ETV Bharat / bharat

अरुणाचल हेलीकॉप्टर त्रासदी : 12 वर्षों में आठ हेलीकॉप्टर और दो कार्गो विमान हो चुके दुर्घटनाग्रस्त

author img

By

Published : Oct 23, 2022, 2:22 PM IST

Updated : Oct 23, 2022, 4:21 PM IST

अरुणाचल हेलीकॉप्टर त्रासदी
अरुणाचल हेलीकॉप्टर त्रासदी

अरुणाचल प्रदेश में पिछले 12 सालों में आठ हेलीकॉप्टर और दो कार्गो विमान दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं. हेलीकॉप्टर दुर्घटना में कुल 62 लोगों की मौत हुई है. इधर, सेना ने अरुणाचल प्रदेश में शुक्रवार को दुर्घटनाग्रस्त हुए उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर (एएलएच) के ब्लैक बॉक्स का पता लगाने के लिए अभियान शुरू कर दिया है.

तेजपुर/ईटानगर : पिछले 12 वर्षों में उत्तरपूर्वी हिमालयी तलहटी राज्य अरुणाचल प्रदेश में आठ हेलीकॉप्टर दुर्घटनाएं हुई हैं. इनमें से तीन पवन हंस हेलीकॉप्टर हैं और पांच भारतीय सेना और वायु सेना के हेलीकॉप्टर हैं. अकेले हेलीकॉप्टर दुर्घटना में कुल 62 लोगों की मौत हो गई है. कई बार ऐसी दुर्घटनाएं प्रतिकूल मौसम की स्थिति और कभी-कभी यांत्रिक विफलताओं के कारण होती हैं. इसके अलावा, अरुणाचल प्रदेश के ऊंचे पहाड़ों और घनी पहाड़ियों पर उड़ने वाले हेलीकॉप्टरों को विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ता है. प्रतिकूल मौसम इसकी प्रमुख वजहों में से एक है. हालांकि, हर दुर्घटना के बाद कारणों को सार्वजनिक नहीं किया जाता.

अरुणाचल प्रदेश में एएलएच का ब्लैक बॉक्स खोज रही सेना

इधर, सेना ने अरुणाचल प्रदेश में शुक्रवार को दुर्घटनाग्रस्त हुए उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर (एएलएच) के ब्लैक बॉक्स का पता लगाने के लिए अभियान शुरू कर दिया है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. ब्लैक बॉक्स खोजने के लिए असम के जोरहाट से 21 पैरा (विशेष बल) के कर्मियों को मिगिंग के पास दुर्घटनास्थल पर उतारा गया है. यह दुर्घटनास्थल चीन की सीमा से लगभग 35 किलोमीटर दूर है.

