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SC ने पत्रकार सिद्दीक कप्पन की जमानत याचिका पर यूपी सरकार से मांगा जवाब

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Published : Aug 29, 2022, 6:34 PM IST

Updated : Aug 29, 2022, 11:09 PM IST

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सिद्दीक कप्पन

केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन को अक्टूबर 2020 में हाथरस में कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार पीड़िता की मौत के बाद वहां जाते वक्त रास्ते में गिरफ्तार कर लिया गया था. SC on Siddique Kappan bail plea

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन की जमानत याचिका (bail plea of journalist Siddique Kappan) पर उत्तर प्रदेश सरकार से सोमवार को जवाब देने को कहा. कप्पन को अक्टूबर 2020 में हाथरस में कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार पीड़िता की मौत के बाद वहां जाते वक्त रास्ते में गिरफ्तार कर लिया गया था. प्रधान न्यायाधीश उदय उमेश ललित एवं न्यायमूर्ति एस. रवींद्र भट्ट की पीठ (SC on Siddique Kappan bail plea) ने उत्तर प्रदेश के गृह विभाग से कप्पन की याचिका पर पांच सितंबर तक जबाव देने को कहा और याचिका पर अंतिम सुनवाई के लिए उसके चार दिन बाद की तारीख निर्धारित की.

कप्पन की ओर से पेश वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि पत्रकार अक्टूबर 2020 से जेल में है और उन पर आतंकी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है. वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा, 'आरोप पत्र में जो आरोप लगाए गए हैं वे ये हैं कि पीएफआई (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) ने उनके मुवक्किल को आतंकी गतिविधियों के लिए 45,000 रुपये दिए.' उन्होंने कहा कि कप्पन पर गैर कानूनी गतिविधियां (निषेध) अधिनियम (UAPA) के तहत मामला दर्ज किया गया है. सिब्बल ने कहा कि ये केवल आरोप हैं और पीएफआई प्रतिबंधित संगठन तक नहीं है.

वरिष्ठ अधिवक्ता ने अपनी दलील में कहा कि उनके मुवक्किल का पीएफआई से कोई लेना-देना नहीं है. वह एक पत्रकार हैं. वह एक बार एक मीडिया संस्थान में काम करते थे जिसका कथित तौर पर पीएफआई से कोई संबंध था. वह अब उस संस्थान के साथ काम नहीं करते. उन्होंने कहा कि अन्य पत्रकारों की ही भांति कप्पन भी हाथरस जा रहे थे. वहीं, राज्य सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता गरिमा प्रसाद ने कहा कि मामले में आठ आरोपी हैं और दो गवाहों को धमकाया गया है.

वर्तमान मामले के दो आरोपी क्रमश: दिल्ली दंगों और बुलंदशहर दंगों से जुड़े मामले में कथित रूप से शामिल हैं. पीठ ने कप्पन के वकील को पांच सितंबर के बाद तीन दिन के भीतर प्रत्युतर दाखिल करने का निर्देश दिया और कहा, 'हम मामले को अगले शुक्रवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करते हैं आप (राज्य सरकार) जबाव दाखिल करिए.'

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इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने इस माह की शुरुआत में कप्पन की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. उनके खिलाफ हाथरस मामले में गैर कानूनी गतिविधियां (निषेध) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया गया है. पीएफआई से कथित संबंध रखने वाले चार लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और यूएपीए के विभिन्न प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है. पीएफआई पर पहले भी देशभर में संशोधित नागरिकता अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के लिए वित्तपोषण करने का आरोप लगा था. पुलिस ने पहले दावा किया था कि आरोपी हाथरस में कानून-व्यवस्था को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे थे.

Last Updated :Aug 29, 2022, 11:09 PM IST
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