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'कोवैक्सीन पर WHO के फैसले की प्रतीक्षा करें': SC में पुन: टीकाकरण की मांग वाली याचिका स्थगित

सुप्रीम कोर्ट पुन: टीकाकरण के विकल्प की मांग वाली जनहित याचिका पर दीपावली की छुट्टी के बाद सुनाई करेगा. याचिका में कोवैक्सीन को डब्ल्यूएचओ की मंजूरी नहीं मिलने के मद्देनजर, जिन लोगों को कोवैक्सीन लग चुका है, उन्हें कोविशील्ड का फिर से टीका लगाए जाने की मांग की गई है.

सुप्रीम कोर्ट
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Published : Oct 29, 2021, 5:06 PM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट पुन: टीकाकरण के विकल्प की मांग वाली जनहित याचिका पर दीपावली की छुट्टी के बाद सुनाई करेगा. याचिका में कोवैक्सीन को डब्ल्यूएचओ की मंजूरी नहीं मिलने के मद्देनजर, जिन लोगों को कोवैक्सीन लग चुका है, उन्हें कोविशील्ड का फिर से टीका लगाए जाने की मांग की गई है.

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा, 'यह बताया गया है कि भारत बायोटेक (कोवैक्सीन के संबंध में) ने डब्ल्यूएचओ को स्पष्टीकरण के लिए नई प्रस्तुति की है. निर्णय आने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि हम आपकी तरह ही अखबार पढ़ रहे हैं. आइए दीपावली के बाद तक थोड़ा इंतजार करें. अगर डब्ल्यूएचओ से मंजूरी मिल जाती है, तो कोई परेशानी नहीं होगी.'

ये भी पढ़ें - दिल्ली हाईकोर्ट 18 नवंबर को पीएम केयर्स फंड से संबंधित याचिका पर सुनवाई करेगा

याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वकील ने छात्रों, अन्य लोगों के साथ-साथ विदेश यात्रा करने वाले छात्रों को होने वाली असुविधा का आग्रह किया, जिन्हें कोवैक्सrन की मंजूरी नहीं मिलने के कारण मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है.

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने टिप्पणी की, 'हम कैसे कह सकते हैं कि जो लोग टीके की पहली डोज प्राप्त कर लिए हैं, उन्हें दूसरा टीका लगवाने की अनुमति कैसे दे सकते हैं? हम नहीं जानते कि जटिलताएं क्या होंगी. हम लोगों के जीवन के साथ नहीं खेल सकते. हम नहीं जानते कि परिणाम क्या होंगे.'

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट पुन: टीकाकरण के विकल्प की मांग वाली जनहित याचिका पर दीपावली की छुट्टी के बाद सुनाई करेगा. याचिका में कोवैक्सीन को डब्ल्यूएचओ की मंजूरी नहीं मिलने के मद्देनजर, जिन लोगों को कोवैक्सीन लग चुका है, उन्हें कोविशील्ड का फिर से टीका लगाए जाने की मांग की गई है.

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा, 'यह बताया गया है कि भारत बायोटेक (कोवैक्सीन के संबंध में) ने डब्ल्यूएचओ को स्पष्टीकरण के लिए नई प्रस्तुति की है. निर्णय आने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि हम आपकी तरह ही अखबार पढ़ रहे हैं. आइए दीपावली के बाद तक थोड़ा इंतजार करें. अगर डब्ल्यूएचओ से मंजूरी मिल जाती है, तो कोई परेशानी नहीं होगी.'

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याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वकील ने छात्रों, अन्य लोगों के साथ-साथ विदेश यात्रा करने वाले छात्रों को होने वाली असुविधा का आग्रह किया, जिन्हें कोवैक्सrन की मंजूरी नहीं मिलने के कारण मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है.

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने टिप्पणी की, 'हम कैसे कह सकते हैं कि जो लोग टीके की पहली डोज प्राप्त कर लिए हैं, उन्हें दूसरा टीका लगवाने की अनुमति कैसे दे सकते हैं? हम नहीं जानते कि जटिलताएं क्या होंगी. हम लोगों के जीवन के साथ नहीं खेल सकते. हम नहीं जानते कि परिणाम क्या होंगे.'

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