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Chardham Yatra: यात्रियों के सत्यापन में दिक्कत, रियलिटी चेक में दिखी सॉफ्टवेयर में खामी!

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Published : May 7, 2022, 4:10 PM IST

Updated : May 7, 2022, 4:53 PM IST

Chardham Yatra
यात्रियों के सत्यापन में दिक्कत

उत्तराखंड की चारधाम यात्रा में रौनक बढ़ती जा रही है. चारधाम दर्शन के लिए तीर्थ यात्रियों का उत्साह देखने लायक है. उत्तराखंड सरकार चारधाम यात्रा के लिए पहली बार टूरिस्ट सेफ्टी मैनेजमेंट सिस्टम का प्रयोग कर रही है. इसमें तीर्थ यात्रियों का पंजीकरण और सत्यापन कराया जा रहा है. लेकिन लंबी तैयारी के बावजूद टूरिस्ट सेफ्टी मैनेजमेंट सिस्टम चारधाम तीर्थयात्रियों का सत्यापन करने में गच्चा दे जा रहा है.

देहरादून: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा की आधिकारिक रूप से 3 मई को शुरुआत हो चुकी है. शुक्रवार को केदारनाथ के कपाट खुलने के बाद यात्रियों का दबाव और बढ़ गया है. 8 मई से बदरीनाथ धाम के कपाट खुल रहे हैं. ऐसे में उत्तराखंड पर्यटन विभाग द्वारा यात्रियों के पंजीकरण और सत्यापन पर विशेष जोर दिया जा रहा है. हमने इस पूरी प्रक्रिया का जायजा लिया और जाना कि यह कैसे काम कर रही है.

पंजीकरण और सत्यापन के लिए बनाया टूरिस्ट सेफ्टी मैनेजमेंट सिस्टम: उत्तराखंड में शुरू हो चुकी चारधाम यात्रा निश्चित तौर से इस बार ऐतिहासिक रहने वाली है. इसका असर यात्रा के शुरुआती फेस में ही देखने को मिल गया है. चारधाम यात्रा को लेकर जैसे ही पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू हुई, तब से लाखों की संख्या में अब तक चारधाम यात्रा के लिए पूरे देश भर से तीर्थयात्री अपना रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं.

साढ़े सात लाख के करीब तीर्थयात्री करा चुके रजिस्ट्रेशन: पर्यटन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 6 मई सुबह 10:00 बजे तक पर्यटन विभाग द्वारा बनाए गए टूरिस्ट सेफ्टी मैनेजमेंट सिस्टम पोर्टल में अब तक 7,38,000 से ज्यादा लोग रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं. उत्तराखंड की इस ऐतिहासिक रहने वाली चारधाम यात्रा के लिए उत्तराखंड पर्यटन विभाग ने इस बार यात्रियों की सुरक्षा और बाकी व्यवस्था को और भी सुविधाजनक बनाने के लिए टूरिस्ट सेफ्टी मैनेजमेंट सिस्टम बनाया है.

यात्रियों के सत्यापन में दिक्कत.

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क्या है टूरिस्ट सेफ्टी मैनेजमेंट: टूरिस्ट सेफ्टी मैनेजमेंट के तहत पहली बार उत्तराखंड टूरिज्म डिपार्टमेंट चारधाम यात्रा पर आने वाले सभी लोगों का पंजीकरण अनिवार्य रूप से करवा रहा है. वहीं चारधाम यात्रा पर आने वाले सभी यात्रियों के पंजीकरण के साथ-साथ यात्रियों के सत्यापन का भी प्रावधान रखा गया है. ताकि चारधाम आने वाले हर एक व्यक्ति का डाटा सरकार के पास मौजूद हो. उत्तराखंड के इतिहास में अब तक की यह पहली ऐसी पहल है जिसमें यात्रियों का पूरी तरह से ब्यौरा रखा जा रहा है. इसे तकनीकी के माध्यम से यात्रा में व्यवस्था बनाने और अपरिहार्य परिस्थितियों की संभावनाओं को देखते हुए यह सिस्टम बेहद सुविधाजनक और बेहतरीन बताया गया है. इसको लेकर यात्रा शुरू होने से पहले कई बार सरकार और विभाग द्वारा भी अलग-अलग मौकों पर जानकारी दी गई है.
पंजीकरण तो हो रहा है लेकिन सत्यापन में समस्या: चारधाम यात्रा को लेकर जिस तरह से हर एक श्रद्धालु और तीर्थयात्री पिछले 2 साल से कोविड की दुश्वारियों के चलते बेसब्री से इंतजार कर रहे थे, उसी तरह से उत्तराखंड पर्यटन विभाग भी बिना किसी बाधा के होने वाली यात्रा का इंतजार कर रहा था. इसको लेकर पर्यटन विभाग लंबे समय से काफी तैयारियों में भी जुटा हुआ था. उत्तराखंड पर्यटन विभाग की इन्हीं तैयारियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है इस बार की यात्रा के पंजीकरण और सत्यापन के लिए ईजाद किया गया टूरिस्ट सेफ्टी मैनेजमेंट सिस्टम. हालांकि इस सिस्टम में अब तक पंजीकरण की प्रक्रिया तो बिना किसी रुकावट के चल रही है, लेकिन सत्यापन की प्रक्रिया सुचारू रूप से नहीं चल पा रही है.

