ETV Bharat / bharat

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का अहम फैसला- परिवार के बाहर का व्यक्ति भी कर सकता है किडनी दान

author img

By

Published : Dec 7, 2022, 7:46 PM IST

हाईकोर्ट का किडनी डोनेशन पर फैसला
हाईकोर्ट का किडनी डोनेशन पर फैसला

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने किडनी डोनेशन को लेकर अहम फैसला (High Court decision on Kidney Donation) सुनाया है. एक याचिका की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि अंग दान करने के लिए खून का रिश्ता होना जरूरी नहीं है अगर किडनी दान से किसी की जिंदगी बच रही हो और इसमें कोई लेन देन शामिल नहीं हो. चंडीगढ़ पीजीआई ने कानून का हवाला देकर खून के रिश्ते से बाहर के व्यक्ति के किडनी डोनेशन से इनकार कर दिया था.

चंडीगढ़: किडनी ट्रांसप्लांट के लिए डोनर का मरीज के साथ ब्लड रिलेशन होना मानव अंग प्रत्यारोपण कानून 1994 (Transplantation of Human Organs Act 1994) के तहत अनिवार्य है. लेकिन पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. हाईकोर्ट ने कहा है कि अगर किसी व्यक्ति की जान बच रही हो और अंग दान करने और लेने वालों के बीच किसी तरह का लेन देन ना हो रहा हो तो कोई दूसरे परिवार का सदस्य भी अंग दान कर सकता है.

हाई कोर्ट ने कहा कि बेशक इस मामले में कानून बहुत सख्त है फिर भी मानवता से ऊपर नहीं हो सकते. हाई कोर्ट में ये याचिका पीजीआई में इलाजरत दो मरीजों और दो डोनर्स की ओर से दाखिल की गई थी. दोनों ही मरीजों की किडनियां फेल हो चुकी हैं और पीजीआई ने दोनों को किडनी ट्रांसप्लांट के लिए कहा था. एक मरीज को उसकी पत्नी किडनी डोनेट कर रही थी और दूसरे मरीज को उसकी सास लेकिन दोनों का ब्लड ग्रुप मरीजों के ब्लड ग्रुप से मैच नहीं किया. जबकि पहले मरीज का ब्लड ग्रुप दूसरे मरीज के डोनर से और दूसरे मरीज का पहले मरीज के डोनर से मैच कर गया.

चंडीगढ़ पीजीआई (Chandigarh PGI) ने अंग प्रत्यारोपण कानून का हवाला देते हुए ब्लड रिलेशन से बहार के डोनर की किडनी ट्रांसप्लांट करने से इंकार कर दिया. पीजीआई के इनकार के बाद बाद मरीज और डोनर हाईकोर्ट की शरण में गये. एडवोकेट रंजन लखनपाल और अन्य वकीलों ने कोर्ट के समक्ष सुप्रीमकोर्ट व अन्य अदालतों द्वारा पारित किये गये आदेशों का हवाला दिया, जिसमे कहा गया कि पहले कुछ हाईकोर्ट ने भी कहा है कि अगर किसी नागरिक की जान सिर्फ ट्रांसप्लांट करके ही बचाई जा सकती है तो किसी भी नागरिक को संविधान की धारा 21 के तहत अधिकार है कि वह ट्रांसप्लांट के लिए अंग दान कर सकता है बशर्ते कानून के दायरे से बहार न हो.

ट्रांसप्लांट कानून की धारा 9 (3 ) के तहत आपात परिस्थियों में ब्लड रिलेशन से बहार के व्यक्ति के अंग भी सम्बंधित कमेटी की इजाजत लेकर ट्रांसप्लांट किये जा सकते हैं. जस्टिस विनोद भारद्वाज ने याचिका को मंजूर करते हुए कहा कि ऑर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट एक्ट ऑर्गन ट्रांसप्लांट को रेगुलेट करने के लिए बनाया गया है ताकि यह व्यावसायिक रूप धारण न कर सके लेकिन आधिकारिक कमेटी को भी रवैये में बदलाव कर मनुष्य की जिंदगी को सामने रखते हुए निर्णय लेने चाहिए. इसके अलावा पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने 'इन लॉज' (ससुराल पक्ष के रिश्तेदार) को भी ब्लड रिलेशन की श्रेणी में शामिल करने की सिफारिश की है.

ये भी पढ़ें- पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने खारिज की राष्ट्रीय कोविएशन नीति को रद्द करने की मांग वाली याचिका

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.