ETV Bharat / bharat

Watch Video: अयोध्या के 5000 मंदिरों में सावन झूला उत्सव की धूम, जानिए मान्यता और महत्व

author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 28, 2023, 9:49 AM IST

अयोध्या के पांच हजार से अधिक मंदिरों में इन दिनों सावन झूला उत्सव की धूम है. चलिए जानते हैं इस उत्सव की मान्यता और महत्व के बारे में.

Etv Bharat
Etv Bharat

अयोध्या के मंदिरों में धूमधाम से मनाया जा रहा सावन झूला उत्सव.

अयोध्या: मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की पावन जन्मस्थली अयोध्या में इन दिनों उत्सव सा माहौल है. रामनगरी में इन दिनों सावन झूला मेला की धूम है.नाग पंचमी के पर्व के मौके पर अयोध्या के मंदिरों में पड़े झूलों पर विराजमान युगल सरकार की झांकी बरबस ही श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित कर रही है. प्रतिदिन युगल सरकार की सेवा में देर शाम अयोध्या के मंदिरों के प्रांगण में गायन, वादन व नृत्य की त्रिवेणी बह रही है. इस महारास उत्सव में शामिल होने के लिए देश दुनिया भर से भक्त अयोध्या पहुंच रहे हैं.

etv bharat
सावन झूला उत्सव.

ये है मान्यता
सावन झूला मेला उत्सव मनाने की परंपरा बेहद प्राचीन है. श्री राम जन्मभूमि में विराजमान रामलला सरकार के मुख्य अर्चक आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि पौराणिक मान्यता के अनुसार भगवान राम लाल के प्राकट्य के बाद जब रामलला सरकार 4 महीने के हो गए थे तब सावन का महीना आया था और मां कौशल्या सहित तीनों माताओं ने रामलला सरकार सहित चारों भाइयों को झूले पर झुलाया था और उन्हें कजरी गीत सुनाया था. तभी से यह परंपरा चली आ रही है. प्रत्येक वर्ष सावन के महीने में अयोध्या के विभिन्न मठों व मंदिरों में यह पर्व मनाया जाता है. इसमें प्रतिदिन युगल सरकार भगवान को विभिन्न सुंदर वस्त्र पहनकर झूले पर विराजमान किया जाता है और उन्हें झूला झुलाया जाता है. राम जन्मभूमि सहित अयोध्या के सभी मंदिरों में यहां परंपरा सदियों से चली आ रही है.

etv bharat
प्रभु राम के विग्रह का भव्य शृंगार मोह रहा मन.

मंदिरों के आंगन में गूंज रहे कजरी और बधाई गीत
अपने आराध्य की सेवा में मनाए जाने वाला सावन झूला का यह उत्सव रामनगरी की बेहद पुरानी परंपरा रही है. सदियों से सावन के महीने में नाग पंचमी के पर्व से लेकर सावन पूर्णिमा तक मंदिरों में झूले डालकर युगल सरकार को न सिर्फ झूला झुलाया जाता हैबल्कि कजरी के पद गाकर युगल सरकार का मनोरंजन भी किया जाता है.अयोध्या के लगभग 5000 से अधिक छोटे-बड़े मंदिरों में सावन झूला मेला उत्सव मनाया जा रहा है.जहां रोजाना विभिन्न प्रकार के गीत संगीत, कजरी बधाई गीत से भगवान की सेवा पूजा की जा रही है. इस उत्सव में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु धर्म नगरी अयोध्या पहुंचे हैं.

etv bharat
राम लला के दर्शन को उमड़ रहे भक्त.

5000 मंदिरों में मनाया जा रहा है यह उत्सव
धर्मनगरी में तो वैसे 5000 से अधिक छोटे-बड़े मंदिर हैं लेकिन प्रमुख रूप से श्री राम जन्मभूमि, कनक भवन, राजा दशरथ जी के महल, अशर्फी भवन, राम वल्लभा कुंज, दिव्या कला कुंज, विअहुति भवन, रंग महल, जानकी महल, राज सदन, रूप कला कुंज, मणिराम दास जी की छावनी जैसे प्रमुख मंदिरों में इस उत्सव की आभा देखते ही बन रही है.

etv bharat
मंदिरों में बड़ी संख्या में जुट रहे संत.



इस उत्सव में शामिल होने के लिए देश के कोने-कोने से श्रद्धालु अयोध्या पहुंचे हुए हैं. लगभग 10 दिनों तक चलने वाले उत्सव में शामिल होने के लिए हर वर्ग हर आयु के श्रद्धालु झूले पर विराजमान युगल सरकार के दर्शन को आतुर हैं.पौराणिक मान्यता है कि भगवान को झूले पर झूलने से श्रद्धालु की हर मनोकामना पूर्ण होती है.

etv bharat
चांदी का झूला बना आकर्षण का केंद्र.
etv bharat
राम दरबार के दर्शन को उमड़े भक्त.

सखी संप्रदाय सावन में करता आराध्य की सेवा
सावन झूला पर्व का बेहद भव्य स्वरूप रामनगरी अयोध्या में दिखाई देता है. सावन पूर्णिमा तक चलने वाले इस उत्सव में हर मंदिर में सखी संप्रदाय से जुड़े कलाकार कथक नृत्य, कजरी गीत और बधाई गाकर भगवान की सेवा करते हैं. सावन का यह खास पर्व इसलिए भी मशहूर है क्योंकि दूर दराज से आने वाले कलाकार मंदिरों में अपनी प्रस्तुतियां देते हैं. उन्हें देखने के लिए बरबस ही श्रद्धालुओं की भीड़ मंदिरों के आंगन में मौजूद होती है. उत्सव का यह सिलसिला 10 दिनों तक चलता है.सावन पूर्णिमा की अंतिम शाम यह महफिल अपने चरम पर होती है जिस दिन मंदिरों में सर्वाधिक श्रद्धालुओं की भीड़ होती है.

ये भी पढे़ंः Watch Video : यूपी के इस जिले में गदर-2 फिल्म देखने गया युवक चलते-चलते गिरा, हार्ट अटैक से मौत

ये भी पढ़ेंः मदुरै ट्रेन हादसे के पीड़ितों का दर्द, कहा- बोगी में भरा था धुआं, भागने की कोशिश की तो गेट भी बंद मिला

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.