यह है कि कृपा शंकर हर महीने अपनी सैलरी से एक दिन का वेतन स्कूल पर खर्च करते हैं.

सरगुजा के द्रोणाचार्य कृपा शंकर श्रीवास्तव को सलाम !

अंबिकापुर: चिखलाडीह प्राइमरी स्कूल में गार्डन और दीवार बच्चों के शिक्षक हैं. यहां ऐसे संसाधन जुटाए गए हैं ताकि बच्चे खेल खेल में ही पढ़ाई कर सकें. सामान्य ज्ञान के लिये ग्राउंड में खंभों पर तख्तियां लगी हैं. पेड़ों के नीचे क्यारी में चतुर्भुज, त्रिकोण समेत तमाम गणितीय आकृति यहां बनाई गई है. क्यारियों में ही सम और विषम संख्या भी लिखी गई है. यह कृपा शंकर श्रीवास्तव की मेहनत का नतीजा है. साल 2012 में यहां उनकी तैनाती हुई थी.

शिक्षक कृपाशंकर ने क्या कहा: कृपा शंकर श्रीवास्तव कहते हैं, ''मैंने सोचा कि क्यों ना कुछ ऐसा किया जाए, जिससे आकर्षित होकर बच्चे पढ़ें. गांव में लोग शिक्षित नहीं है. सबसे पहले प्रिंट रिच क्लासरुम कंसेप्ट पर काम किया. इससे आकर्षित होकर बच्चे रेगुलर स्कूल आने लगे."

अब मुझे मिल रही संतुष्टि: कृपा शंकर श्रीवास्तव हर महीने अपनी सैलरी से एक दिन का वेतन स्कूल की बेहतरी के लिए खर्च करते हैं. कृपा शंकर श्रीवास्तव बताते हैं "मैं जिस भी स्कूल में रहा हूं, शुरू से अपने हर महीने के वेतन में से एक दिन का वेतन स्कूल के विकास में लगाता हूं. मैं 12 महीने में 12 दिन का वेतन देता हूं. सरकार का जो पैसा आता है उससे भी मदद हो जाती है. वर्ना मैं अपना ही पैसा लगाता हूं. वर्तमान में मैं रिटायर होने की स्थिति में हूं. मेरा एक दिन का वेतन 3 हजार हो जाता है. अगर हर शिक्षक कुछ सहयोग करता रहे तो सरकारी स्कूल और स्कूलों से बेहतर होगा."

यह भी पढ़ें: Sarguja latest news: सरगुजा में शिक्षा विभाग की बड़ी पहल, कर्मचारियों को रिटायरमेंट के दिन ही मिलेगा पीपीओ और ग्रेच्युटी

स्टूडेंट्स के गार्जियन खुश: कृपा शंकर श्रीवास्तव की अच्छी पहल और स्कूल की बेहतर पढ़ाई से ग्रामीण भी खुश हैं. ग्रामीण प्रदीप बरवा बताते हैं कि " मैं अपने बच्चे को प्राइवेट स्कूल में पढ़ा रहा था. वहां अच्छी पढ़ाई तो बच्चों को दी नहीं जाती बल्कि अच्छी फीस हमसे वसूली जाती है. जबसे मैंने यहां अपने बच्चे को पढ़ाना शुरू किया हूं, मेरा बच्चा काफी बेहतर सीख रहा है."

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.