ETV Bharat / bharat

नाबालिग से दुष्कर्म मामले में दोषी को फांसी की सजा, पीड़िता को 10 लाख का मुआवजा

बिहार में अररिया स्पेशल पोक्सो कोर्ट ने नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म के दोषी को फांसी की सजा सुनाई (Araria Special POCSO Court Sentenced to Death) है. न्याय से जुड़े लोग इस फैसले को सही करार दे रहे हैं. पढ़ें रिपोर्ट.

symbolic photo
प्रतीकात्मक फोटो
author img

By

Published : Jan 27, 2022, 5:40 PM IST

Updated : Jan 27, 2022, 7:50 PM IST

अररिया: बिहार में अररिया स्पेशल पोक्सो कोर्ट ने नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म मामला (Araria Minor Rape Case) में दोषी करार देते हुए दोषी को फांसी की सजा सुनाई है. इस ऐतिहासिक फैसले से जहां पीड़ित परिवार संतुष्ट है. वहीं, न्याय से जुड़े लोग भी इसे सही करार दे रहे हैं. वहीं, विपक्ष के अधिवक्ता का कहना है कि अब आगे हाईकोर्ट में अपील की जाएगी. मामला महिला थाना कांड संख्या 137/ 2021 का है.

नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म के दोषी को फांसी की सजा

घटना अररिया के भरगामा के बिरनागर की है. जहां 1 दिसंबर 2021 को एक 6 साल की बच्ची के साथ मोहम्मद मेजर ने दुष्कर्म जैसे घिनौने अपराध (Araria Mohammed Major Sentenced To Death) को अंजाम दिया था. उस कांड में पुलिस ने 12 दिनों बाद आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया था. इस कांड में पुलिस की ओर से 25 जनवरी 2022 को गवाह और अंतिम रिपोर्ट दाखिल कर दिया था, जिसमें गवाहों के बयान और पुलिस द्वारा प्रस्तुत किए गए साक्ष्य और एफएसएल की रिपोर्ट के आधार पर न्यायालय ने पूरी सुनवाई कर फैसला सुरक्षित रखा था.

इसी मामले में सोमवार 27 जनवरी को पोक्सो कोर्ट के स्पेशल जज शशिकांत राय ने अपना फैसला सुनाया है. उन्होंने फैसले में बताया है कि मोहम्मद मेजर आदतन अपराधी है. उसके कई मामले अन्य थानों में भी दर्ज हैं. उसी को आधार बनाते हुए और उसकी आपराधिक प्रवृत्ति को देखते हुए ऐसे लोग को पृथ्वी पर रहने का कोई अधिकार नहीं है, इसलिए अदालत दोषी को फांसी की सजा (Death Sentence to guilty of Minor Rape Case) सुनाती है.

यह भी पढ़ें- Delhi Gangrape Case : दिल्ली पुलिस ने चार आरोपियों को किया गिरफ्तार, एक्शन में महिला आयोग

दरअसल, यह सजा महिला थाना थाना कांड संख्या 137/ 21 एससी एसटी एक्ट के तहत दी गई. वहीं, पोक्सो एक्ट 4 के तहत आजीवन कारावास और 10 हजार का जुर्माना लगाया गया. वहीं, स्पेशल जज शशिकांत राय ने आदेश दिया कि पीड़ित बच्ची की पढ़ाई, रहन-सहन और भरण पोषण के लिए 10 लाख का मुआवजा भी दे. बचाव पक्ष के वकील मो मुजाहिद ने इस मामले में उच्च न्यायालय में अपील करने की बात कही है. पीड़ित पिता ने इस फैसले को समाज के हित में बताया है. वहीं, पैनल अधिवक्ता एलपी नायक ने इस फैसले को ऐतिहासिक बताया है.

अररिया: बिहार में अररिया स्पेशल पोक्सो कोर्ट ने नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म मामला (Araria Minor Rape Case) में दोषी करार देते हुए दोषी को फांसी की सजा सुनाई है. इस ऐतिहासिक फैसले से जहां पीड़ित परिवार संतुष्ट है. वहीं, न्याय से जुड़े लोग भी इसे सही करार दे रहे हैं. वहीं, विपक्ष के अधिवक्ता का कहना है कि अब आगे हाईकोर्ट में अपील की जाएगी. मामला महिला थाना कांड संख्या 137/ 2021 का है.

नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म के दोषी को फांसी की सजा

घटना अररिया के भरगामा के बिरनागर की है. जहां 1 दिसंबर 2021 को एक 6 साल की बच्ची के साथ मोहम्मद मेजर ने दुष्कर्म जैसे घिनौने अपराध (Araria Mohammed Major Sentenced To Death) को अंजाम दिया था. उस कांड में पुलिस ने 12 दिनों बाद आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया था. इस कांड में पुलिस की ओर से 25 जनवरी 2022 को गवाह और अंतिम रिपोर्ट दाखिल कर दिया था, जिसमें गवाहों के बयान और पुलिस द्वारा प्रस्तुत किए गए साक्ष्य और एफएसएल की रिपोर्ट के आधार पर न्यायालय ने पूरी सुनवाई कर फैसला सुरक्षित रखा था.

इसी मामले में सोमवार 27 जनवरी को पोक्सो कोर्ट के स्पेशल जज शशिकांत राय ने अपना फैसला सुनाया है. उन्होंने फैसले में बताया है कि मोहम्मद मेजर आदतन अपराधी है. उसके कई मामले अन्य थानों में भी दर्ज हैं. उसी को आधार बनाते हुए और उसकी आपराधिक प्रवृत्ति को देखते हुए ऐसे लोग को पृथ्वी पर रहने का कोई अधिकार नहीं है, इसलिए अदालत दोषी को फांसी की सजा (Death Sentence to guilty of Minor Rape Case) सुनाती है.

यह भी पढ़ें- Delhi Gangrape Case : दिल्ली पुलिस ने चार आरोपियों को किया गिरफ्तार, एक्शन में महिला आयोग

दरअसल, यह सजा महिला थाना थाना कांड संख्या 137/ 21 एससी एसटी एक्ट के तहत दी गई. वहीं, पोक्सो एक्ट 4 के तहत आजीवन कारावास और 10 हजार का जुर्माना लगाया गया. वहीं, स्पेशल जज शशिकांत राय ने आदेश दिया कि पीड़ित बच्ची की पढ़ाई, रहन-सहन और भरण पोषण के लिए 10 लाख का मुआवजा भी दे. बचाव पक्ष के वकील मो मुजाहिद ने इस मामले में उच्च न्यायालय में अपील करने की बात कही है. पीड़ित पिता ने इस फैसले को समाज के हित में बताया है. वहीं, पैनल अधिवक्ता एलपी नायक ने इस फैसले को ऐतिहासिक बताया है.

Last Updated : Jan 27, 2022, 7:50 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.