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ट्रेंड के चक्कर में महिलाओं में बढ़ी धूम्रपान की लत, जानिए गर्भवती महिलाओं को हो सकती है ये परेशानी

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Published : May 30, 2023, 10:59 PM IST

Updated : May 31, 2023, 9:54 PM IST

Smoking addiction among women
ट्रेंड के चक्कर में महिलाओं में बढ़ी धूम्रपान की लत

काॅलेज गोइंग लड़कियों के साथ ही महिलाओं में धूम्रपान को लेकर आकर्षण बढ़ा है. बदलते ट्रेंड में खुद को माॅडर्न दिखाने की चाहत में यूथ धूम्रपान के भंवर में फंस रहे हैं तो वहीं महिलाएं भी खुद की सेहत से खिलवाड़ कर रही हैं. गर्भावस्था के दौरान धूम्रपान की लत का बच्चे पर इतना खतरनाक असर पड़ता है कि उसकी ग्रोथ तक रुक जाती है. इतनी ही नहीं कई बार डिलीवरी के समय खून का ज्यादा बहाव होने से जान पर भी बन आती है.

महिलाओं में बढ़ी धूम्रपान की लत

रायपुर: पुरुषों के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने के लिए महिलाओं ने काफी मेहनत की है. मेडिकल से लेकर शिक्षा और सेवा से लेकर कला और फिल्म तक के क्षेत्र में काफी अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं. लेकिन बढ़ती आधुनिकता और फेमिनिज्म के इस दौर में महिलाओं ने एक बुरी लत को भी अपनी जिंदगी का हिस्सा बना लिया है. उन्हें अंदाजा भी नहीं कि यह धीमा जहर न केवल उनकी सेहत को बिगाड़ रहा है, बल्कि गर्भावस्था को दौरान ऐसा करके वो अपने होने वाले बच्चे की जान भी जोखिम में डाल रही हैं.

Smoking addiction among women
महिलाओं में बढ़ी धूम्रपान की लत

प्रजनन से जुड़ी समस्याओं का करना पड़ रहा सामना: धूम्रपान की वजह से महिलाओं को प्रजनन से जुड़ी कई समस्याओं से जूझना पड़ता है. डाक्टर भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ रुचि गुप्ता का कहना है कि "तंबाकू सेवन का प्रभाव गर्भावस्था के दौरान केवल मां पर ही नहीं शिशु पर भी पड़ता है. जो महिलाएं पहले से ही धूम्रपान करती आ रही हैं वे बहुत मुश्किल से गर्भ धारण कर पाती हैं. वहीं गर्भावस्था के दौरान धूम्रपान करने से प्लेसेंटा प्रीविया जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है. इस बीमारी में महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान या डिलीवरी से समय अत्यधिक रक्त का बहाव हो सकता है. इसके अलावा गर्भ में बच्चे का ग्रोथ ना होना, गर्भ में ही बच्चे की मौत हो जाना जैसी स्थिति का सामना भी करना पड़ सकता है.

Smoking addiction among women
महिलाओं में बढ़ी धूम्रपान की लत

दूसरों की नकल करने के चक्कर में लग रही लत: ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे की 2016-17 रिपोर्ट के मुताबिक 17 परसेंट पुरुष तो वहीं 2 परसेंट महिलाएं धूम्रपान के आदि हैं. योग टीचर मधु बहादुर सिंह के मुताबिक "आजकल के बच्चे देखा देखी इस तरह के काम कर रहे हैं. वे इसका परिणाम नहीं समझ रहे." गृहिणी कशिश खेमानी, अनीता और काजल का भी यही मानना है. उनके मुताबिक "बच्चों को आजकल लगता है कि धूम्रपान एक ट्रेंड है. अपने आइडियल क्रिकेटर और फिल्म स्टार को ऐड करते हुए देखकर उन्हें लगता है कि यह एक फैशन है और यही ट्रेंड कर रहा है. इसलिए धूम्रपान करने लगते हैं, जिसका पता पेरेंट्स को बहुत लेट लता है."

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रायपुर के 16 नशा मुक्ति केंद्र ने 192 लोगों का छुड़ाया नशा: रायपुर जिले में 16 नशा मुक्ति केंद्र संचालित हैं, जिनमें से एक रायपुर जिला अस्पताल भी है. अभी तक लगभग 30000 से 32000 लोगों ने जांच कराई है और इसमें से 192 लोगों ने तंबाकू का सेवन छोड़ दिया है. जिला अस्पताल के सीएमएचओ डाॅ मिथिलेश चतुर्वेदी ने बताया कि "जांच कराने वालों से बात करने पर पता चला कि वर्तमान में नशा केवल नशा नहीं है. वह अपने आप को आधुनिक समाज के अनुसार मॉडर्न बताने का एक सर्वश्रेष्ठ तरीका है. शुरुआत में तो लोगों को पता ही नहीं चलता है कि वह खुद को आधुनिक बताने के चक्कर में अपने शरीर को नुकसान पहुंचा रहे हैं."

Smoking addiction among women
महिलाओं में बढ़ी धूम्रपान की लत

आधुनिकता की चमक में शायद युवा पीढ़ी को धूम्रपान के नुकसान भले ही न दिख रहे हों, लेकिन तजुर्बेकार अभिभावक और बुजुर्ग तो जानते ही हैं. ऐसे में युवाओं को इससे बचाने का बीड़ा भी इन्हीं के कंधे पर है. नशा मुक्ति केंद्रों को खोलकर सरकार भी इस काम में मदद के लिए आगे आई है. एक कदम आप भी बढ़ाएं और अपने बच्चों को धूम्रपान की लत से बचाएं.

Last Updated :May 31, 2023, 9:54 PM IST
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