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उत्तराखंड में हिमयुग! जम गए नदी-नाले और झरने

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Published : Dec 24, 2022, 2:56 PM IST

उत्तराखण्ड में ठंड(Uttarakhand started getting cold) बढ़ने लगी है. मैदानी इलाकों में घना कोहरा(Dense fog in plains of Uttarakhand) दुश्वारियां बढ़ा रहा है. पहाड़ों के कुछ एक इलाकों में बर्फ (Snowfall in hilly areas of Uttarakhand) भी पड़ने लगी हैं. ऊंची-ऊंची चोटियों पर हिमपात हो रहा है. जिससे निचने इलाकों में ठंड बढ़ने लगी है.

उत्तराखंड में हिमयुग
उत्तराखंड में हिमयुग

उत्तराखंड में हिमयुग.

देहरादून: उत्तर भारत में ठंड का प्रकोप बढ़ने लगा है. पिछले एक हफ्ते में मौसम ने तेजी से करवट बदली है. उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा में सुबह धुंध दिखने लगी है. साथ ही शीतलहर भी चलने लगी है. पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में भी हालात ठंड (Uttarakhand started getting cold) से और भी कठिन होते जा रहे हैं. उत्तराखंड के तराई इलाकों में कोहरा (Dense fog in plains of Uttarakhand) देखा जा रहा है. वहीं, पहाड़ी इलाकों में अब झरने और पानी के दूसरे स्रोत बर्फ में तब्दील हो गए हैं. मौसम विभाग का कहना है कि यह अभी ठंड की शुरुआत है. 25 दिसंबर के बाद उत्तराखंड में बर्फ (Snowfall in hilly areas of Uttarakhand ) पड़ सकती है. जिसके बाद हालात और बिगड़ेंगे.

उत्तराखंड में दिखने लगा ठंड का असर: पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के चलते उत्तराखंड में तापमान में लगातार गिरावट दर्ज (Fall in temperature in Uttarakhand) की जा रही है. पिछले 24 घंटे में उत्तराखंड में तापमान 3.1 गिरा है. जिस वजह से उत्तराखंड के कुमाऊं से लेकर गढ़वाल तक ठंड का प्रकोप देखा जा रहा है. उत्तरकाशी के हर्षिल (Snowfall in Harsil of Uttarkashi) और आसपास के इलाकों में ठंड इतनी बढ़ गई है कि पहाड़ों से झरने की जगह बर्फ लटकी हुई दिखाई दे रही है.

जम गए नदी-नाले और झरने
जम गए नदी-नाले और झरने.

उत्तरकाशी के ऊपरी इलाकों में बर्फबारी भी हुई है. जिस वजह से ठंड का प्रकोप इस इलाके में ज्यादा देखा जा रहा है. स्थानीय लोगों का कहना है जब तक बारिश नहीं होती तब तक पूरे इलाके में सूखी ठंड का प्रकोप अधिक रहेगा. बारिश होने के बाद यह ठंड बर्फ में तब्दील हो जाएगी. प्रशासन ने उत्तरकाशी के मुख्य इलाकों में अलाव की व्यवस्था की है.

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जम गए नीती घाटी के झरने: ऐसा ही हाल भगवान बदरी के द्वार जोशीमठ में भी है. जोशीमठ में कई झरने और पानी की टंकियां पूरी तरह से जम गए हैं. लोगों का कहना है कि हर साल ऐसे हालात बनते हैं. जोशीमठ से आई तस्वीरें भी यह बता रही है ठंड की वजह से जमीन पर जो पानी तेज गति से बहता था, वह भी बर्फ के जमने से शीशे की तरह दिखाई दे रहा है. बता दें पहाड़ों में जब नलों में पानी की जगह बर्फ के टुकड़े आने लगते हैं, तब इन बर्फ के टुकड़ों को गर्म करके इस्तेमाल किया जाता है.

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कठिन मौसम में भी मुस्तैदी से डटे रहते हैं सेना के जवान: उत्तराखंड में बड़ा इलाका तिब्बत और चीन सीमा के साथ-साथ नेपाल सीमा से भी सटा हुआ है. ऐसे में हमारे सेना के जवानों को भी इस दौरान ड्यूटी करने और रसद सामग्री ले जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. बावजूद इसके चीन विवाद के बाद उत्तराखंड के सीमावर्ती इलाकों में सेना की अधिक तैनाती की गई है. उन इलाकों में बर्फबारी के बीच भारतीय सेना के जवान मुस्तैदी से अपनी ड्यूटी दे रहे हैं. हालांकि, अभी बर्फबारी की उन इलाकों में शुरुआत है जो फरवरी महीने के अंत तक निरंतर जारी रहेगी.

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जल्द होगी बारिश और बढ़ेगी ठंड: मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 घंटे में उत्तराखंड का तापमान 22 डिग्री तक रहने के आसार हैं. मौसम विभाग के निदेशक विक्रम सिंह (Meteorological Department Director Vikram Singh) कहते हैं कि 25 तारीख के बाद उत्तराखंड में मैदान और पहाड़ी इलाकों में बारिश की संभावनाएं बन रही हैं. उसके बाद ठंड का असर उत्तराखंड में अचानक बढ़ जाएगा.

उत्तराखंड में बर्फ भले ही अभी ना पड़ी हो लेकिन मसूरी, धनौल्टी, टिहरी गढ़वाल के ऊपरी इलाकों के साथ-साथ कुमाऊं के कई इलाकों में पाला पड़ने लगा है. पाला पड़ने की वजह से सड़के बेहद खतरनाक हो जाती हैं. ऐसे में गाड़ी चलाने वाले लोगों से भी संभलकर चलने की अपील की जा रही है.

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