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लखीमपुर हिंसा : 22 किसानों को समन, चार और आरोपी गिरफ्तार

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Published : Oct 18, 2021, 8:09 PM IST

Updated : Oct 18, 2021, 8:25 PM IST

यूपी के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने 22 किसानों को नोटिस देकर समन जारी किया है. इस संबंध में 10 से अधिक किसान आज एसआईटी के सवालों के जवाब देने के लिए हाजिर हुए.

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लखीमपुर खीरी : तिकोनिया में बीते 3 अक्टूबर को हुई हिंसा के मामले में बीजेपी कार्यकर्ता की तहरीर के आधार पर पुलिस ने जांच आगे बढ़ा दी है. पुलिस ने 22 किसानों को इस मामले में नोटिस देकर समन जारी किया है. इनमें से 5 किसान सोमवार दोपहर को एसआईटी दफ्तर में हाजिर हुए. इसके बाद एक-एक करके करीब 10 से अधिक किसानों ने देर शाम तक अपने बयान दर्ज कराए. वकीलों को लेकर पहुंचे इन किसानों से एसआईटी पूछताछ कर रही है. वहीं मामले में चार और आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है.

करीब 11 बजे पुलिस लाइन स्थित क्राइम ब्रांच दफ्तर में किसान कमलजीत सिंह, गुरवन्त सिंह, रूप सिंह, परगट सिंह और गुरमीत सिंह सिख संगठन के अध्यक्ष जसवीर सिंह विर्क अपने वकील के साथ पहुंचे. एसआईटी दफ्तर में पांचों किसानों से एसआईटी के डीआईजी उपेंद्र अग्रवाल एक-एक करके बुलाकर पूछताछ कर रहे हैं. किसानों के वकील मोहम्मद अमान ने बताया कि बीजेपी कार्यकर्ता सुमित जायसवाल उर्फ मोदी ने जो तहरीर देकर एफआईआर कराई है, उसी के सिलसिले में एसआईटी ने 22 किसानों को नोटिस जारी किया है.

एसआईटी से समक्ष पेश हुए किसान.

किसानों पर गाड़ी चढ़ने के मामले में एक प्रमुख चश्मदीद सुमित जायसवाल उर्फ मोदी की 15 दिन बाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस क्राइम ब्रांच ने सदर कोतवाली थानाक्षेत्र के अयोध्यापुर निवासी सुमित जायसवाल पुत्र स्वर्गीय ओम प्रकाश जायसवाल निवासी अयोध्यापुरी, बनवीरपुर निवासी शिशुपाल पुत्र बहोरीलाल, गाजीपुर में फैजाबाद रोड पर स्थित लक्ष्मणपुरी कॉलोनी निवासी नंदन सिंह बिष्ट पुत्र बच्ची सिंह थाना कौशांबी के करारी निवासी सत्य प्रकाश उर्फ सत्यम त्रिपाठी पुत्र चंद्रशेखर त्रिपाठी उर्फ महावीर को क्राइम ब्रांच की स्वाट टीम ने गिरफ्तार किया. इनमें से सत्यम त्रिपाठी के पास से एक जिंदा कारतूस भी बरामद की गई है.

तीन अक्टूबर को तिकोनिया में डिप्टी सीएम और खीरी के सांसद एवं गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी का विरोध करने के लिए इकट्ठा हुए किसानों पर गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा पर थार चढ़ाने का आरोप है. इस मामले में थार के पीछे एक फॉर्च्यूनर और स्कॉर्पियो गाड़ी थी. आरोप है कि ये गाड़ियां भी किसानों को रौंदते हुए तेज रफ्तार से निकली थीं. इनमें से थार और फार्च्यूनर में आगजनी हो गई थी. वहीं स्कार्पियो तेजी से निकल गई थी. एसआईटी टीम ने इस मामले को लेकर किसानों की एफआईआर दर्ज होने के बाद से ही सुमित जायसवाल की तलाश में लग गई थी. सुमित जायसवाल ही वो शख्स है, जो थार में था और जिंदा बचा है. तीन अक्टूबर को थार से किसानों को रौंदने, इसके बाद उपजी हिंसा और आगजनी में सुमित मोदी ही वो शख्स है, जिसकी गवाही महत्वपूर्ण मानी जा रही है.

एसआईटी जिन सवालों के जवाब ढूंढ रही, उनके जवाब सुमित से मिल सकते हैं. इनमें सबसे अहम सवाल है कि थार में क्या तीन अक्टूबर को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा था या नहीं? वहीं फार्च्यूनर में सवार ड्राइवर और स्कार्पियो का ड्राइवर भी मुंह खोलेंगे तो वारदात के कई राज सामने आएंगे.

3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया में किसानों के प्रदर्शन के दौरान केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी की थार गाड़ी किसानों पर चढ़ गई थी, जिसमें चार किसानों और एक पत्रकार की मौत हो गई थी. बाद में हुई हिंसा में तीन बीजेपी कार्यकर्ताओं की मौत हो गई थी. इस कांड को लेकर सोमवार को भी देशभर में संयुक्त किसान मोर्चा ने 6 घंटे तक रेल रोको अभियान चलाया था. केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी की गिरफ्तारी और बर्खास्तगी की मांग लगातार किसान कर रहे हैं.

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Last Updated : Oct 18, 2021, 8:25 PM IST
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