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तेजिंदर बग्गा गिरफ्तारी केस: तीनों पक्षों ने फाइल किया एफिडेविट, शनिवार को होगी अगली सुनवाई

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Published : May 6, 2022, 8:06 PM IST

बीजेपी नेता तेजिंदर बग्गा की गिरफ्तारी के मामले (tejinder bagga arrest case) में पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. शुक्रवार को सभी पक्षों (दिल्ली, हरियाणा और पंजाब पुलिस) ने कोर्ट में एफिडेविट फाइल करवाया.

tejinder bagga arrest case  in punjab hand haryana high court
tejinder bagga arrest case in punjab hand haryana high court

चंडीगढ़: बीजेपी नेता तेजिंदर बग्गा की गिरफ्तारी (tejinder bagga arrest case) मामले में शुक्रवार को पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट (punjab haryana high court) ने तीनों पक्षों (दिल्ली, हरियाणा और पंजाब पुलिस) से मामले की पूरी डीटेल मांगी. इसके बाद सभी पक्षों ने अपनी रिपोर्ट अदालत में पेश की. इस मामले में अब अगली सुनवाई शनिवार को होगी. दिल्ली पुलिस की तरफ से भारत सरकार के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल सत्यपाल जैन ने बताया कि शुक्रवार सुबह जनकपुरी पुलिस थाने में तेजिंदर बग्गा के पिता ने एफआईआर दर्ज करवाई थी.

एफआईआर में तेजिंदर बग्गा के पिता ने कहा कि शुक्रवार को उनके घर पर कुछ लोग आए और उन्होंने दरवाजे को तोड़ने की कोशिश की. आरोप है कि उन लोगों ने तेजिंदर बग्गा के पिता के साथ मारपीट भी की. जिसके बाद वो लोग जबरदस्ती तेजिंदर पाल बग्गा को उठाकर ले गए. तेजिंदर बग्गा के पिता की इस शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने किडनैपिंग की एफआईआर दर्ज की. उसके बाद दिल्ली पुलिस ने कोर्ट से सर्च वारंट लिया. जिसमें कहा गया कि तेजिंदर सिंह बग्गा जहां पर भी है उसको रिकवर किया जाए.

तेजिंदर बग्गा गिरफ्तारी केस: तीनों पक्षों ने फाइल किया एफिडेविट, शनिवार को होगी अगली सुनवाई

वो सर्च वारंट दिल्ली पुलिस ने हरियाणा पुलिस समेत बाकी राज्यों को भी भेजा. जिसके बाद हरियाणा पुलिस ने कुरुक्षेत्र के पास उन सर्च वारंट को एग्जीक्यूट किया और इसकी जानकारी दिल्ली पुलिस को दी. जिसके बाद दिल्ली पुलिस तेजिंदर बग्गा को वापस दिल्ली ले गई. एडिशनल सॉलिसिटर जनरल सत्यपाल जैन ने ये भी साफ किया कि दिल्ली पुलिस ने पंजाब के किसी भी अधिकारी को हिरासत में नहीं लिया है. दो या तीन पुलिस अधिकारी उनके जनकपुरी पुलिस थाने में हैं. वो वहां अपनी मर्जी से बैठे हुए हैं. जो भी वहां की ताजा जानकारी होगी, वो शाम तक लिखित में हाई कोर्ट को हम बता देंगे.

उन्होंने कहा कि तेजिंदर सिंह बग्गा कि पंजाब पुलिस ने जो तथाकथित गिरफ्तारी की है. हम ने उस मामले को कोर्ट को बताया है. सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के मुताबिक अगर एक राज्य की पुलिस दूसरे राज्य में किसी को गिरफ्तार करने जाती है, तो उनको वहां की पुलिस को इंटीमेशन देनी होती है. उनकी अप्रूवल लेनी होती है. जबकि पंजाब पुलिस ने दिल्ली पुलिस को ना कोई इंटीमेशन दी ना कोई जानकारी दी. इसी वजह से दिल्ली पुलिस को कुछ भी मालूम नहीं था, कि तेजिंदर को क्यों अरेस्ट किया गया. क्योंकि दिल्ली पुलिस की ओर से एफआईआर लॉज हुई थी, तो इसलिए बीजेपी नेता को पुलिस कस्टडी में दिल्ली वापस ले जाया गया है.

तेजिंदर बग्गा गिरफ्तारी केस: तीनों पक्षों ने फाइल किया एफिडेविट, शनिवार को होगी अगली सुनवाई

वहीं पंजाब सरकार की ओर से कोर्ट में पेश हुए एडवोकेट जनरल अनमोल रतन सिद्धू ने कहा कि तेजिंदर सिंह भगा के खिलाफ पंजाब में एफआईआर कानून संगत हुई है. इसके साथ ही उन्होंने एंटीसिपेटरी बेल के लिए भी कोई एप्लीकेशन नहीं लगाई है. इस मामले में पूरी तरह से कानून और संविधान की अवहेलना हुई है. उन्होंने कहा कि 5 बार तेजिंदर बग्गा को नोटिस दिए जाने के बाद भी वो पुलिस के सामने हाजिर नहीं हुए. जिसके बाद पंजाब पुलिस ने उनको गिरफ्तार किया. रतन सिद्धू ने कहा कि जनकपुरी थाने में भी पंजाब पुलिस टीम को भेजा गया था. पंजाब पुलिस अधिकारी अभी भी जनकपुरी थाने में हैं. दिल्ली पुलिस ने अभी तक पंजाब पुलिस की इंटीमेशन को रिकॉर्ड ही नहीं किया है.

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रतन सिद्धू ने कहा कि पंजाब पुलिस ने तेजिंदर सिंह बग्गा को बड़े आराम से गिरफ्तार किया है. जिसकी हमारे पास वीडियो ग्राफी है. पंजाब पुलिस ने बीजेपी नेता के साथ जबरदस्ती नहीं की. जैसा कि कहा जा रहा है कि उनके साथ वहां पर मारपीट हुई. ऐसा बिल्कुल भी नहीं हुआ है, लेकिन जब पंजाब पुलिस बग्गा को गिरफ्तार कर ला रही थी तो, दिल्ली पुलिस और हरियाणा पुलिस ने मिलकर उन्हें फिल्मी अंदाज में कुरुक्षेत्र में रोका. जिसके बाद हमारे पास कोई और उपाय नहीं था और हमें इसके लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा. कोर्ट ने भी इस बात को माना कि हमारी जो कार्रवाई थी, उसके मुताबिक हमें उन्हें 24 घंटे के अंदर कोर्ट में पेश करना था. शुक्रवार को तीनों पक्षों ने हाई कोर्ट में एफिडेविट फाइल किया है. मामले की सुनवाई अब कल यानी शनिवार को होगी.

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