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स्वर्ण जयंती वर्ष समारोह: राष्ट्रपति को भरोसा देश का 'सिरमौर' बनकर उभरेगा हिमाचल

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Published : Sep 17, 2021, 7:58 AM IST

Updated : Sep 17, 2021, 6:53 PM IST

हिमाचल प्रदेश के पूर्ण राज्यत्व के 50 वर्ष पूर्ण होने पर विधानसभा का विशेष सत्र आयोजित किया जा रहा है. विशेष सत्र के लिए 93 पूर्व और वर्तमान विधायक आमंत्रित किए गए हैं. समारोह में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार व नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री मौजूद हैं.

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शिमला: हिमाचल प्रदेश के पूर्ण राज्यत्व के 50 वर्ष पूर्ण होने पर विधानसभा का विशेष सत्र का आयोजन किया गया. जिसमें पूर्व व वर्तमान विधायक, सांसद मौजूद रहे. विधानसभा के विशेष सत्र को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संबोधित किया. इस मौके पर हिमाचल प्रदेश विधानसभा के स्पीकर, राज्यपाल, सीएम, नेता प्रतिपक्ष और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर मौजूद रहे.

स्वर्ण जयंती वर्ष समारोह

हिमाचल विधानसभा को देश की पहली ई-विधानसभा होने का गौरव हासिल है. इसी ई-विधानसभा के काउंसिल चैंबर में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संबोधित किया. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि यह 'काउंसिल चेंबर भवन' तथा परिसर, आधुनिक भारत की अनेक महत्वपूर्ण घटनाओं के साक्षी रहे हैं. इसी भवन में विट्ठल भाई पटेल ने सन् 1925 में ब्रिटिश प्रत्याशी को हराकर. सेंट्रल लेजिस्लेटिव असेंबली के अध्यक्ष का चुनाव जीता था. अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने संसदीय मर्यादा और निष्पक्षता का ऐसा उदाहरण प्रस्तुत किया, जो आज भी हमारी संसद और विधान सभाओं के लिए एक आदर्श है.

हिमाचल प्रदेश विधान सभा में जसवंत राम से लेकर ठाकुर सेन नेगी सहित अध्यक्षों एवं प्रभावशाली विधायकों की समृद्ध परंपरा रही है. इस सत्र में प्रतिपक्ष के नेता का संबोधन होना आपकी परिपक्व लोकतांत्रिक संस्कृति का अनुकरणीय उदाहरण है. इस स्वस्थ परंपरा के बीज आप के पूर्ववर्ती जन-नायकों द्वारा संचालित आजादी की लड़ाई और उसके बाद पूर्ण राज्यत्व के लिए सर्वथा संवैधानिक तरीके से संचालित आंदोलन में निहित थे.

'पहाड़ी गांधी' के नाम से विख्यात कांगड़ा के बाबा कांशीराम जैसे स्वाधीनता सेनानियों ने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ शांतिपूर्ण सत्याग्रह किया और अपने जीवन के अनेक वर्ष कारावास में बिताए. संविधान-सम्मत मार्ग पर चलते हुए डॉक्टर यशवंत सिंह परमार, पंडित पदम देव, शिवानंद रामौल तथा अन्य जन-सेवकों ने पहाड़ी क्षेत्रों के एकीकरण और हिमाचल प्रदेश की स्थापना के संघर्ष को आगे बढ़ाया था.

हिमाचल प्रदेश में स्वस्थ लोकतांत्रिक परंपरा का निर्माण करने वाले विगत विधानसभाओं के सदस्यों तथा उसको मजबूत बनाने वाले आप सभी विधायकों को मैं साधुवाद देता हूं. उनमें से बहुत से लोग आज हमारे बीच नहीं हैं. लोकतन्त्र के उन सेवकों की स्मृति को मैं सभी देशवासियों की ओर से नमन करता हूं. इस क्षेत्र के जन-जन में व्याप्त लोकतांत्रिक चेतना के कारण ही शायद यह ऐतिहासिक संयोग बना कि स्वतंत्र भारत के पहले चुनाव का पहला वोटर होने का श्रेय हिमाचल प्रदेश के ही श्याम सरन नेगी जी को जाता है. उन्हें भारतीय निर्वाचन आयोग ने 2014 के लोकसभा चुनाव में ब्रांड एम्बेसडर बनाया था. मुझे बताया गया है कि सौ वर्ष से अधिक आयु के श्री नेगी जी आज भी सक्रिय हैं और एक सजग मतदाता के रूप में उनका उदाहरण राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा भी प्रस्तुत किया जाता है.

जनवरी, 1971 में हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाना, डॉक्टर यशवंत सिंह परमार जैसे लोकतंत्र में आस्था रखने वाले जन-नायकों के नेतृत्व में यहां की जनता के संघर्ष की सफल परिणति थी. हिमाचल प्रदेश के लोगों ने विगत 50 वर्षों में विकास की जो गाथा लिखी है, उस पर सभी देशवासियों को गर्व है. इसके लिए सभी पूर्ववर्ती सरकारों ने अहम भूमिका निभाई है. मैं पूर्व मुख्यमंत्रियों के योगदान की सराहना करता हूं.

हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश की विकास-यात्रा को जन-मानस तक पहुंचाने की पहल अत्यंत सराहनीय है. हिमाचल प्रदेश ने विभिन्न क्षेत्रों में विकास के नए आयाम स्थापित किए हैं. नीति आयोग की एक रिपोर्ट के अनुसार 'सतत विकास लक्ष्य- इंडिया इंडेक्स 2020-21' में हिमाचल प्रदेश देश में दूसरे नंबर पर है. हिमाचल प्रदेश कई मापदंडों पर देश में अग्रणी राज्य है. इसके लिए मैं राज्यपाल, मुख्यमंत्री एवं हिमाचल प्रदेश सरकार की पूरी टीम को साधुवाद देता हूं.

पिछले कुछ महीनों के दौरान हिमाचल प्रदेश में बादल फटने तथा जल-प्लावन जैसे दुर्भाग्यपूर्ण हादसे हुए हैं. मैं सभी संतप्त परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं. मुझे विश्वास है कि केंद्र व राज्य सरकार मिलकर ऐसी आपदाओं के वैज्ञानिक समाधान विकसित करेंगे.

कोविड महामारी का सामना करने में हिमाचल प्रदेश ने देश में सबसे पहले वैक्सीन की पहली डोज शत-प्रतिशत आबादी को लगाने का कीर्तिमान स्थापित किया है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिए गए साधुवाद को मैं अक्षरश: साझा करना चाहूंगा कि हिमाचल प्रदेश इस महामारी के विरुद्ध लड़ाई में चैंपियन बन कर सामने आया है. इसके लिए हिमाचल प्रदेश के सभी कोरोना वॉरियर्स की मैं सराहना करता हूं.

श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी को हिमाचल प्रदेश से गहरा लगाव था. इसे वे अपना घर ही मानते थे. उन्होंने हिमाचल को विशेष औद्योगिक पैकेज प्रदान किया था, जिससे राज्य में निवेश को बढ़ावा मिला. उन्होंने ही 2002 में उस परियोजना की आधारशिला रखी थी जो आज 'अटल टनल' के नाम से, दुनिया की सबसे लंबी राजमार्ग-टनल के रूप में स्थापित है. इससे हिमाचल और लेह-लद्दाख के हिस्से, देश के अन्य क्षेत्रों से सदैव जुड़े रहेंगे और वहां के लोगों का तेजी से आर्थिक विकास होगा.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पहले परमवीर चक्र विजेता मेजर सोमनाथ शर्मा, करगिल हीरो कैप्टन विक्रम बत्रा को भी याद किया. वहीं, अटल टनल रोहतांग का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि इससे मनाली-लेह की दूरी कम हुई है. अटल टनल के बनने से लाहौल के लोगों का जीवन भी आसान हो गया है.

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मेरे लिए यह सुखद संयोग है कि हिमाचल की धरती मुझे लगभग 45 वर्षों से आकर्षित करती रही है. मैं पहली बार 1974 में हिमाचल प्रदेश के कुल्लू-मनाली क्षेत्र में आया था और उसके बाद कई बार इस प्रदेश में आना होता रहा है. सार्वजनिक-जीवन से जुड़े अनेक कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए भी हिमाचल प्रदेश आने का अवसर मुझे मिलता रहा था. यहां की प्राकृतिक सुंदरता, लोगों की कर्मठता, सरलता व अतिथि सत्कार ने मेरे मानस-पटल पर गहरी छाप छोड़ी है. हिमाचल प्रदेश की प्रत्येक यात्रा, मुझ में एक नई स्फूर्ति का संचार करती है.

आप सभी विधायक, सांसद तथा प्रदेश के अन्य निर्वाचित जन प्रतिनिधियों को प्रदेश की जनता अपने भाग्य-विधाता के रूप में देखती है और आप सभी से अपेक्षा करती है कि आप सब इस प्रदेश व राष्ट्र के निर्माता बनें. अब तक की अपनी विकास यात्रा के द्वारा आप सबने भविष्य के समग्र व समावेशी विकास का मार्ग प्रशस्त किया है. पर्यावरण के अनुकूल कृषि, बागवानी, पर्यटन, शिक्षा, रोजगार- विशेषकर स्वरोजगार- आदि अनेक क्षेत्रों में सतत विकास की अपार संभावनाएं हैं.

हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक विरासत से भरपूर है. हमें प्राकृतिक सौंदर्य को संजोए रखने के साथ-साथ विकास के क्षेत्र में निरंतर प्रयास करने होंगे. प्रदेश के एक जिले का नाम सिरमौर है. मेरी शुभकामना है कि पूरा हिमाचल प्रदेश एक दिन विकास के पैमाने पर भारत का सिरमौर बने. मुझे विश्वास है कि 2047 में जब हमारे देशवासी आजादी की शताब्दी मनाएंगे और हिमाचल प्रदेश अपनी स्थापना के 75 वर्ष संपन्न होने का समारोह मनाएगा, तब तक यह राज्य विश्वस्तरीय विकास और समृद्धि का आदर्श प्रस्तुत कर रहा होगा.

Last Updated : Sep 17, 2021, 6:53 PM IST
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