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मिलावटी कफ सिरप को लेकर 66 मामलों में उत्पाद लाइसेंस निलंबित किए गए: स्वास्थ्य मंत्रालय

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Published : Aug 9, 2023, 6:49 AM IST

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में कहा कि केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन और एसएलए (राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण) ने मिलावटी कफ-सिरप के मामले में कड़े कदम उठाए गए हैं.

Union Health Minister Mansukh Mandaviya adulterated cough syrup case
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया मिलावटी कफ सिरप मामला

नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) और राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण (एसएलए) ने विभिन्न कंपनियों के कफ-सिरप में मिलावट पाए जाने के बाद 40 मामलों में उत्पादन रोकने, 66 मामलों में उत्पाद लाइसेंस रद्द करने और निलंबित करने का आदेश जारी किए हैं.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में कहा, 'केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने एसएलए के साथ मिलकर 162 फार्मास्युटिकल फर्मों का जोखिम-आधारित निरीक्षण किया है. निष्कर्षों के आधार पर औषधि नियम 1945 के प्रावधान के तहत 143 मामलों में कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं. अब तक 40 मामलों में उत्पादन रोकने का आदेश जारी किए गए हैं, 66 मामलों में उत्पाद लाइसेंस रद्द और निलंबित किए गए हैं. 21 मामलों में चेतावनी पत्र जारी किया गया है और एक मामले में एफआईआर दर्ज की गई है और तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

वह कांग्रेस सांसद विवेक रांखा द्वारा देश में निर्मित कफ-सिरप से दुनिया भर में हुई सैकड़ों शिशुओं की मौत के बाद भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर उठाए गए सवाल का जवाब दे रहे थे. मंडाविया ने आगे कहा कि वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत विदेश व्यापार महानिदेशालय ने कफ सिरप की निर्यात नीति में संशोधन के लिए इस साल 22 मई को एक अधिसूचना (संख्या 06/2023) जारी की है, जिससे कफ सिरप निर्माताओं के लिए इसे अनिवार्य बना दिया गया है. एक जून से प्रभावी अपने उत्पादों को निर्यात करने से पहले सरकार द्वारा अनुमोदित प्रयोगशाला से विश्लेषण का प्रमाण पत्र प्राप्त करना होगा.

उन्होंने बताया, 'इस तरह 900 से अधिक ऐसे कफ सिरप नमूनों का विश्लेषण किया गया है और विश्लेषण प्रमाणपत्र (सीओए) जारी किए गए हैं. मंत्री ने कहा कि देश में दवाओं के विनिर्माण, बिक्री और वितरण को औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 और नियम, 1945 के प्रावधानों के तहत विनियमित किया जाता है.

देश में दवाओं के निर्माण, बिक्री और वितरण पर नियामक नियंत्रण संबंधित राज्य सरकारों द्वारा नियुक्त राज्य लाइसेंसिंग अधिकारियों (एसएलए) द्वारा लाइसेंसिंग और निरीक्षण की एक प्रणाली के माध्यम से किया जाता है. मंडाविया ने कहा, निर्माताओं को देश में बिक्री और वितरण के लिए किसी भी दवा के निर्माण के लिए उक्त अधिनियम और नियमों के तहत दिए गए लाइसेंस की शर्तों का पालन करना आवश्यक है.

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दवाओं की गुणवत्ता या सुरक्षा से संबंधित मामले जब रिपोर्ट किए जाते हैं, तो ड्रग्स और कॉस्मेटिक्स अधिनियम 1940 और इसके नियमों के प्रावधानों के तहत आवश्यक कार्रवाई करने के लिए मामले को संबंधित एसएलए के साथ उठाया जाता है. मंडाविया ने कहा, एसएलए को ऐसे लाइसेंस की किसी भी शर्त के उल्लंघन पर उचित अदालत में मुकदमा चलाने सहित कार्रवाई करने का कानूनी अधिकार है.

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