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परमबीर-देशमुख प्रकरण : कानून मंत्री का उद्धव से सवाल, एक मंत्री का टारगेट 100 करोड़ तो बाकी का कितना

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Published : Mar 21, 2021, 12:52 PM IST

Updated : Mar 21, 2021, 1:58 PM IST

परमबीर-देशमुख प्रकरण : कानून मंत्री का सीएम उद्धव से सवाल, एक मंत्री का टार्गेट 100 करोड़ तो बाकी का कितना

कानून मंत्री का सीएम उद्धव से सवाल
कानून मंत्री का सीएम उद्धव से सवाल

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आज परमबीर-देशमुख प्रकरण पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर ने मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री और राज्यपाल जी को एक चिट्टी लिखी है. जिसमें उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार के गृह मंत्री ने सचिन वाजे से कहा कि हमें 100 करोड़ रुपये महीना बंदोबस्त करके दो.

उन्होंने कहा कि ये भ्रष्टाचार नहीं है इसे कहते हैं- ऑपरेशन लूट. सरकारी तंत्र का दुरुपयोग करो और जनता के पैसे लूटो ये उसका टेक्स्ट बुक केस है.

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प्रसाद ने कहा कि इस प्रकरण से एक और बहुत बड़ा गंभीर सवाल उठता है- 100 करोड़ रुपये का टार्गेट था मुंबई से तो कृपया करके उद्धव ठाकरे और शरद पवार जी बताएं कि पूरे महाराष्ट्र का टार्गेट क्या था? अगर एक मंत्री का टार्गेट 100 करोड़ था तो बाकी मंत्रियों का टार्गेट क्या था?

पूर्व कमिश्नर परमवीर ने कहा है कि मैं शरद पवार को भी ब्रीफ करता था. शरद पवार वहां सरकार का अंग नहीं है, तो एक पुलिस कमिश्नर उनको ब्रीफ क्यों कर रहा था और उसने ये भी बताया कि पैसे मांगे जा रहे हैं. तो शरद पवार ने क्या कार्यवाही की?

रविशंकर प्रसाद ने हमला बोलते हुए कहा कि सचिन वाजे की नियुक्ति किसके दबाव में की गई? ये शिवसेना का दबाव था, मुख्यमंत्री मंत्री का दबाव था या शरद पवार का भी दबाव था? सचिन वाजे को बचाने की क्या मजबूरी थी, सचिन वाजे के पेट में और क्या-क्या सीक्रेट हैं?

उन्होंने कहा कि सचिन वाजे वर्षों तक सस्पेंड था, वर्षों के बाद उसको कोरोना काल में अप्वाइंट कराया गया और कहा गया कि कोरोना में पुलिस वाले बीमार पड़ रहे हैं इसलिए इनको लिया जा रहा है. भाजपा की तरफ से पहला सवाल ये है कि सचिन वाजे की नियुक्ति किसके दबाव में की गई?

(अपडेट जारी है)

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आज परमबीर-देशमुख प्रकरण पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर ने मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री और राज्यपाल जी को एक चिट्टी लिखी है. जिसमें उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार के गृह मंत्री ने सचिन वाजे से कहा कि हमें 100 करोड़ रुपये महीना बंदोबस्त करके दो.

उन्होंने कहा कि ये भ्रष्टाचार नहीं है इसे कहते हैं- ऑपरेशन लूट. सरकारी तंत्र का दुरुपयोग करो और जनता के पैसे लूटो ये उसका टेक्स्ट बुक केस है.

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प्रसाद ने कहा कि इस प्रकरण से एक और बहुत बड़ा गंभीर सवाल उठता है- 100 करोड़ रुपये का टार्गेट था मुंबई से तो कृपया करके उद्धव ठाकरे और शरद पवार जी बताएं कि पूरे महाराष्ट्र का टार्गेट क्या था? अगर एक मंत्री का टार्गेट 100 करोड़ था तो बाकी मंत्रियों का टार्गेट क्या था?

पूर्व कमिश्नर परमवीर ने कहा है कि मैं शरद पवार को भी ब्रीफ करता था. शरद पवार वहां सरकार का अंग नहीं है, तो एक पुलिस कमिश्नर उनको ब्रीफ क्यों कर रहा था और उसने ये भी बताया कि पैसे मांगे जा रहे हैं. तो शरद पवार ने क्या कार्यवाही की?

रविशंकर प्रसाद ने हमला बोलते हुए कहा कि सचिन वाजे की नियुक्ति किसके दबाव में की गई? ये शिवसेना का दबाव था, मुख्यमंत्री मंत्री का दबाव था या शरद पवार का भी दबाव था? सचिन वाजे को बचाने की क्या मजबूरी थी, सचिन वाजे के पेट में और क्या-क्या सीक्रेट हैं?

उन्होंने कहा कि सचिन वाजे वर्षों तक सस्पेंड था, वर्षों के बाद उसको कोरोना काल में अप्वाइंट कराया गया और कहा गया कि कोरोना में पुलिस वाले बीमार पड़ रहे हैं इसलिए इनको लिया जा रहा है. भाजपा की तरफ से पहला सवाल ये है कि सचिन वाजे की नियुक्ति किसके दबाव में की गई?

(अपडेट जारी है)

Last Updated : Mar 21, 2021, 1:58 PM IST
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