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पुलवामा का यह मूक-बधिर छात्र करता है उम्दा चित्रकारी, जीत चुका है पदक

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Published : Mar 23, 2022, 10:46 AM IST

Pulwama deaf and dumb student draws beautiful sketches
पुलवामा का मूक-बधिर छात्र की चित्रकारी

पुलवामा के रहमो इलाके के रहने वाला शाहिद बोल और सुन नहीं सकता. इसके बावजूद वह लोगों को अपनी कला से प्रभावित करने में कहीं से पीछे नहीं है. इसके लिए वह अंतरराष्ट्रीय विकलांग दिवस पर पदक भी जीत चुका है.

पुलवामा: कहते हैं कि भगवान ने सभी को कुछ न कुछ खास दिया है जिसके बल पर वह ख्याति कमा सकता है. पुलवामा के एक स्कूल में पढ़ने वाला छात्र शाहिद अली डार इसी बात की नजीर पेश करते नजर आता है. जिले के रहमो इलाके के रहने वाला शाहिद, बचपन से ही बोल और सुन नहीं पाता लेकिन इसके बावजूद वह किसी से कम नहीं है. इसके पीछे कारण यह है कि वह पेंसिल से कमाल की चित्रकारी करता है जिसके लिए लोग उसकी तारीफ करते नहीं थकते.

शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल रहमो में नौवीं कक्षा में पढ़ने वाला शाहिद, चौथी कक्षा से ही पेंटिंग बना रहा है. वह एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखता है. उसके भाई ने बताया कि परिवार के लोगों ने उसके इलाज पर काफी पैसा खर्च किया लेकिन वह ठीक नहीं हुआ. वे बताते हैं कि शाहिद को बचपन से ही पढ़ने-लिखने का शौक था लेकिन उसका मूक और बधिर होना उसके लिए सबसे बड़ी चुनौती थी. वहीं शाहिद के भाई ने प्रशासन से अपील की है कि वह शाहिद को एक ऐसा प्लेटफॉर्म मुहैया कराएं जिससे वह अपने हुनर ​​को और लोगों तक पहुंचा सके.

पुलवामा के मूक-बधिर छात्र की चित्रकारी

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वहीं शाहिद ने इशारे में बताया कि उसने यह हुनर ​​किसी से नहीं सीखा है और यह केवल उसके व्यक्तिगत जुनून और समर्पण का परिणाम है. उसने अपने भाई को इशारे में यह भी कहा कि जब बच्चे स्कूल में बात करते हैं तो वो उन्हें देखकर यह सोचता कि काश वो भी किसी से बात कर पाता और सुन पाता कि वे क्या कह रहे हैं. बता दें कि शाहिद ने हाल ही में अंतरराष्ट्रीय विकलांग दिवस पर श्रीनगर में आयोजित एक पेंटिंग प्रतियोगिता में पदक जीता है. ऐसे छात्रों को समाज के प्रोत्साहन की जरूरत है.

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