यूक्रेन में जंग जारी है : चीन ने कहा, UNHRC से रूस का निलंबन 'खतरनाक', रूस ने कहा- हमें हुआ नुकसान

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Published : Apr 9, 2022, 7:16 AM IST

यूक्रेन में जंग जारी है

यूक्रेन युद्ध की आग में धधक रहा है.अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस जैसे ताकतवर देश रूस पर तरह-तरह की पाबंदियां लगा रहा है. इधर, यूक्रेन में रेलवे स्टेशन पर हुए हमले में 30 लोगों की मरने और 100 से अधिक के घायल होने की बात कही जा रही है. वहीं, रूस का कहना है कि युद्ध में उसे काफी नुकसान हुआ है. चीन का कहना है कि UNHRC से रूस को निलंबित करने के कदम ‘आग में घी’ डालने जैसा है.

कीव : यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध का आज 45वां दिन है. जंग के बीत राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि कीव के उत्तर पश्चिम में एक और शहर बोरोदियांका में मलबा हटाने का काम शुरू हो गया है. इस शहर पर रूसी सेना ने कब्जा जमा लिया था. उन्होंने कहा कि वहां रूसी सेना के और पीड़ित पाए जाने के साथ ही स्थिति कहीं अधिक डरावनी है. इधर रूस पर लगाम लगाने के लिए राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने ऐलान किया कि वह रूस की सबसे बड़ी सैन्य पोत निर्माण और हीरा खनन कंपनियों के खिलाफ प्रतिबंध लगा रहा है. इस कदम से उनकी अमेरिकी वित्तीय व्यवस्था तक पहुंच बाधित हो जाएगी. अमेरिका यूक्रेन पर आक्रमण करने के लिए राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर अधिक आर्थिक प्रतिबंध लगा रहा है. अमेरिका के वित्त विभाग के अनुसार, अलरोसा दुनिया की सबसे बड़ी हीरा खनन कंपनी है और रूस की हीरा खनन क्षमता के करीब 90 प्रतिशत के लिए जिम्मेदार है. अलरोसा ने 2021 में 4.2 अरब डॉलर का राजस्व कमाया था.

UNHRC से रूस को निलंबित करने के कदम को चीन ने ‘आग में घी’ डालने वाला बताया : यूक्रेन में नागरिकों की हुई हत्याओं को लेकर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) की रूस की सदस्यता निलंबित करने के प्रस्ताव के खिलाफ मतदान करने के एक दिन बाद चीन शुक्रवार को अपने ‘वोट’ का बचाव करते हुए कहा कि आनन-फानन में उठाया गया इस तरह का कदम एक खतरनाक उदाहरण स्थापित करेगा. उल्लेखनीय है कि 193 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र महासभा ने एक दुर्लभ कदम उठाते हुए रूस को यूएनएचआरसी से निलंबित करने के सिलसिले में अमेरिका द्वारा लाये गये एक मसौदा प्रस्ताव को स्वीकार करने के वास्ते मतदान किया. यह प्रस्ताव, यूक्रेन की राजधानी कीव के नजदीकी शहरों से लौट रहे रूसी सैनिकों द्वारा नागरिकों की हत्या करने के आरोपों को लेकर लाया गया था. प्रस्ताव के पक्ष में 93, विपक्ष में 24 मत पड़े और महासभा के 58 सदस्य देश मतदान से अनुपस्थित रहें.

भारत ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया. चीन का मित्र देश पाकिस्तान भी मतदान से अनुपस्थित रहा. घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा, यह आग में घी डालने जैसा है, जो संघर्ष को घटाने में मदद नहीं करेगा. उन्होंने कहा, ‘‘संबद्ध प्रस्ताव रूस को यूएनएचआरसी की उसकी सदस्यता से वंचित कर देगा और एक खतरनाक उदाहरण स्थापित करेगा. उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के किसी भी स्थायी सदस्य देश की सदस्यता इस वैश्विक संस्था की किसी भी इकाई से कभी भी निरस्त नहीं की गई है. मास्को का करीबी होने के नाते चीन ने यूक्रेन पर रूस के हमले की निंदा नहीं की है.

बूचा नरसंहार की हो रही निंदा : बूचा नरसंहार के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की (president of ukraine volodymyr zelensky) ने कहा था कि दुनिया उनके देश पर रूस को बर्बर हमला करने से रोकने में नाकाम रही. उन्होंने रूसी सैनिकों पर नागरिकों की हत्याएं करने, महिलाओं से बलात्कार करने और यातनाएं देने का भी आरोप लगाया था. इसके बाद रूस को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से निलंबित कर दिया गया. बता दें कि, मानवाधिकार परिषद में रूसी संघ की सदस्यता के निलंबन अधिकार’ शीर्षक वाले प्रस्ताव के खिलाफ 24 मत पड़े. मतदान से अनुपस्थित देशों में बांग्लादेश, भूटान, ब्राजील, मिस्र, इंडोनेशिया, इराक, मलेशिया, मालदीव, नेपाल, पकिस्तान, कतर, सउदी अरब, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका और संयुक्त अरब अमीरात भी शामिल हैं.

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जंग जारी है : यूक्रेन में 410 नागरिकों के शव राजधानी कीव के आसपास के शहरों में पाए गए थे, जिन्हें हाल के दिनों में रूसी सेना से फिर से कब्जे में लिया गया था. नौ लोगों के एक समूह के शव, सभी असैन्य कपड़ों में, एक ऐसी जगह के चारों ओर बिखरे हुए थे, जिसके बारे में निवासियों ने कहा था कि उस स्थान का इस्तेमाल रूसी सैनिकों ने अपने शिविर के रूप में किया था. ऐसा लग रहा था कि उन्हें काफी नजदीक से गोली मारी गई हो, उनमें से कम से कम दो के हाथ उनकी पीठ के पीछे बंधे हुए थे. कीव के पश्चिम में मोतिज़िन में, एपी पत्रकारों ने चार लोगों के शवों देखे जिन्हें पास से गोली मार दी गई थी और एक गड्ढे में फेंक दिया गया था. पश्चिमी और यूक्रेनी नेताओं ने पूर्व में रूस पर युद्ध अपराधों का आरोप लगाया है, और अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय के अभियोजकों ने युद्ध को लेकर एक जांच शुरू की है.

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