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पंजाब में करीब 72 प्रतिशत हुआ मतदान, पिछले तीन विधानसभा चुनावों के मुकाबले सबसे कम

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Published : Feb 22, 2022, 12:16 PM IST

पंजाब विधानसभा चुनाव 2022
पंजाब विधानसभा चुनाव 2022

जानकारी के मुताबिक सबसे अधिक 69 विधानसभा सीटों वाले मालवा क्षेत्र में दोआबा और माझा क्षेत्रों की तुलना में सबसे अधिक मतदान प्रतिशत देखा गया. मामूली झड़पों की कुछ घटनाओं को छोड़कर, राज्य में 81,33,930 पुरुष, 73,35,406 महिला मतदाता और तीसरे लिंग के 282 मतदाता पंजीकृत हैं.

चंडीगढ़: पंजाब की सभी 117 विधानसभा सीटों के लिए रविवार को वोट डाले गए. राज्य के करीब 2.14 करोड़ मतदाताओं ने कुल 1304 उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में बंद कर दी है. बता दें, नतीजे 10 मार्च को आएंगे. चुनाव आयोग के एप पर अब तक दी गई जानकारी के अनुसार करीब 71.95 फीसद मतदान का आंकड़ा रहा है. राज्य में पिछले तीन विधानसभा चुनावों से इसकी तुलना की जाए तो इस बार सबसे कम मतदान हुआ है.

वर्ष 2017 के पंजाब विधानसभा चुनाव में 77.40 प्रतिशत मतदान हुआ था, जबकि 2007 में 75.45 और 2012 यह 78.20 प्रतिशत रहा था. हालांकि, 2002 के चुनाव में मतदान काफी कम हुआ था और यह महज 65.14 प्रतिशत था. रविवार शाम छह बजे मतदान समाप्त होने के बाद पंजाब के निर्वाचन कार्यालय को अंतिम मत प्रतिशत जारी करने में 24 घंटे से भी ज्यादा का वक्त लगा है. राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी एस करुणा राजू ने बताया कि राज्य में पंजीकृत कुल 2,14,99,804 मतदाताओं में से 1,54,69,618 ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया.

जानकारी के मुताबिक सबसे अधिक 69 विधानसभा सीटों वाले मालवा क्षेत्र में दोआबा और माझा क्षेत्रों की तुलना में सबसे अधिक मतदान प्रतिशत देखा गया. मामूली झड़पों की कुछ घटनाओं को छोड़कर, राज्य में 81,33,930 पुरुष, 73,35,406 महिला मतदाता और तीसरे लिंग के 282 मतदाता पंजीकृत हैं. राजू ने बताया कि मतदान के बाद ईवीएम को राज्य में 66 स्थानों पर 117 स्ट्रांग रूम में रखा गया है तथा भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है और चौबीसों घंटे सुरक्षाकर्मी कड़ी निगरानी कर रहे हैं.

मुख्य मुकाबला कांग्रेस और आप और शिअद के बीच

पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 में मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (आप) और शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के बीच है, जो 2020 में भाजपा के साथ दो दशक पुराने संबंध तोड़ने के बाद बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही है. वहीं, संयुक्त समाज मोर्चा के अलावा भाजपा-पंजाब लोक कांग्रेस (पीएलसी) गठबंधन भी मैदान में है, जिसमें पंजाब के किसान निकाय शामिल हैं, जिन्होंने केंद्र के अब निरस्त किए गए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन में हिस्सा लिया था.

कांग्रेस नेता सुनील जाखड़, जो शुरुआती मतदाताओं में से थे, उन्होंने अबोहर निर्वाचन क्षेत्र के पंजकोसी गांव में अपना वोट डाला, जबकि ग्रीनहॉर्न कांग्रेस उम्मीदवार मालविका सूद, जो अभिनेता सोनू सूद की बहन हैं, ने मोगा में अपना वोट डाला, जबकि आम आदमी पार्टी (आप) ने अपना वोट डाला. सीएम उम्मीदवार भगवंत मान ने मोहाली में अपने मताधिकार का उपयोग किया. मान धूरी विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में हैं.

पढ़ें: पंजाब चुनाव में पीछे रह गए मुद्दे, जनता ने चेहरों को दिया वोट

बता दें, वोट डालने से पहले मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने खरड़ कस्बे के एक मंदिर में भगवान शिव की पूजा-अर्चना की थी. उन्होंने कहा कि पंजाब के लोगों ने भारी बहुमत के साथ कांग्रेस को सत्ता में वापस लाने का फैसला किया है. खरार शहर में मतदान केंद्र पर जाने से पहले मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, स्थिति स्पष्ट है, लोग कांग्रेस को वापस लाना चाहते हैं और हम दो-तिहाई बहुमत की ओर बढ़ रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि डेरा सच्चा सौदा ने भाजपा के साथ मिलकर इस विधानसभा चुनाव में अकाली दल का समर्थन किया है. चन्नी ने कहा, पंजाब में बेअदबी की घटनाओं के लिए डेरा जिम्मेदार था और उन्हें अब मतदान में उनका समर्थन मिला है.

मालवा में सबसे अधिक मतदान

मालवा में निर्वाचन कार्यालय के मुताबिक, तलवंडी साबो विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक 83.67 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि अमृतसर पश्चिम सीट में सबसे कम 50.10 प्रतिशत वोटिंग दर्ज की गई. पंजाब की हॉट सीटों में शुमार अमृतसर पूर्व में 53 फीसदी मतदान हुआ। यहां कांग्रेस से नवजोत सिंह सिद्धू और अकाली दल से बिक्रम सिंह मजीठिया के बीच मुकाबला था. पूरे अमृतसर में कुल 57.74 फीसदी मतदान हुआ. मोहाली में 53.10 फीसदी वोट पड़े.

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