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ये है दुनिया की सबसे अधिक हीरों से बनी अंगूठी, इसमें हैं 26200 हीरे

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Published : Jan 10, 2023, 1:28 PM IST

मेरठ के ज्वैलर ने खास अंगूठी तैयार की है. दावा यह किया जा रहा है कि इस खास अंगूठी में 26 हजार से भी ज्यादा हीरे लगे हुए हैं. यानी सर्वाधिक हीरे जड़ी अंगूठी जिसका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है, उससे भी दो हजार अधिक हीरे इस मुद्रिका में लगाए गए हैं. देखें ईटीवी भारत की यह खास खबर.

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मुद्रिका अंगूठी में लगे हैं 26200 हीरे

मेरठः जिला एक बार फिर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड (Guinness Book of World Records) बनाने की तरफमे आगे बढ़ रहा है. इस बार हीरे की खास अंगूठी (ring) मेरठ में बनकर तैयार हुई है. इस बेहद ही खूबसूरत अंगूठी की एक झलक ही हर किसी को अपनी तरफ आकर्षित कर लेती है और दीवाना बना रही है. गौरतलब है कि अभी कुछ ही दिन हुए हैं, जब मेरठ के एक ज्वैलर ने दुनिया की सर्वाधिक हीरे जड़ित घड़ी बनाकर विश्व कीर्तिमान बनाया था. इसके लिए उनका नाम हाल ही में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है.

यूं तो वेस्टर्न यूपी के मेरठ की अपनी अलग ही कई पहचान हैं. कोई इसे पश्चिमी यूपी की राजधानी के नाम से पुकारता है, तो कोई इसे रावण की ससुराल के नाम से, तो वहीं क्रांतिधरा के तौर पर भी इस नगरी की पहचान है. मेरठ की एक पहचान और भी है मेरठ में बड़े पैमाने पर आभूषण तैयार होते हैं, जिसकी वजह से स्वर्ण नगरी (golden city) भी मेरठ को कहा जाता है.

अब मेरठ की आभूषण बनाने वाली फर्म डेजलिंग डायमंड (Dazzling Diamond) की तरफ से एक अनूठी अंगूठी तैयार की गई है. इस अंगूठी को लेकर इसके निर्माता विपुल अग्रवाल (Vipul Agarwal) का दावा है कि यह दुनिया की अब तक की सबसे अधिक हीरे जड़ित अंगूठी (diamond studded ring) है. इस अंगूठी का डिजाइन हर किसी को अपनी तरफ आकर्षित करता है, क्योंकि बेहद ही आकर्षक इस अंगूठी में 26 हजार से भी अधिक हीरे जड़े हैं. इस खास अंगूठी के बारे में ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान इसके निर्माता विपुल अग्रवाल ने बताया कि इस अंगूठी को देव मुद्रिका नाम दिया गया है.

डहेलिया के फूल जैसी दिखती है देव मुद्रिका
ज्वैलर विपुल अग्रवाल ने बताया कि इस अंगूठी को डहेलिया के फूल के डिजाइन की शेप देते हुए बनाने के बारे में प्लान किया गया था. इसे बनाते बनाते ही एकाएक अचानक विचार आया था कि यह अंगूठी वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बना सकती है.

दो अंगुलियों में पहनी जाएगी यह अंगूठी
विपुल ने बताया कि इस अंगूठी को देव मुद्रिका का नाम दिया है और 26 हजार 200 हीरे इसमें लगाए गए हैं. वह कहते हैं कि इतने हीरे अब से पहले दुनिया में कभी कहीं किसी अंगूठी में नहीं लगाए गए हैं. वह बताते हैं एक ही साइज के 26 हजार से अधिक हीरे खोजना भी काफी बड़ा चेलेंज होता है. उन्होंने बताया की इस अंगूठी को एक साथ दो अंगुलियों में पहना जाएगा.

तीन महीने में तैयार हुई है देव मुद्रिका
विपुल अग्रवाल ने बताया कि इसे बनाने में तीन महीने का समय लगा और इसे बनाने में 8 से 10 कारीगर लगातार नियमित इसे तैयार करने में लगे रहे. विपुल ने बताया पहले इसका सॉफ्टवेयर के जरिए डिजाइनिंग की गई. इसके बाद हस्तशिल्प का काम हुआ और अब उन्होंने इसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए आगे आवेदन कर दिया है.

अब तक 24 हजार हीरे जड़ित अंगूठी के नाम है वर्ल्ड रिकॉर्ड
विपुल ने बताया अभी जो सर्वाधिक हीरे जड़ित अंगूठी बनाने के लिए रिकॉर्ड है वह दक्षिण भारत की एक कंपनी के नाम है. उसमें 24 हजार हीरे लगे हुए हैं. अब से पहले आखिरी बार उसी अंगूठी के नाम वर्ल्ड रिकॉर्ड है.

गिनीज बुक में नाम दर्ज कराने के लिए किया गया है इसे ईजाद
विपुल ने कहा कि वह पूर्णतया आश्वस्त हैं कि पुराने रिकॉर्ड को तोड़कर मेरठ में बनाई गई देव मुद्रिका नामक अंगूठी सारे रिकॉर्ड तोड़कर नया कीर्तिमान स्थापित करके मेरठ समेत भारत का नाम रोशन करेगी. 24 हजार हीरे जड़ित अंगूठी के रिकॉर्ड के बाद किसी ने आगे नॉमिनेशन किया ही नहीं है. वह कहते हैं कि जबकि देव मुद्रिका में तो 26 हजार 200 हीरे लगाए गए हैं. उनका कहना है कि आगे भी वह इस तरह की कोशिश करते रहेंगे.

उन्होंने बताया कि डैजलिंग डायमंड की ओर से 26 हजार 200 हीरे जड़ी पुष्प आकृति वाली तैयार कराई गई इस अंगूठी के जरिए अब विश्व रिकॉर्ड बनाने के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड (Guinness Book of World Records) के लिए ऑनलाइन आवेदन कर दिया गया है. विपुल का कहना है कि उम्मीद है कि इस महीने में मेरठ के खाते में एक और नया विश्व रिकॉर्ड बन जाएगा.

कीमत रखी गई है गुप्त
जब इस बारे में कीमत की बात की गई कि इस पर कितना खर्चा तैयार करने में आया है, तो विपुल ने बताया कि यह दुनिया में एकमात्र ऐसी अंगूठी बनाई गई है. इसे फिलहाल वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के लिए तैयार किया गया है और जब गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज हो जाएगा, तो उसके बाद ही इसकी कीमत का निर्धारण किया जाएगा.

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