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ISIS मॉड्यूल में फंसा हजारीबाग! कई आतंकी स्लीपर सेल हो चुके गिरफ्तार, जानिए कौन है झारखंड एटीएस की कैद में आया मोहम्मद नसीम?

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 8, 2023, 10:56 PM IST

झारखंड एटीएस ने दो ISIS आतंकियों को गिरफ्तार किया है. इसमें एक आतंकी मोहम्मद नसीम भी है जो हजारीबाग का रहने वाला है. हजारीबाग में लगातार आतंकी कनेक्शन सामने आ रहे हैं. यह आतंकियों के स्लीपर सेल का हब बनता जा रहा है. मोहम्मद नसीम की गिरफ्तारी कुछ इसी ओर इशारा कर रही है. Hazaribag ISIS terrorist connection.

Hazaribag ISIS terrorist connection
Hazaribag ISIS terrorist connection

हजारीबाग: झारखंड का हजारीबाग आतंकियों का स्लीपर सेल बनता जा रहा है. इसकी जड़ें ISIS मॉड्यूल में गहरी होती जा रही हैं. एक महीने में झारखंड से पांच संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है. जिसमें दो संदिग्ध आतंकी हजारीबाग जिले के ही हैं. 2002 में पहली बार आतंकियों के मामले में हजारीबाग का नाम सामने आया था. इसके बाद हजारीबाग में कई आतंकी मारे भी गए हैं और कुछ को गिरफ्तार भी किया गया है. ऐसे में देश की सर्वोच्च जांच एजेंसी एनआईए की रडार पर हमेशा से ही हजारीबाग रहा है. एक बार फिर एक कट्टर आतंकी गिरफ्तार हुआ है. जो हजारीबाग के कटकमसांडी का रहने वाला है.

यह भी पढ़ें: ISIS से जुड़े दो आतंकी गिरफ्तार, झारखंड एटीएस ने की कार्रवाई

देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए सरकारी एजेंसियां और भी ज्यादा सतर्क हो गईं हैं. इसी कारण लगातार आतंकियों की गिरफ्तारी हो रही है. पिछले दो दशक में अब तक हुई जांच और कार्रवाई में यह बात सामने आयी है कि हजारीबाग का पेलावल का इलाका आतंकियों का पनाहगाह बनता जा रहा है. जहां स्लीपर सेल विकसित हुए हैं. हाल के दिनों में दो आतंकियों की गिरफ्तारी से भी इसकी पुष्टि हो रही है.

2 अक्टूबर को हुई थी पहली गिरफ्तारी: इसका ताजा और प्रत्यक्ष उदाहरण पिछले एक महीने में इस मॉड्यूल के गिरफ्तार पांच आतंकी हैं, जिनमें से दो हजारीबाग के पेलावल के हैं. आईएसआईएस मॉड्यूल मामले में पहली गिरफ्तारी 2 अक्टूबर को शाहनवाज आलम की दिल्ली से हुई थी. जांच में पता चला कि वह मूल रूप से झारखंड के हजारीबाग के पेलावल थाना अंतर्गत पगमिल का रहने वाला है. वह एनआईए की मोस्ट वांटेड लिस्ट में था.

शाहनवाज आलम ने 2016 में एनआईटी नागपुर से बी.टेक (माइनिंग) की पढ़ाई की और वर्तमान में दिल्ली के अबुल फजल एन्क्लेव में रह रहा था. उसने टेलीग्राम के जरिए कट्टरवाद का पाठ पढ़ा. इसके बाद वह लॉकडाउन के दौरान हजारीबाग आया और यहां उसे 2020 में आर्म्स एक्ट में हथियार के साथ गिरफ्तार कर लिया गया था. बाद में वह जेल से रिहा हो गया था. जिसके बाद उसे एक आईईडी विशेषज्ञ के रूप में भी जाना जाता था. एनआईए ने उस पर 3 लाख रुपये का इनाम रखा था.

साधारण परिवार से है मोहम्मद नसीम: वहीं इस बार झारखंड एटीएस की टीम ने पेलावल थाना क्षेत्र के हजारीबाग कटकमसांडी निवासी मोहम्मद नसीम उर्फ मोहम्मद मोहसिन, पिता मोहम्मद जालिम को गिरफ्तार किया है. वह एक साधारण परिवार से है. 10 साल पहले मोहम्मद नसीम के परिवार ने पेलावल में मकान बनाया था. उसके तीन भाई और एक बहन है. मोहम्मद नसीम घर में सबसे बड़ा है. उसकी गिरफ्तारी के बाद उसके घर के आसपास भी सन्नाटा पसरा हुआ है. इस मुद्दे पर कोई बात नहीं करना चाहता. लेकिन आतंकी गतिविधियों में उसकी गिरफ्तारी की बात भी पुष्टि हो चुकी है. बताया जाता है कि नसीम ने बेंगलुरु में इंजीनियरिंग की उच्च शिक्षा भी हासिल की है. शाहनवाज ने भी इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है, आशंका जताई जा रही है कि लॉकडाउन के दौरान नसीम भी शाहनवाज के करीब आया होगा और वह स्लीपर सेल के तौर पर काम कर रहा था.