चारधाम यात्रा आधिकारिक रूप से 3 मई को गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खुलने के साथ शुरू हुई थी, लेकिन अब जब यात्रियों का सत्यापन होना है तो इस सिस्टम में सत्यापन के आंकड़े अपडेट नहीं हो पा रहे हैं. उत्तराखंड पर्यटन विभाग के वरिष्ठ शोध अधिकारी सुरेंद्र सिंह सामंत ने बताया कि लगातार चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण और सत्यापन की प्रक्रिया चल रही है. साथ ही सत्यापन की प्रक्रिया में आ रही समस्याओं को लेकर उन्होंने कहा कि किसी सिस्टम में सत्यापन यानी कि वेरिफिकेशन एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. सुरेंद्र सिंह सामंत ने बताया कि वेरिफिकेशन में आ रही समस्याओं को लेकर लगातार काम किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि पर्यटन विभाग द्वारा जिस कंपनी को यह काम दिया गया है उस पर लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है. यही नहीं राज्य सरकार की अन्य एजेंसियां भी इस प्रक्रिया की मॉनिटरिंग कर रही हैं. उन्होंने बताया कि आईटीडीए भी लगातार इस समस्या के समाधान में लगी हुई है और जल्द ही इसे ठीक कर लिया जाएगा.
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कंट्रोल रूम में लगातार बढ़ रहा प्रेशर: ईटीवी भारत ने चारधाम यात्रा के लिए उत्तराखंड पर्यटन निदेशालय में बनाए गए कंट्रोल रूम जो कि एक तरह से टूरिस्ट सेफ्टी मैनेजमेंट सिस्टम के तहत काम करता है, वहां का जायजा लिया. हमने रियलिटी चेक किया कि किस तरह से काम किया जा रहा है. चारधाम के टूल रूम में हमने पाया कि लगातार देश भर से चारधाम यात्रा के लिए आने वाले यात्री संपर्क कर रहे हैं. अपने तमाम सवालों के लिए फोन खड़ाखड़ा रहे हैं. चारधाम यात्रा कंट्रोल रूम के नोडल अधिकारी बनाए गए कमल किशोर जोशी ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि पूरे देश भर के उत्तर से लेकर दक्षिण तक के लोग इस कंट्रोल रूम से संपर्क साध रहे हैं.

रजिस्ट्रेशन को लेकर आ रहे ज्यादा फोन कॉल: लोग जानना चाह रहे हैं कि चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन कैसे होगा. कैसे चारधाम यात्रा के लिए जाना है. रास्तों के बारे में, मौसम के बारे में और इस तरह की तमाम जानकारियों के लिए लोग कंट्रोल रूम में फोन कर रहे हैं. कंट्रोल रूम के नोडल अधिकारी ने हमें बताया कि ज्यादातर लोग रजिस्ट्रेशन को लेकर सवाल कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि अभी यह सिस्टम नया है. इसलिए लोग इसे समझने के लिए और रजिस्ट्रेशन के लिए पूछ रहे हैं. इसका समाधान ऑनकॉल सभी यात्रियों को दिया जा रहा है.

वेरिफिकेशन के डेटा से ही होगा कंपनी को पेमेंट: उत्तराखंड चारधाम यात्रा में यात्रियों के पंजीकरण और सत्यापन के लिए इस बार प्रयोग में लाया जा रहा टूरिस्ट सेफ्टी मैनेजमेंट सिस्टम एक निजी कंपनी एथिक्स ग्रुप ऑफ कंपनीज द्वारा ईजाद किया गया है. इसी वेंडर द्वारा पर्यटन विभाग को यह टेक्नोलॉजी उपलब्ध कराई गई है. यह सिस्टम पंजीकरण तो बिल्कुल ठीक तरह से कर रहा है. हालांकि अभी शुरुआती दौर में सत्यापन में समस्याएं आ रही हैं. कंपनी के लोगों के साथ-साथ पर्यटन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अभी यह सिस्टम नया है और शुरुआती दौर की कुछ चुनौतियां होती हैं. इन चुनौतियों पर जल्द ही निजात पा ली जाएगी.

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अब सवाल यह भी उठ सकता है कि इतनी लंबी तैयारी के बावजूद भी जब परिणाम की बारी आई तो ऐसा क्यों. लेकिन इससे किसी तरह का कोई वित्तीय नुकसान ना हो इसके लिए भी विभाग ने चाभी अपने हाथ मे रखी है. दरअसल कंपनी को पेमेंट पंजीकरण के आधार पर नहीं बल्कि सत्यापन के आधार पर ही होना है. यानी कि जब किसी यात्री का पंजीकरण होगा और उसी यात्री का सत्यापन हो जाएगा, उसी हिसाब से इस प्राइवेट कंपनी को भुगतान भी किया जाएगा. ऐसा इसलिए भी जरूरी है क्योंकि टेक्नोलॉजी के इस दौर में जहां बूट सिस्टम से ज्यादा संख्या में पंजीकरण करना आसान है. लेकिन वास्तविक यात्री यदि आता है तो वह सत्यापन करेगा. तभी वह वास्तविक माना जायेगा.

Last Updated :May 7, 2022, 4:53 PM IST
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