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आर्यन खान ड्रग्स मामले में एनसीबी अधिकारियों का व्यवहार संदिग्ध, रडार पर 7 से 8 अधिकारी

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Published : Oct 19, 2022, 7:45 AM IST

Updated : Oct 19, 2022, 11:14 AM IST

NCB की स्पेशल विजलेंस टीम ने अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान मामले में रिपोर्ट दिल्ली NCB कार्यालय को भेज दी है. साथ ही जांच में पाया गया कि केस में काफी अनियमितता बरती गई थी.

आर्यन खान ड्रग्स मामले में एनसीबी अधिकारियों का व्यवहार संदिग्ध; राडार पर 7 से 8 अधिकारी
आर्यन खान ड्रग्स मामले में एनसीबी अधिकारियों का व्यवहार संदिग्ध; राडार पर 7 से 8 अधिकारी

नई दिल्ली: NCB की स्पेशल विजलेंस टीम ने अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान मामले में रिपोर्ट दिल्ली NCB कार्यालय को भेज दी है. साथ ही जांच में पाया गया कि केस में काफी अनियमितता बरती गई थी. जांच में शामिल अधिकारियों के इंटेशन पर भी सवाल उठाए गए हैं. इस मामले में 65 लोगों के बयान दर्ज किए गए है. कुछ लोगों ने 3 से 4 बार अपना बयान बदला था. आर्यन खान मामले की जांच के दौरान कुछ दूसरे मामलों की जांच में भी खामियां मिली हैं. सूत्रों ने बताया कि इन सभी मामलों में रिपोर्ट भेज दी गई है.

जांच में कुछ लोगों के खिलाफ सिलेक्टिव होने की बात भी सामने आई है. इस मामले में 7 से 8 NCB अधिकारियों की भूमिका संदेहास्पद है, जिसकी विभागीय जांच की शुरुआत की गई है. जो लोग एनसीबी के बाहर है उनके खिलाफ करवाई करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों से इजाजत मांगी गई है. बता दें कि मुंबई क्रूज केस में आर्यन खान को NCB ने क्लीनचिट दे दी है. इसके बाद इस केस की जांच से संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सरकार ने कार्रवाई का आदेश दिया था.

पढ़ें: नई दिल्ली: NCB ने ट्रांस-नेशनल ड्रग्स सिंडिकेट का किया भंडाफोड़, भारी मात्रा में कोकीन बरामद

आर्यन खान को पिछले साल दो अक्टूबर को क्रूज पर छापेमारी के दौरान पकड़ा गया था और 22 दिन जेल में बिताने के बाद उन्हें जमानत मिली थी. एनसीबी के एक अधिकारी ने कहा कि एनसीबी के शीर्ष अधिकारियों, एसआईटी द्वारा गठित विशेष जांच दल ने आज दिल्ली में एनसीबी मुख्यालय को अपनी सतर्कता रिपोर्ट सौंपी. आर्यन खान मामले में जांच अधिकारियों द्वारा कदाचार के आरोपों की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया था. एसआईटी ने अन्य संबंधित और असंबंधित मामलों की जांच में भी खामियां पाईं.

अब दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों से दो तरह से निपटा जा सकता है. गंभीर आरोपों के सिद्ध होने पर उन्हें सेवा से बर्खास्त किया जा सकता है. जबकि हल्के वाले अधिकारियों को विभागीय कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा.

Last Updated : Oct 19, 2022, 11:14 AM IST
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