बड़ा मॉड्यूल किया जा रहा था तैयार: हजारीबाग के कटकमसांडी थाना क्षेत्र के महतो टोला निवासी मोहम्मद नसीम को एटीएस की टीम की गिरफ्तारी के बाद बताया जा रहा है कि यह एक बड़ा मॉड्यूल तैयार कर रहा था. जिसमें 30 से अधिक युवक शामिल बताये जा रहे हैं. यह मॉड्यूल मुख्य रूप से सांप्रदायिक दंगे, पथराव और स्थिति को असामान्य कैसे बनाया जाए, इस पर तैयार किया गया था. जो फिलिस्तीन जाने की योजना बना रहा था. उनका पासपोर्ट भी तैयार हो गया था. जानकारी के मुताबिक वह बेंगलुरु में नौकरी करता था. अब भी एटीएस की टीम उससे गुप्त स्थान पर पूछताछ कर रही है.

2002 से ही आतंकियों का पनाहगाह बना हजारीबाग: 2002 से ही हजारीबाग को आतंकियों के लिए पनाहगाह के रूप में देखा जाता रहा है. 2002 में पहली बार कोलकाता में अमेरिकन सेंटर पर हमले के मामले में सदर थाना क्षेत्र के खीरगांव में एक प्रशासनिक अधिकारी के घर में चार आतंकियों को पनाह मिली थी. 2017 में दूसरी बार हजारीबाग का आतंकी कनेक्शन तब सामने आया जब संदिग्ध आतंकी हमदान उर्फ समीउल रहमान उर्फ शुमोन हक उर्फ राजू रोहिंग्या मामले में युवाओं को भड़काने और मिजोरम और मणिपुर में खूंखार आतंकी संगठन अल कायदा का बेस कैंप बनाने की तैयारी में जुटे संदिग्ध आतंकवादी का हमदान उर्फ समीउल रहमान उर्फ शुमोन हक उर्फ राजू भाई का झारखंड कनेक्शन सामने आया. कार्रवाई से बचने के लिए हमदान करीब चार-पांच दिनों तक हजारीबाग में रुका था. इस दौरान उसने जैन पेट्रोल पंप के पास स्थित होटल मयूरी को अपना ठिकाना बनाया था.

यह भी पढ़ें: मस्जिद अल-अक्सा को यहूदियों के कब्जे से मुक्त करवाना था ISIS आतंकियों का लक्ष्य, पाकिस्तान-अफगानिस्तान से भी जुड़े हैं तार

2012 में 29 फरवरी को पेलावल के कश्मीर हाउस से लश्कर आतंकी तौफीक को गिरफ्तार किया गया था. उसकी निशानदेही पर एनआईए ने उसके दिल्ली के साथी एहतेशाम को गिरफ्तार किया था. जांच में यह भी पता चला कि तौफीक ने मांडू कॉलेज से इंटरमीडिएट की पढ़ाई की थी. जब उसे गिरफ्तार किया गया, तो वह खुद को बचाने और छिपाने के लिए सेंट कोलंबस कॉलेज में पार्ट वन की पढ़ाई करने लगा था.

हजारीबाग: झारखंड का हजारीबाग आतंकियों का स्लीपर सेल बनता जा रहा है. इसकी जड़ें ISIS मॉड्यूल में गहरी होती जा रही हैं. एक महीने में झारखंड से पांच संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है. जिसमें दो संदिग्ध आतंकी हजारीबाग जिले के ही हैं. 2002 में पहली बार आतंकियों के मामले में हजारीबाग का नाम सामने आया था. इसके बाद हजारीबाग में कई आतंकी मारे भी गए हैं और कुछ को गिरफ्तार भी किया गया है. ऐसे में देश की सर्वोच्च जांच एजेंसी एनआईए की रडार पर हमेशा से ही हजारीबाग रहा है. एक बार फिर एक कट्टर आतंकी गिरफ्तार हुआ है. जो हजारीबाग के कटकमसांडी का रहने वाला है.

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देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए सरकारी एजेंसियां और भी ज्यादा सतर्क हो गईं हैं. इसी कारण लगातार आतंकियों की गिरफ्तारी हो रही है. पिछले दो दशक में अब तक हुई जांच और कार्रवाई में यह बात सामने आयी है कि हजारीबाग का पेलावल का इलाका आतंकियों का पनाहगाह बनता जा रहा है. जहां स्लीपर सेल विकसित हुए हैं. हाल के दिनों में दो आतंकियों की गिरफ्तारी से भी इसकी पुष्टि हो रही है.

2 अक्टूबर को हुई थी पहली गिरफ्तारी: इसका ताजा और प्रत्यक्ष उदाहरण पिछले एक महीने में इस मॉड्यूल के गिरफ्तार पांच आतंकी हैं, जिनमें से दो हजारीबाग के पेलावल के हैं. आईएसआईएस मॉड्यूल मामले में पहली गिरफ्तारी 2 अक्टूबर को शाहनवाज आलम की दिल्ली से हुई थी. जांच में पता चला कि वह मूल रूप से झारखंड के हजारीबाग के पेलावल थाना अंतर्गत पगमिल का रहने वाला है. वह एनआईए की मोस्ट वांटेड लिस्ट में था.

