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Punjab News: जालंधर के ट्रैवल एजेंट ने छात्रों से की ठगी, फर्जी दस्तावेजों पर भेजा कनाडा, अब किए जा रहे डिपोर्ट

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Published : Mar 17, 2023, 9:26 PM IST

पंजाब में जालंधर के एक ट्रैवल एजेंट ने धोखाधड़ी कर भारतीय छात्रों को कनाडा भेजा था, जिन्हें अब वहां से डिपोर्ट किया जा रहा है. छात्रों के प्रवेश पत्र फर्जी पाए गए हैं, जिसके बाद छात्रों को भारत लौटना पड़ रहा है. इस पर जालंधर के डीसीपी का बयान सामने आया है.

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ट्रैवल एजेंट ने छात्रों से की ठगी

जालंधर: कनाडा के ओंटारियो के टोरंटो स्थित हंबर कॉलेज से भारतीय छात्रों को डिपोर्ट करने के लिए पत्र जारी किया गया है. जालंधर के एक ट्रेवल एजेंट ने इन छात्रों को फर्जी दस्तावेज और सर्टिफिकेट बनवाकर 16 से 20 लाख रुपये लेकर विदेश भेज दिया था. लेकिन अब छात्रों को कनाडा से भारत वापस आना होगा. आरोपी ट्रैवल एजेंट का ऑफिस पिछले 6 महीने से बंद है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ट्रैवेल एजेंट धोखाधड़ी के चक्कर में विदेश भाग गया है.

700 छात्रों को किया जाएगा डिपोर्ट: इस मामले में डीसीपी वत्सला गुप्ता ने बताया कि उन्हें न्यूज के जरिए जानकारी मिली थी कि जालंधर के ग्रीन पार्क में एक ट्रैवल एजेंट इमीग्रेशन का काम करता है. उसके द्वारा भेजे गए छात्रों को कनाडा से डिपोर्ट किया जा रहा है. निर्वासित किए जाने वाले छात्रों की संख्या लगभग 700 है. डीसीपी वत्सला गुप्ता ने बताया कि अभी तक उन्हें इस मामले में कोई शिकायत नहीं मिली है. फिर भी वे अपनी तरफ से जांच कर रहे हैं.

विदेश भागा आरोपी ट्रैवेल एजेंट: डीसीपी वत्सला गुप्ता ने बताया कि इमिग्रेशन का काम करने वाला बृजेश मिश्रा यहां नहीं रहता है और उसका ऑफिस 6 महीने से बंद है. उन्होंने कहा कि लोगों को अपनी फाइल रजिस्टर्ड इमिग्रेशन से ही प्राप्त करनी चाहिए. ऐसे फर्जी अप्रवासी लोगों को लूटते हैं और विदेश भाग जाते हैं. ऐसे लोगों से सावधान रहना चाहिए साथ ही उन्होंने कहा कि अगर किसी और के साथ ऐसा फ्रॉड होता है तो इसकी सूचना पुलिस को जरूर दें ताकि ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके.

छात्रों के निष्कासन से सीबीएसए ने किया इनकार: कनाडा से निकाले जाने वाले 700 छात्रों के बारे में कोई आधिकारिक सूचना जारी नहीं की गई है. इनमें से ज्यादातर ऐसे छात्र हैं, जिन्होंने जालंधर ट्रैवल एजेंटों द्वारा संचालित शिक्षा प्रवासन सेवाओं के माध्यम से आवेदन किया था. जब इन छात्रों ने पीआर के लिए आवेदन किया तो उनके प्रवेश पत्र फर्जी पाए गए.

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जिसके बाद उन्हें डिपोर्ट करने का नोटिस जारी किया गया था. अधिकांश छात्रों को ये आदेश अप्रैल-मई 2022 में जारी किए गए थे. कुछ छात्रों ने इसके खिलाफ कानूनी लड़ाई भी लड़ी, लेकिन वे हार गए और अब उन्हें भारत वापस आना होगा. हालांकि कुछ छात्र अभी भी इसके खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं.

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