ETV Bharat / bharat

Sedition law 124 A: चिदंबरम बोले- शासकों को दुरुपयोग का निमंत्रण देता है राजद्रोह कानून

author img

By

Published : Jun 3, 2023, 1:59 PM IST

P Chidambaram
पी चिदंबरम

विधि आयोग ने देशद्रोह कानून का समर्थन किया है. विधि आयोग ने कहा है कि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 124ए को बनाए रखने की आवश्यकता है. विधि आयोग की रिपोर्ट पर कानून मंत्री राजद्रोह कानून पर विचार-विमर्श किया. वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा है कि राजद्रोह कानून शासकों को दुरुपयोग का निमंत्रण देता है.

नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने विधि आयोग द्वारा राजद्रोह के अपराध संबंधी दंडात्मक प्रावधान का समर्थन किए जाने के बाद शनिवार को कहा कि यह देखकर दुख होता है कि कुछ न्यायाधीश और पूर्व न्यायाधीश वास्तविक दुनिया से कितने कटे हुए हैं. उन्होंने यह दावा भी किया किया कि यह कानून शासकों को इसके दुरुपयोग का निमंत्रण देता है.

पूर्व गृह मंत्री ने ट्वीट किया, 'भारतीय दंड संहिता की धारा 124 ए (राजद्रोह) की वैधानिकता की जांच-परख करने वाले विधि आयोग के सुझाव कुछ ऐसे हैं जैसे किसी चिकित्सक द्वारा सुझाया गया उपचार बीमारी से भी ज्यादा खतरनाक हो.' उन्होंने कहा, 'जब राजद्रोह के कानून को निरस्त करने की मांग हो रही है, ऐसे समय विधि आयोग ने सिफारिश की है कि सजा को तीन साल से बढ़ाकर सात साल किया जाए.'

चिदंबरम ने दावा किया, 'इस तरह का खतरनाक कानून शासकों को इस बात का निमंत्रण है कि वे इसका दुरुपयोग करें. यह बात कई बार साबित हो चुकी है.' उन्होंने यह भी कहा, 'यह देखकर दुख होता है कि कुछ न्यायाधीश और पूर्व न्यायाधीश इस तरह से वास्तविक दुनिया से कटे हुए हैं.'

उल्लेखनीय है कि विधि आयोग ने राजद्रोह के अपराध संबंधी दंडात्मक प्रावधान का समर्थन करते हुए कहा है कि इसे पूरी तरह से निरस्त करने से देश की सुरक्षा और अखंडता पर गंभीर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है. उच्चतम न्यायालय के एक आदेश के चलते भारतीय दंड संहिता की राजद्रोह संबंधी धारा 124ए फिलहाल स्थगित है.

ये भी पढ़ें-

पिछले साल 11 मई को एक ऐतिहासिक आदेश में शीर्ष अदालत ने राजद्रोह संबंधी औपनिवेशिक युग के दंडात्मक कानून पर तब तक के लिए रोक लगा दी थी जब तक कि ‘उचित’ सरकारी मंच इसकी समीक्षा नहीं करता. इसने केंद्र और राज्यों को इस कानून के तहत कोई नयी प्राथमिकी दर्ज नहीं करने का निर्देश दिया था. शीर्ष अदालत ने व्यवस्था दी थी कि देशभर में राजद्रोह कानून के तहत जारी जांच, लंबित मुकदमों और सभी कार्यवाही पर भी रोक रहेगी.

(पीटीआई-भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.