ETV Bharat / bharat

Defamation Proceedings Against MoS L Murugan : SC ने राज्यमंत्री एल मुरुगन के खिलाफ मानहानि की कार्यवाही पर रोक लगाई

author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 27, 2023, 5:02 PM IST

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्रीय राज्य मंत्री एल मुरुगन के खिलाफ मानहानि की कार्यवाही पर रोक लगा दी है. बता दें कि चेन्नई में ट्रस्ट के कब्जे वाली जमीन को उन्होंने डीएमके से जुड़ा हुआ बताया था.

Supreme Court
सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बुधवार को चेन्नई में ट्रस्ट के कब्जे वाली जमीन को द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) से जुड़े ट्रस्ट का बताए जाने को लेकर केंद्रीय राज्य मंत्री (MOS) एल मुरुगन ( Union minister of state L Murugan) के खिलाफ शुरू की गई आपराधिक मानहानि की कार्यवाही पर रोक लगा दी है. मुरुगन का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ दवे ने न्यायमूर्ति बीआर गवई और पीके मिश्रा की पीठ के समक्ष दलील दी कि शिकायत राजनीतिक उद्देश्यों से दायर की गई थी और मानहानि की कार्यवाही शुरू करना अवैध था.

दवे ने सवाल किया कि जिस जमीन पर ट्रस्ट का कार्यालय स्थित है, उसके स्वामित्व के संबंध में दिए गए बयान के लिए उनके मुवक्किल के खिलाफ मानहानि का मामला कैसे दायर किया जा सकता है? दवे ने इस बात पर जोर दिया कि उनके मुवक्किल को किसी मुद्दे पर अपनी राय व्यक्त करने का अनुच्छेद 19 (स्वतंत्र भाषण) के तहत अधिकार है. मामले में दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने आपराधिक मानहानि की कार्यवाही पर रोक लगा दी और मुरासोली ट्रस्ट को नोटिस भी जारी किया. शीर्ष अदालत ने मामले की आगे की सुनवाई छह सप्ताह बाद तय की है.

बता दें कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन मुरासोली ट्रस्ट के प्रबंध ट्रस्टी रहे हैं. बता दें कि इस महीने की शुरुआत में मद्रास हाई कोर्ट ने चेन्नई में ट्रस्ट के कब्जे वाली भूमि पर की गई टिप्पणी पर भाजपा नेता और केंद्रीय राज्य मंत्री एल मुरुगन के खिलाफ मुरासोली ट्रस्ट द्वारा दायर मानहानि मामले को रद्द करने से इनकार कर दिया था. हाई कोर्ट ने मुरुगन द्वारा एमपी/एमएलए मामलों के लिए एक अतिरिक्त विशेष अदालत के समक्ष लंबित मामले को रद्द करने की मांग वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था.

उच्च न्यायालय ने अतिरिक्त विशेष अदालत को तीन महीने की अवधि के भीतर मामले का निपटारा करने का निर्देश दिया था और मंत्री से ट्रायल कोर्ट के समक्ष सभी आधार उठाने को कहा था और उन पर उनकी योग्यता के आधार पर और कानून के अनुसार विचार किया जाएगा. मुरुगन ने भाजपा की राज्य इकाई का नेतृत्व करते हुए 2020 में एक संवाददाता सम्मेलन में ट्रस्ट की भूमि के खिलाफ टिप्पणी की थी.

ये भी पढ़ें - Chandrababu Plea In SC: सुप्रीम कोर्ट के एक न्यायाधीश ने चंद्रबाबू नायडू की याचिका पर सुनवाई से किया इनकार

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.