शाहनवाज आलम ने 2016 में एनआईटी नागपुर से बी.टेक (माइनिंग) की पढ़ाई की और वर्तमान में दिल्ली के अबुल फजल एन्क्लेव में रह रहा था. उसने टेलीग्राम के जरिए कट्टरवाद का पाठ पढ़ा. इसके बाद वह लॉकडाउन के दौरान हजारीबाग आया और यहां उसे 2020 में आर्म्स एक्ट में हथियार के साथ गिरफ्तार कर लिया गया था. बाद में वह जेल से रिहा हो गया था. जिसके बाद उसे एक आईईडी विशेषज्ञ के रूप में भी जाना जाता था. एनआईए ने उस पर 3 लाख रुपये का इनाम रखा था.

साधारण परिवार से है मोहम्मद नसीम: वहीं इस बार झारखंड एटीएस की टीम ने पेलावल थाना क्षेत्र के हजारीबाग कटकमसांडी निवासी मोहम्मद नसीम उर्फ मोहम्मद मोहसिन, पिता मोहम्मद जालिम को गिरफ्तार किया है. वह एक साधारण परिवार से है. 10 साल पहले मोहम्मद नसीम के परिवार ने पेलावल में मकान बनाया था. उसके तीन भाई और एक बहन है. मोहम्मद नसीम घर में सबसे बड़ा है. उसकी गिरफ्तारी के बाद उसके घर के आसपास भी सन्नाटा पसरा हुआ है. इस मुद्दे पर कोई बात नहीं करना चाहता. लेकिन आतंकी गतिविधियों में उसकी गिरफ्तारी की बात भी पुष्टि हो चुकी है. बताया जाता है कि नसीम ने बेंगलुरु में इंजीनियरिंग की उच्च शिक्षा भी हासिल की है. शाहनवाज ने भी इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है, आशंका जताई जा रही है कि लॉकडाउन के दौरान नसीम भी शाहनवाज के करीब आया होगा और वह स्लीपर सेल के तौर पर काम कर रहा था.

बड़ा मॉड्यूल किया जा रहा था तैयार: हजारीबाग के कटकमसांडी थाना क्षेत्र के महतो टोला निवासी मोहम्मद नसीम को एटीएस की टीम की गिरफ्तारी के बाद बताया जा रहा है कि यह एक बड़ा मॉड्यूल तैयार कर रहा था. जिसमें 30 से अधिक युवक शामिल बताये जा रहे हैं. यह मॉड्यूल मुख्य रूप से सांप्रदायिक दंगे, पथराव और स्थिति को असामान्य कैसे बनाया जाए, इस पर तैयार किया गया था. जो फिलिस्तीन जाने की योजना बना रहा था. उनका पासपोर्ट भी तैयार हो गया था. जानकारी के मुताबिक वह बेंगलुरु में नौकरी करता था. अब भी एटीएस की टीम उससे गुप्त स्थान पर पूछताछ कर रही है.

2002 से ही आतंकियों का पनाहगाह बना हजारीबाग: 2002 से ही हजारीबाग को आतंकियों के लिए पनाहगाह के रूप में देखा जाता रहा है. 2002 में पहली बार कोलकाता में अमेरिकन सेंटर पर हमले के मामले में सदर थाना क्षेत्र के खीरगांव में एक प्रशासनिक अधिकारी के घर में चार आतंकियों को पनाह मिली थी. 2017 में दूसरी बार हजारीबाग का आतंकी कनेक्शन तब सामने आया जब संदिग्ध आतंकी हमदान उर्फ समीउल रहमान उर्फ शुमोन हक उर्फ राजू रोहिंग्या मामले में युवाओं को भड़काने और मिजोरम और मणिपुर में खूंखार आतंकी संगठन अल कायदा का बेस कैंप बनाने की तैयारी में जुटे संदिग्ध आतंकवादी का हमदान उर्फ समीउल रहमान उर्फ शुमोन हक उर्फ राजू भाई का झारखंड कनेक्शन सामने आया. कार्रवाई से बचने के लिए हमदान करीब चार-पांच दिनों तक हजारीबाग में रुका था. इस दौरान उसने जैन पेट्रोल पंप के पास स्थित होटल मयूरी को अपना ठिकाना बनाया था.

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2012 में 29 फरवरी को पेलावल के कश्मीर हाउस से लश्कर आतंकी तौफीक को गिरफ्तार किया गया था. उसकी निशानदेही पर एनआईए ने उसके दिल्ली के साथी एहतेशाम को गिरफ्तार किया था. जांच में यह भी पता चला कि तौफीक ने मांडू कॉलेज से इंटरमीडिएट की पढ़ाई की थी. जब उसे गिरफ्तार किया गया, तो वह खुद को बचाने और छिपाने के लिए सेंट कोलंबस कॉलेज में पार्ट वन की पढ़ाई करने लगा था.

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