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TVF College Romance row: 'अभद्र भाषा यौन कृत्य के बराबर है या नहीं' पर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 27, 2023, 7:00 AM IST

एक यूट्यूब वेब सीरीज में अश्लीलता को लेकर बढ़े विवाद पर सुप्रीम कोर्ट इसकी सुनवाई करने पर राजी हो गई है. वेब सीरीज में अश्लीलता को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने कड़ी टिप्पणी की थी.

SC agrees to examine whether vulgar language amounts to a sexually explicit act
सुप्रीम कोर्ट इसकी जांच पर हुई सहमत कि क्या अभद्र भाषा स्पष्ट यौन कृत्य के बराबर है

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को इस बात की जांच करने के लिए सहमत हो गया कि क्या कॉलेज रोमांस नामक यूट्यूब वेब सीरीज में अश्लील भाषा का उपयोग सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 67 ए के तहत 'स्पष्ट रूप से यौन कृत्य' है. इस साल मार्च में दिल्ली उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया था कि ओवर-द-टॉप (ओटीटी) प्लेटफॉर्म पर स्ट्रीम होने वाली वेब सीरीज 'कॉलेज रोमांस' में इस्तेमाल की गई भाषा गंदी, अभद्र, अश्लील थी जो युवाओं के दिमाग को दूषित कर सकती थी.

उच्च न्यायालय की एकल-न्यायाधीश न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा के अनुसार एपिसोड में इस्तेमाल की गई भाषा की अश्लीलता इतनी चरम थी कि चैंबर में सुनना उनके लिए असंभव था. सुप्रीम कोर्ट की एक पीठ जिसमें न्यायमूर्ति ए.एस. बोपन्ना और एम.एम. सुंदरेश इस बात की जांच करने के लिए सहमत हुए कि क्या 'कृत्य' शब्द में बोली जाने वाली भाषा भी शामिल है. वेब सीरीज निर्माताओं ने उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया है.

वेब सीरीज निर्माताओं का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि यह अश्लीलता का मामला नहीं है और अश्लील भाषा का मामला अश्लीलता का मामला नहीं है और दोनों अलग-अलग हैं. रोहतगी ने जोर देकर कहा कि सीरीज में युवाओं को असभ्य भाषा में बात करते हुए दिखाया गया है और ये धारा 67 ए के तहत अपराध नहीं बनता है, और स्क्रीन पर स्पष्ट यौन शारीरिक कृत्य का कोई चित्रण नहीं था.

धारा 67ए पर पीठ ने रोहतगी से कहा कि उनकी व्याख्या तकनीकी है और वह दावा कर रहे हैं कि स्पष्ट यौन कृत्य शारीरिक कृत्य तक ही सीमित है. पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय ने माना था कि बोले गए शब्द भी धारा 67ए के तहत 'स्पष्ट रूप से यौन कृत्य' के दायरे में आएंगे. दलीलें सुनने के बाद शीर्ष अदालत ने मामले की आगे की सुनवाई 31 अक्टूबर को निर्धारित की. धारा 67ए (यौन कृत्य वाली सामग्री का प्रकाशन या प्रसारण) के तहत पहली बार दोषी पाए जाने पर व्यक्ति को पांच साल तक की कैद और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है. दोबारा अपराध करने पर सात साल की जेल और 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाने का प्रावधन है.

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हाईकोर्ट ने अश्लील भाषा को लेकर वेब सीरीज 'कॉलेज रोमांस' के खिलाफ की गई कार्रवाई को सही ठहराया था. हाईकोर्ट अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश और अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) के आदेश के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था. एसीसीएम ने पुलिस को याचिकाकर्ता के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 292 और 294 और आईटी अधिनियम की धारा 67 और 67ए के तहत एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया था.

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