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बिहार में बढ़ रहा है क्राइम का ग्राफ, खाकी का भी बह रहा खून

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Published : Feb 27, 2021, 9:35 PM IST

बिहार में बढ़ रहा है क्राइम
बिहार में बढ़ रहा है क्राइम

बिहार की राजधानी पटना समेत पूरे बिहार में इन दिनों अपराध का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है. सुशासन बाबू के राज में बढ़ते क्राइम ग्राफ पर सरकार कानून व्यवस्था ठीक करने के बजाए जनता और विपक्ष को लालू-राबड़ी शासन काल की याद दिला रही है. बीते कुछ महीनों में सूबे में हुए बड़े आपराधिक घटनाओं में पुलिस के हाथ अब भी खाली हैं.

पटना : बिहार की राजधानी पटना समेत पूरे बिहार में इन दिनों अपराध का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है. अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि आम इंसान तो छोड़िए, पुलिस वालों पर भी गोली चलाने से अपराधी परहेज नहीं कर रहे हैं. बिहार में नई सरकार के गठन के बाद बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर सीएम नीतीश पांच बार समीक्षा बैठक कर चुके हैं. इसके बावजूद भी अपराध बेलगाम हो रहा है.

कानून व्यवस्था पर जब उंगली उठने लगती है तो सत्ता पक्ष आरजेडी के शासन काल की याद दिलाता है. लेकिन आंकड़े बता रहे हैं कि बिहार का जो हाल अब है, वो काफी चिंताजनक है. बेखौफ अपराधियों से बिहार छलनी होता जा रहा है. 2005 में जब सीएम नीतीश कुमार ने सत्ता संभाली तब जंगलराज पर काबू पाना बड़ी चुनौती थी. पहले शासन काल में बहुत हद तक नीतीश सरकार कामयाब रही. लेकिन साल दर साल अपराध पर नियंत्रण कम होता गया. और आज हालात ये हैं कि उन्हें बस इन आंकड़ों से ही समझा जा सकता है.

क्राइम का ग्राफ
क्राइम का ग्राफ

बिहार में अपराध का ग्राफ

क्राइम 2005 2020
हत्या 104778 257506
अपहरण 3423 3149
दुष्कर्म 2262 8004
दंगा 973 1438
चोरी 7704 9419
लूट 11809 31971
डकैती 2379 1902

सूबे में बढ़ रहा क्राइम ग्राफ
प्रदेश में कोई भी दिन ऐसा नहीं है रहा हो जब वारदात कम हुई हो. ये आंकड़े वर्तमान स्थिति बताने के लिए काफी हैं. बिहार में क्राइम बढ़ रहा है बावजूद इसके पुलिस अपनी पीठ थपथपाने में जुटी है. बिहार के डीजीपी एसके सिंघल दावा करते हैं कि उनकी पुलिस अपराध पर लगाम लगाने के लिए काम कर रही है. डीजीपी सिंघल की मानें तो ज्यादातर मामलों में पुलिस उद्भेदन करने में कामयाब रही है. समय रहते ही पुलिस ने वारदातों का खुलासा किया है. संलिप्त अपराधियों की गिरफ्तारी भी की है.

पुलिस
पुलिस

क्राइम कंट्रोल करने के लिए पुलिस को हाईटेक बनाने की तैयारी
क्राइम पर कंट्रोल करने के लिए पुलिस को हाइटेक बनाने के साथ नई भर्तियां भी की जा रही हैं. नीतीश के इन 15 साल के कार्यकाल में लगभग 50 हजार पुलिसकर्मियों की नियुक्ति हुई है. 10 हजार पुलिसकर्मियों की भर्ती प्रक्रिया में है. सीएम नीतीश कुमार कहते हैं कि अपराध पर अनुसंधान पूरा करने के लिए बिहार के सभी जिलों में चलंत विधि विज्ञान प्रयोगशाला लाने का निर्णय लिया गया है. ताकि समय रहते किसी भी मामले का अनुसंधान किया जा सके. पहले इसी काम में 2 साल तक लगते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा.

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राजधानी में खुलेआम चल रही गोली
राजधानी पटना के चर्चित रूपेश सिंह हत्याकांड मामले में भी पुलिस को अब तक पूर्ण रूप से कामयाबी नहीं मिली है. हालांकि इस मामले में अब तक एक अपराधी की गिरफ्तारी हुई है. जिसकी निशान देही पर अन्य अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है.

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खाकी पर भी चली गोली
24 फरवरी को सीतामढ़ी में शराब तस्करों को पकड़ने गई पुलिस पर अपराधियों ने गोली चला दी. गोलीबारी में दारोगा दिनेश राम शहीद हो गए. चौकीदार लाल बाबू घायल हो गए. इस मामले में भी पुलिस के हाथ अब तक खाली हैं.

