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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गडकरी की मौजूदगी में लड़ाकू विमान सड़क पर उतरे

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Published : Sep 9, 2021, 11:24 AM IST

Updated : Sep 9, 2021, 10:41 PM IST

ये एयरस्ट्रिप भारत-पाकिस्तान बॉर्डर के पास ही है, ऐसे में भविष्य में सामरिक रूप से भी इसकी काफी अहमियत होगी. हाइवे पर इस तरह की एयरस्ट्रिप की कई अहम भूमिकाएं होती हैं, यहां पर करीब चार एयरक्राफ्ट को पार्क करने की सुविधा भी होगी.

बाड़मेर में लैंडिंग एयरस्ट्रिप की शुरुआत
बाड़मेर में लैंडिंग एयरस्ट्रिप की शुरुआत

बाड़मेर : केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी ने राजस्थान के बाड़मेर के गंधव भाकासर खंड में राष्ट्रीय राजमार्ग-925 पर भारतीय वायु सेना (आईएएएफ) के विमानों के लिए 'इमरजेंसी लैंडिंग फील्ड' (ईएलएफ) का बृहस्पतिवार को उद्घाटन किया. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि लोगों की अपेक्षाओं पर सेना हमेशा खरी उतरी है. देश को जब भी जरूरत पड़ी है सेना तैयार रही है. नेशनल हाइवे अथॉरिटी ने एयर स्ट्रिप का निर्माण किया है. जो कि देश की सेना के साथ आपदा में आम लोगों के लिए फायदेमंद साबित होगा.

उन्होंने कहा कि देश की सड़कों पर पहले ऊंट गाड़ी या वाहन दौड़ते थे लेकिन अब पहली बार भारतमाला परियोजना के तहत बने हाइवे एयर स्ट्रिप पर सेना के फाइटर प्लेन दौड़ते नजर आएंगे.

जालौर में एयरस्ट्रिप की शुरुआत

उन्होंने कहा कि नेशनल हाइवे अथॉरिटी देश भर में ऐसी 20 एयर स्ट्रिप बना रहा है. जो कि देश की सुरक्षा को मजबूत करेगी. राजनाथ सिंह ने कहा कि इस कार्यक्रम में बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन को भूलना न्याय संगत नहीं होगा. इस संगठन ने देश में कई महत्वपूर्ण सड़क मार्गों का निर्माण किया है जो कि बनाना संभव नहीं था. ऐसी सड़के भी सेना के लिए बनाई हैं, जिससे सेना मजबूत हुई है.

राजनाथ सिंह का बयान

आईएएएफ के एक हरक्यूलिस सी-130जे विमान ने बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय राजमार्ग पर 'मॉक इमरजेंसी लैंडिंग' की. इस दौरान दोनों मंत्री और प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत विमान में सवार थे. यह एनएच-925ए राष्ट्रीय राजमार्ग पर भारतीय वायुसेना के विमानों के लिए बना पहला 'इमरजेंसी लैंडिंग फील्ड' है. दोनों मंत्रियों ने ‘एनएच-925’ पर तैयार आपातकालीन लैंडिंग सुविधा पर कई विमानों के संचालन को देखा. सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान और आईएएफ के एएन-32 सैन्य परिवहन विमान और एमआई-17वी5 हेलीकॉप्टर ने भी ईएलएफ पर 'इमरजेंसी लैंडिंग' की.

लड़ाकू विमान सड़क पर उतरे

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने भारतीय वायु सेना के लिए आपातकालीन स्थिति में विमान उतारने के वास्ते एनएच-925ए के सट्टा-गंधव खंड के तीन किलोमीटर के हिस्से पर 'ईएलएफ' का निर्माण किया है. यह सुविधा भारतमाला परियोजना के तहत गगरिया-बखासर और सट्टा-गंधव खंड के नव विकसित 'टू-लेन पेव्ड शोल्डर' का हिस्सा है, जिसकी कुल लंबाई 196.97 किलोमीटर है और इसकी लागत 765.52 करोड़ रुपये है.

'पेव्ड शोल्डर' उस भाग को कहा जाता है, जो राजमार्ग के उस हिस्से के पास हो जहां से वाहन नियमित रूप से गुजरते हैं. बयान में कहा गया कि यह परियोजना अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित बाड़मेर और जालौर जिलों के गांवों के बीच सम्पर्क में सुधार करेगी. इसके पश्चिमी सीमा क्षेत्र में स्थित होने से भारतीय सेना को निगरानी करने में मदद के साथ-साथ बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में भी सहायता मिलेगी. ऐसा पहली बार होगा जब भारतीय वायु सेना (आईएएफ) द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग का इस्तेमाल आपात स्थिति में विमान उतारने के लिए किया जाएगा.

ईएलएफ का निर्माण 19 महीने के अंदर पूरा किया गया है. इसका निर्माण कार्य जुलाई 2019 में शुरू किया गया था और जनवरी 2021 में यह सम्पन्न हो गया. आईएएफ और एनएचएआई की देखरेख में 'जीएचवी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड' ने इसका निर्माण किया है.

Last Updated : Sep 9, 2021, 10:41 PM IST
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