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बेनामी लेनदेन कानून पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, तीन साल की सजा का प्रावधान निरस्त

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Published : Aug 23, 2022, 12:58 PM IST

Updated : Aug 23, 2022, 1:15 PM IST

उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को बेनामी लेन देन के मामले में बड़ा फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने बेनामी संपत्ति लेनदेन निषेध अधिनियम, 1988 की धारा को असंवैधानिक घोषित कर दिया है.

supreme court says section 3 2 of benami transactions as unconstitutionalEtv Bharat
बेनामी लेनदेन कानून पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, तीन साल की सजा का प्रावधान निरस्तEtv Bharat

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को बेनामी लेन देन के मामले में बड़ा फैसला सुनाया. कोर्ट ने बेनामी लेनदेन (निषेध) अधिनियम 1988 की धारा 3 (2) को असंवैधानिक करार दिया. धारा 3 (2) के तहत बेनामी लेनदेन में शामिल किसी भी व्यक्ति को तीन साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान था.

कोर्ट ने कहा है कि बेनामी लेनदेन (निषेध) अधिनियम 1988 की धारा 3 (2) असंवैधानिक है. यह धारा स्पष्ट रूप से मनमानी है. कोर्ट ने कहा, बेनामी अधिनियम में 2016 में हुए संशोधन को लागू नहीं किया जा सकता है. इसके बाद अब बेनामी संपत्ति मामले में दोषी ठहराए जाने पर 3 साल की सजा का प्रावधान अब खत्म हो गया है. इसके साथ ही कोर्ट ने बेनामी संपत्ति के लिए 3 साल की सजा के कानून को निरस्त कर दिया.

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कोर्ट ने यह भी कहा कि संपत्ति जब्त करने का अधिकार पिछली तारीख से लागू नहीं होगा. पुराने मामलों में 2016 के कानून के तहत कार्रवाई नहीं होगी. बेनामी लेनदेन (निषेध) अधिनियम की धारा 3 (2) में कहा गया है कि जो कोई भी बेनामी लेनदेन में लिप्त है, उसे तीन साल तक की कैद, जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है.

Last Updated : Aug 23, 2022, 1:15 PM IST
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