26 फरवरी शुक्रवार को राजधानी पटना के कंकड़बाग में ऑटो रोककर इंजीनियरिंग के छात्र के साथ लूट की घटना को अंजाम दिया गया. विरोध करने पर बाइक सवार बदमाशों ने छात्र को गोली मार दी. छात्र की हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है. पुलिस सीसीटीवी फुटेज के आधार पर छापेमारी कर रही है. लेकिन अभी तक कोई कामयाबी नहीं मिली है.

सूबे में हुई बड़ी वारदात

12 जनवरी को बेतिया में वारंटी को गिरफ्तार करने नवलपुर के खलवा टोला पहुंची पुलिस पर हमला हुआ. पुलिस पिपरिया गांव में वारंट लेकर बाबूलाल मुखिया को गिरफ्तार करने गई थी. ग्रामीणों ने पुलिस की टीम पर हमला कर दिया. जिसमें जमादार और सिपाही बुरी तरह से घायल हो गए थे.

24 जनवरी को बाढ़ जिले में छापेमारी करने गई पुलिस की टीम पर पथराव किया गया. यहां हमले में छह पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए थे.

7 फरवरी को नवादा जिले के सदर थाना क्षेत्र में परीक्षा केंद्र पर पुलिस जवान पर हमला कर दिया गया. जवान ने परीक्षा केंद्र के मुख्य द्वार पर लगी बाइक को हटाने को कहा तो मौजूद कुछ युवकों ने ईंट-पत्थर से पुलिस पर ही हमला कर दिया.

13 फरवरी को मुजफ्फरपुर में परिवारिक विवाद में महिला थाने आए युवक ने चाकू से पुलिसकर्मी पर ही हमला कर दिया. जिसमें महिला थानेदार सहित चार पुलिसकर्मी घायल हो गए थे.

14 फरवरी को बिहार के कैमूर जिले में शौच करने गई एक महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया. हालांकि इस मामले में चारों अभियुक्तों की गिरफ्तारी समय रहते कर ली गई.

15 फरवरी को बक्सर जिले में बेखौफ अपराधियों ने अलग-अलग थाना क्षेत्र में 3 लोगों को गोली मारकर हत्या कर दी. हत्या से पूरे इलाके में हड़कंप मचा रहा. पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार इनमें से एक मामला रोड रेज से जुड़ा था.

15 फरवरी को बगहा के जेडूयी के पूर्व जिला पार्षद दयानंद वर्मा हत्याकांड मामले में जेडीयू विधायक रिंकू सिंह का नाम सामने आया. पूरे मामले में मृतक दयानंद वर्मा की पत्नी कुमुद वर्मा के बयान पर वाल्मीकि नगर से जनता दल यूनाइटेड के विधायक रिंकू सिंह और उसके अन्य साथी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया.

18 फरवरी को बेगूसराय जिले में 11 वर्षीय बच्ची बिस्किट खरीदने के लिए शाम में घर से निकली थी अपराधियों ने उसके साथ ज्यादती की. फिर उसे मार डाला.

18 फरवरी को पूर्णिया में सहायक थाना क्षेत्र के चित्रवानी रोड पर शादी समारोह में आए युवक की गोली मारकर हत्या कर दी. वारदात में 2 अन्य लोग भी घायल हुए थे. इस मामले में भी पुलिस आरोपियों तक नहीं पहुंच पाई है.

22 फरवरी को वैशाली जिले के 307 थाना क्षेत्र के नीलो रुकन्दपुर गांव में बाइक सवार दो अपराधियों ने राजा कुमार नाम के युवक को घर से बुलाकर हत्या कर दी. वारदात के बाद आसपास के लोग ने शव को सड़क पर रखकर जाम किया. इस मामले में भी पुलिस किसी भी अपराधी को गिरफ्तार नहीं कर पाई है.

24 फरवरी को मुजफ्फरपुर जिले में अपराधियों द्वारा एक घर के सदस्य को बंधक बनाकर डकैती की घटना को अंजाम दिया गया जिसमें लाखों के गहने और पैसे लूट लिए. इस मामले में भी अब तक पुलिस के हाथ खाली हैं.

25 फरवरी को भोजपुर के कोईलवर थाना क्षेत्र में हथियारबंद बदमाशों ने एक बाइक सवार युवक को गोली मार दी. पुलिस इस मामले में आरोपी की तलाश कर रही है. अभी तक पुलिस को कामयाबी नहीं मिली है.

26 फरवरी शुक्रवार को पूर्णिया जिले में बेखौफ अपराधियों ने व्यापारी को गोली मारकर लगभग 3 लाख रुपए की लूट की घटना को अंजाम दिया.

बिहार हर दिन छलनी हो रहा है. हर दिन दुष्कर्म, लूट, अपहरण के केस सामने आ रहे हैं. उठ रहे सवालों पर सरकार आरजेडी वाले 15 साल के जंगलराज को आइने की तरह दिखा रही है. लेकिन ये काफी नहीं होगा. सरकार को जीरो टॉलरेंस की नीति को सिर्फ बयानबाजी में नहीं, जमीन पर भी उतारना होगा. ताकि शांति का संदेश देने वाले बिहार में अमन-चैन कायम हो सके.

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