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एक स्लैब और कम दर वाली GST से गरीबों और मध्य वर्ग पर बोझ कम होगा: राहुल

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Published : Jul 5, 2022, 6:44 PM IST

Updated : Jul 5, 2022, 7:10 PM IST

जीएसटी को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने सरकार पर निशाना साधा है (Congress on revised GST). वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि जीएसटी का एक स्लैब और कम दर होने से गरीबों एवं मध्य वर्ग पर बोझ कम करने में मदद मिलेगी.

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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी

नई दिल्ली : कांग्रेस पार्टी ने कई वस्तुओं पर जीएसटी लगाने के सरकार के फैसले का विरोध किया है, जिन्हें पहले स्लैब से छूट दी गई थी, लेकिन पिछले हफ्ते हुई 47 वीं जीएसटी परिषद की बैठक के बाद जीएसटी के तहत शामिल किया गया है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के विषय को लेकर मंगलवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि जीएसटी का एक स्लैब और कम दर होने से गरीबों एवं मध्य वर्ग पर बोझ कम करने में मदद मिलेगी. उन्होंने ट्वीट किया, 'स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी 18 प्रतिशत, अस्पताल में कक्ष पर जीएसटी 18 प्रतिशत. हीरे पर जीएसटी 1.5 प्रतिशत. 'गब्बर सिंह टैक्स' इस बात का दुखद स्मरण कराता है कि प्रधानमंत्री किसका ख्याल रखते हैं.

राहुल गांधी ने कहा, 'एक स्लैब और कम दर वाली जीएसटी से गरीबों और मध्य वर्ग पर बोझ कम करने में मदद मिलेगी.' कांग्रेस ने पिछले दिनों सरकार से आग्रह किया था कि मौजूदा जीएसटी को निरस्त किया जाए और एक स्लैब तथा कम दर वाली जीएसटी लागू की जाए. वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने संवाददाता सम्मेलन में सरकार पर निशाना साधा है.

'सरकार निम्न और मध्यम आय वाले लोगों के प्रति निर्दयी हो रही' : कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कैसीनो और घुड़दौड़ के लिए जीएसटी को समीक्षा के तहत रखने और बिना किसी समीक्षा के आवश्यक वस्तुओं पर 5% जीएसटी लागू करने के परिषद के फैसले पर कटाक्ष करते हुए कहा कि 'मोदी सरकार निम्न और मध्यम आय वाले लोगों के प्रति निर्दयी हो रही है.'

दूध, लस्सी, चेक बुक होंगे महंगे : दरअसल जीएसटी परिषद् की बैठक में 18 जुलाई से बैंक चेकबुक पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाने का निर्णय लिया है. इसी प्रकार गैर ब्रांड वाली पैकेटबंद दही, लस्सी, छाछ, खाद्य पदार्थ, अनाज आदि को भी जीएसटी के दायरे में लाया गया है. जीएसटी परिषद ने स्याही, चाकू, पेपर नाइफ, पेंसिल शार्पनर, चम्मच कांटा, कलछी, केक सर्वर, कृषि पंप, दूध निकालने की मशीन, एलईडी लैम्प, टेट्र पैक आदि पर जीएसटी को 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दिया है.

इसके अलावा अनाज, अंडे आदि की सफाई करने वाले उपकरण पर जीएसटी को पांच प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत तथा सोलर वाटर हीटर और प्रसंस्कृत चमड़े पर जीएसटी को पांच प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर दिया है. दूसरी तरफ मेडिकल वस्तुओं जैसे ऑस्टोमी और ऑर्थोपेडिक उपकरणों , शरीर के कृत्रिम अंग, किसी दोष के कारण या विकलांगता के कारण शरीर में लगाए जाने वाले या पहने जाने वाले मेडिकल उपकरण पर जीएसटी को 12 प्रतिशत के दायरे से घटाकर पांच प्रतिशत के दायरे में लाया गया है.

कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा कि 'ये दर संशोधन ऐसे समय में अवांछित हैं जब मुद्रास्फीति आम आदमी की जेब पर दबाव डाल रही है. मई 2022 में CPI मुद्रास्फीति 7.04% थी, और अप्रैल 2022 में 7.79% थी. ये RBI द्वारा निर्धारित 6% की अधिकतम सीमा से कहीं अधिक है. जिन उत्पादों के लिए जीएसटी दरों को ऊपर की ओर संशोधित किया गया है, वे सभी उत्पाद हैं जिनका निम्न और मध्यम वर्ग द्वारा प्रतिदिन उपभोग किया जाता है.'

सरकार के फैसले की आलोचना करते हुए, कांग्रेस प्रवक्ता ने मोदी सरकार पर सवाल उठाया कि क्या वह स्वेच्छा से निम्न और मध्यम आय वर्ग के जीवन स्तर को ऐसे समय में खतरे में डालने की कोशिश कर रही है जब मुद्रास्फीति इतनी अधिक है.

पढ़ें- जीएसटी संग्रह जून में 56 प्रतिशत बढ़कर 1.44 लाख करोड़ रुपये रहा

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Last Updated : Jul 5, 2022, 7:10 PM IST
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