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आगरा की मयूर पायल पहनेंगी माता जानकी, मुस्लिम कारीगर कर रहे तैयार, जानिए क्या है खासियत

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 7, 2024, 6:38 AM IST

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अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले रामलला की प्राण प्रतिष्ठा (Pran Pratistha Ram Janaki Payal ) के लिए तेजी से तैयारियां चल रहीं हैं. इसी कड़ी में आगरा में मुस्लिम कारीगर माता जानकी के लिए खास पायल तैयार कर रहे हैं.

आगरा में माता जानकी के लिए तैयार हो रही खास पायल.

आगरा : एशिया के सबसे बड़े सर्राफा बाजार में माता जानकी के लिए चांदी की मयूर पायल तैयार की जा रही हैं. 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर यह माता जानकी के चरणों की शोभा बढ़ाएगी. खास बात यह है कि कई खूबियों वाले इस पायल को मुस्लिम कारीगर तराश रहे हैं. वे इसे लेकर अयोध्या जाएंगे.

अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा होनी है. भगवान राम के ननिहाल छत्तीसगढ़ से 3 हजार कुंतल चावल, ससुराल नेपाल के जनकपुर से वस्त्र, फल, उपहार और मेवा, एटा से 2100 किलो का घंटा, गुजरात के बड़ोदरा से 108 फीट लंबी अगरबत्ती पहुंचेगी. वहीं एशिया के सबसे बड़ी आगरा सर्राफा मंडी के कारीगरों की ओर से अपने आराध्य श्री राम और माता जानकी के लिए उपहार स्वरूप चांदी की पायल भेंट की जाएगी. इसे लेकर सर्राफा कारोबारी प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन अयोध्या जाएंगे.

पायल में लगी है मोटर : आगरा सर्राफा एसोसिएशन के अध्यक्ष नितेश अग्रवाल का कहना है कि पूरे 500 साल बाद हमारे आराध्य रामलला अपने भव्य मंदिर में विराजेंगे. ऐसे में सुलहकुल की नगरी आगरा से माता जानकी और प्रभु श्रीराम के लिए चांदी की पायल तैयार की जा रही हैं. इन्हें मुस्लिम कारीगर बना रहे हैं. इसका वजन 551 ग्राम है. इसमें माता सीता की पसंदीदा मयूर आकृति होगी. 6 इंच की चांदी की पायल पर झालरों के बीच एक बड़ी मयूर आकृति मुस्लिम कारीगरों ने तराशी है. मयूर के पंखों में चक्र बनाए गए हैं. इसमें मोटर लगी है. उस मोटर से दोनों चक्र घूमेंगे. इससे पायल की शोभा और बढ़ जाएगी. पायल की कीमत 40 हजार है. इसे आगरा सर्राफा एसोसिएशन प्रभु श्री राम को भेंट के रूप ने सौंपेगा.

मयूर आकृति को मुस्लिम कारीगर ने तराशा : इस पायल को बनाने वाले मोनू प्रजापति ने बताया कि वह 22 साल से पायल बनाने का काम कर रहे हैं. माता जानकी के लिए पायल बनाने का सौभाग्य मिला है. ऐसा लगता है इसी काम के लिए 22 साल पहले काम शुरू किया था. इसमें मयूर आकृति को कारीगर फाजिल अली ने तराशा है. उनका कहना है कि आगरा गंगा-जमुना तहजीब का एक बेहतरीन उदाहरण है. उसी को ध्यान में रखकर माता जानकी के लिए चांदी की पायल बनाई है. इसके बाद प्रभु श्री राम की पायल भी बनाई जाएगी. आगरा की बेहतरीन पायल रामलला और माता जानकी के चरणों की शोभा बढ़ाएंगी.

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