  • 19 नवंबर, 2010 को पश्चिम अरुणाचल प्रदेश के तवांग जिले से सेना के एक ब्रिगेड के 19 सदस्यों को लेकर जा रहा एक हेलीकॉप्टर गुवाहाटी के लिए उड़ान भरने के बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया. हादसे में एक लेफ्टिनेंट कर्नल समेत कुल 19 लोगों की मौत हो गई थी.
  • 17 अप्रैल 2011 को गुवाहाटी से तवांग (अरुणाचल में सेना का हेलीकॉप्टर क्रैश) के लिए उतरते समय एक यात्री पवन हंस हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. हादसे में कुल 17 यात्रियों की मौत हो गई. इनमें दो पायलट, दो बच्चे और चालक दल के पांच सदस्य शामिल हैं.
  • अप्रैल 2011 में ही पूरी दुनिया को चिंतित करने वाला भयानक हेलीकॉप्टर दुर्घटना हुआ जिसमें अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दोरजे कहंडू का हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया. 30 अप्रैल, 2011 की सुबह, पवन हंस का AS350 B-3 हेलीकॉप्टर तवांग हेलीपैड से उड़ान भरने के 20 मिनट के भीतर संपर्क खो गया और चेला दर्रे पर 13,700 फीट की ऊंचाई पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया. हादसे में पूर्व मुख्यमंत्री समेत कुल पांच लोगों की मौत हो गई.
  • खांडू के साथ सुरक्षा अधिकारी येशी छोडक, तवांग विधानसभा के विधायक चेयांग धांडुप की बहन येशी लामू और दो पायलट कैप्टन केएस मलिक और क्रू कैप्टन जेएस बब्बर की मौत हो गई. दुर्घटना के छह दिन बाद, इसरो ने दुर्घटनास्थल का पता लगाने के लिए भारतीय वायु सेना के सुखोई एसयू -30 एमकेआई विमान से उपग्रह चित्र एकत्र किए. बचाव अभियान में कुल 3,500 सुरक्षा बलों, सेना, आईटीबीपी, एसएसबी, अरुणाचल प्रदेश पुलिस, स्थानीय लोगों और भूटानी सरकारी सुरक्षा बलों को तैनात किया गया था.
  • 4 अगस्त 2015 को पूर्वी अरुणाचल प्रदेश के तिरप जिले के खुंसर में वायु सेना का एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. दुर्घटना में एक वरिष्ठ भारतीय प्रशासनिक अधिकारी कमलेश जोशी और दो अन्य की मौत हो गई.
  • 2017 में, अरुणाचल प्रदेश के पापुम पारे जिले में वायु सेना का एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई. यह हादसा पहाड़ों में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण हुआ.
  • 6 अक्टूबर, 2017 को तवांग से उड़ान भरने के बाद वायुसेना का एमआई-17वी5 हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया. हादसे में कुल सात लोगों की मौत हो गई. MI-17V5 को भारतीय वायु सेना के सबसे उन्नत सैन्य हेलीकॉप्टर के रूप में जाना जाता है. 2016 में, भारत ने उन्नत तकनीक के साथ रूस से हेलीकॉप्टर खरीदा.
  • 5 अक्टूबर, 2022 को, तवांग जिले के लुंफू के पास भारत-चीन सीमा पर जेमिथंग ब्रिज के पास दैनिक उड़ान के दौरान एक भारतीय सेना का चीता हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया. एक लेफ्टिनेंट कर्नल सौरव यादव की मौत हो गई और दूसरे का अभी भी इलाज चल रहा है.
  • 21 अक्टूबर, 2022 को, पूर्वी अरुणाचल प्रदेश के दक्षिणी चियांग जिले में तुतिंग से 25 किमी दूर एक आर्मी एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर (एएलएच) दुर्घटनाग्रस्त हो गया. लिकाबली से सीमा की ओर उड़ान भरने के 20 मिनट बाद शुक्रवार सुबह 10 बजकर 43 मिनट पर हादसा हुआ. सेना के पांच जवानों को लेकर जा रहा हेलीकॉप्टर पूरी तरह जलकर खाक हो गया. हादसे में मेजर बिकाश भंभू, मेजर मुस्तफा भोरा, कैप्टन अश्विन केवी, हबीदार बिरेश सिंह और नायक रोहितास कुमार की मौत हो गई.
  • इसके अलावा, दो वायु सेना कार्गो एंटोनोव एएन 32 एस पूर्वी अरुणाचल प्रदेश के मेचुका में दुर्घटनाग्रस्त हो गए. 2009 में, जोरहाट वायु सेना हवाई अड्डे से मेचुका के लिए उड़ान भरने वाला एक एएन 32 कार्गो विमान 13,000 फीट की ऊंचाई पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया. विमान में 13 यात्री सवार थे.।3 जून 2019 को जोरहाट राया एयर बेस से उड़ान भरते समय हेलीकॉप्टर मेचुका से 50 किमी दूर दुर्घटनाग्रस्त हो गया. हादसे में पायलट समेत वायुसेना के कुल 13 जवानों की मौत हो गई. घटना के आठ दिन बाद 11 जून को वायु सेना के हेलीकॉप्टर से 12 हजार फीट की ऊंचाई पर शव बरामद किए गए.
Last Updated :Oct 23, 2022, 4:21 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.