भीलवाड़ा. चंद्रयान 3 चांद पर जरूर पहुंचेगा, जिसके बाद पूरे विश्व में भारत का गौरव बढ़ेगा. साइंटिस्ट मनीष पुरोहित का कहना है कि कि चंद्रयान 2 में हुई गलती को सुधार लिया गया है. उन्होंने कहा कि 23 अगस्त को चांद पर चंद्रयान उतरने वाला है, जिसको लेकर देशवासियों में खुशी है. उन्होंने काह कि देश के लिए यह बहुत बड़ी उपलब्धि होगी. चांद पर चंद्रयान-3 सॉफ्ट लैंडिंग करेगा, जो अभी तक कोई देश नहीं कर पाया है. इसके बाद पूरे विश्व की नजर भारत पर होगी. कोई भी देश कुछ भी नया करना चाहेगा तो भारत की तरफ देखेगा.
ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान मनीष पुरोहित ने पूरी प्रक्रिया समझाते हुए कहा कि अभी हमारा चंद्रयान का विक्रम लैंडर चांद से 25 किलोमीटर दूर है. 23 अगस्त को 25 किलोमीटर से हम चंद्रयान 3 को जमीन पर उतारने की कोशिश करेंगे. यह पूरा 17 से 18 मिनट का प्रोसेस होता है. उस समय हमारा विक्रम लैंडर चांद की सतह से नीचे उतरने में 25 किलोमीटर की दूरी 17 मिनट में तय करेगा. 10 सेकंड में 1 पॉइंट 6 किलोमीटर की दूरी तय करेगा. जमीन से 800 मीटर दूरी से चंद्रयान-3 में लगे सेंसर से पहले फोटो खींचे जाएंगे, फिर वह धीरे-धीरे आगे बढ़ता जाएगा. चंद्रयान-3 में लगे सेंसर के जरिए क्लेरिफिकेशन होने के बात उसे चांद की धरती पर उतारा जाएगा.
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Chandrayaan-3 Mission:
— ISRO (@isro) August 21, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
‘Welcome, buddy!’
Ch-2 orbiter formally welcomed Ch-3 LM.
Two-way communication between the two is established.
MOX has now more routes to reach the LM.
Update: Live telecast of Landing event begins at 17:20 Hrs. IST.#Chandrayaan_3 #Ch3
">Chandrayaan-3 Mission:
— ISRO (@isro) August 21, 2023
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इसरो दावा कर रहा है कि हर हाल में सफलता मिलेगी. इस सवाल पर साइंटिस्ट ने कहा कि चंद्रयान-2 में जो गलतियां हुईं थीं उन सारी गलतियों को हमने डिटेल में पढ़ा. उसके बाद उसमें सुधार किया. Chandrayaan 3 में हर बात का ध्यान रखा गया है. सेंसर व कैमरा में सुधार किया गया है. चंद्रयान-2 के समय 38 सेकंड का कुछ ऐसा समय आ गया था कि उस समय चंद्रयान-2 में Error आ गया था. इस बार ऐसा सुधार किया कि Error नहीं आएगा.
पढे़ं : New Picture : ISRO ने अत्याधुनिक LHDAC में कैद चंद्रमा के सुदूर भाग की तस्वीरें जारी कीं
उन्होंने कहा कि चंद्रयान 2 में पांच इंजन थे. इस बार एक इंजन को कम किया है व चार इंजन के भरोसे ही हैं. इस बार फ्यूल ज्यादा लेकर गए हैं, क्योंकि फ्यूल की कमी ज्यादा घातक होती है. छोटे-छोटे बहुत सारे बदलाव किए गए हैं. मनीष पुरोहित ने कहा कि इस बार सत प्रतिशत सफलता मिलेगी.
चंद्रयान 3 चांद पर जरूर पहुंचेगा, जिसके बाद पूरे विश्व में भारत का गौरव बढ़ेगा. साइंटिस्ट मनीष पुरोहित का कहना है कि कि चंद्रयान 2 में हुई गलती को सुधार लिया गया है. उन्होंने कहा कि 23 अगस्त को चांद पर चंद्रयान उतरने वाला है, जिसको लेकर देशवासियों में खुशी है. उन्होंने काह कि देश के लिए यह बहुत बड़ी उपलब्धि होगी. चांद पर चंद्रयान-3 सॉफ्ट लैंडिंग करेगा, जो अभी तक कोई देश नहीं कर पाया है. इसके बाद पूरे विश्व की नजर भारत पर होगी. कोई भी देश कुछ भी नया करना चाहेगा तो भारत की तरफ देखेगा.
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Chandrayaan-3 Mission:
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Here are the images of
Lunar far side area
captured by the
Lander Hazard Detection and Avoidance Camera (LHDAC).
This camera that assists in locating a safe landing area -- without boulders or deep trenches -- during the descent is developed by ISRO… pic.twitter.com/rwWhrNFhHB
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This camera that assists in locating a safe landing area -- without boulders or deep trenches -- during the descent is developed by ISRO… pic.twitter.com/rwWhrNFhHBChandrayaan-3 Mission:
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Lunar far side area
captured by the
Lander Hazard Detection and Avoidance Camera (LHDAC).
This camera that assists in locating a safe landing area -- without boulders or deep trenches -- during the descent is developed by ISRO… pic.twitter.com/rwWhrNFhHB
मनीष पुरोहित ने पूरी प्रक्रिया अपने मोबाइल के जरिए समझाते हुए कहा कि अभी हमारा चंद्रयान का विक्रम लैंडर चांद से 25 किलोमीटर दूर है. 23 अगस्त को 25 किलोमीटर से हम चंद्रयान 3 को जमीन पर उतारने की कोशिश करेंगे. यह पूरा 17 से 18 मिनट का प्रोसेस होता है. उस समय हमारा विक्रम लैंडर चांद की सतह से नीचे उतरने में 25 किलोमीटर की दूरी 17 मिनट में तय करेगा. 10 सेकंड में 1 पॉइंट 6 किलोमीटर की दूरी तय करेगा. जमीन से 800 मीटर दूरी से चंद्रयान-3 में लगे सेंसर से पहले फोटो खींचे जाएंगे, फिर वह धीरे-धीरे आगे बढ़ता जाएगा. चंद्रयान-3 में लगे सेंसर के जरिए क्लेरिफिकेशन होने के बात उसे चांद की धरती पर उतारा जाएगा.
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इसरो दावा कर रहा है कि हर हाल में सफलता मिलेगी. इस सवाल पर साइंटिस्ट ने कहा कि चंद्रयान-2 में जो गलतियां हुईं थीं उन सारी गलतियों को हमने डिटेल में पढ़ा. उसके बाद उसमें सुधार किया. Chandrayaan 3 में हर बात का ध्यान रखा गया है. सेंसर व कैमरा में सुधार किया गया है. चंद्रयान-2 के समय 38 सेकंड का कुछ ऐसा समय आ गया था कि उस समय चंद्रयान-2 में Error आ गया था. इस बार ऐसा सुधार किया कि Error नहीं आएगा.
उन्होंने कहा कि चंद्रयान 2 में पांच इंजन थे. इस बार एक इंजन को कम किया है व चार इंजन के भरोसे ही हैं. इस बार फ्यूल ज्यादा लेकर गए हैं, क्योंकि फ्यूल की कमी ज्यादा घातक होती है. छोटे-छोटे बहुत सारे बदलाव किए गए हैं. मनीष पुरोहित ने कहा कि इस बार सत प्रतिशत सफलता मिलेगी.