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Umesh Pal murder Case: हेलमेट पहनकर गोली चलाने वाले अरमान को पकड़ने का अरमान कब होगा पूरा?

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Published : May 17, 2023, 3:45 PM IST

प्रयागराज में उमेश पाल की हत्या के दौरान हेलमेट पहनकर फायरिंग करने वाला अरमान बिहार से तड़ीपार था. पुलिस और एसटीएफ वारदात के बाद से लगातार ढूंढ रही है लेकिन कोई सुराग नहीं लग पाया है. आइए जानते हैं अरमान कैसे अतीक अहमद के परिवार और उसके बेटे असद का कैसे करीबी बना?

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प्रयागराज: 24 फरवरी को हुए बहुचर्चित उमेश पाल हत्याकांड को अतीक अहमद के गैंग द्वारा अंजाम दिया गया था. इस वारदात में एक तरफ जहां गुड्डू मुस्लिम, गुलाम और साबिर जैसे पुराने अपराधी शामिल थे. वहीं दूसरी तरफ उनके साथ अतीक अहमद का बेटा असद, विजय चौधरी उर्फ उस्मान के साथ ही बिहार का तड़ीपार अरमान भी शामिल था. तीन पुराने सधे हुए बदमाशों के साथ ही तीन नए खून वाले अपराधियों ने मिलकर वारदात को अंजाम दिया था.

उमेश पाल की हत्या के दौरान अरमान ने पहन रखा था हेलमेट.
उमेश पाल की हत्या के दौरान अरमान ने पहन रखा था हेलमेट.

बिहार से भागकर आया अरमान उमेश पाल हत्याकांड के दौरान सिर में हेलमेट पहनकर पिस्टल से फायरिंग की थी. पूरे घटनाक्रम में सिर्फ अरमान ही एक ऐसा शूटर था, जिसने अपना चेहरा हेलमेट से छिपाया हुआ था. उसने कार के अंदर बैठे पुलिस वाले के ऊपर कार के पीछे और आगे से कई राउंड गोलियां दागी थी. वारदात को हुए ढाई महीने से ज्यादा का वक्त बीत चुका है लेकिन अभी तक पुलिस और एसटीएफ बिहार तड़ीपार अपराधी अरमान बिहारी का कोई सुराग नहीं पता लगा पायी है. अरमान के बारे में यह भी चर्चा है कि उसने पुराने केस में बिहार में सरेंडर कर दिया है. जबकि कुछ लोग कहते हैं कि असद के एनकाउंटर और अतीक अशरफ की हत्या से पहले ही अरमान पुलिस का मुखबिर बन चुका है.

शाइस्ता परवीन के साथ प्रचार में जाता था अरमान.
शाइस्ता परवीन के साथ प्रचार में जाता था अरमान.

असद का खास था अरमानः अरमान बिहार से तड़ीपार होने के बाद प्रयागराज आ गया था. यहां पर वो अतीक गैंग के गुर्गों से मिलने जुलने लगा और धीरे धीरे असद का खास बन गया था. असद के साथ ही अरमान अन्य शूटरों को लेकर बरेली जेल में अशरफ से भी मिलने गया था. अरमान अशरफ के पास अक्सर घर से लेकर सामान लेकर पहुंचाने भी जाने लगा था.

शाइस्ता परवीन के साथ चुनाव प्रचार करने भी जाता था अरमानः असद का खास बनने बाद अरमान को अतीक के घर में सीधे एंट्री मिलने लगी थी. असद का करीबी बनने के बाद ही उसको शाइस्ता परवीन के साथ चुनाव प्रचार में भी भेजा जाने लगा था. पिछले दिनों चुनाव प्रचार का शाइस्ता परवीन का जो वीडियो वॉयरल हुआ था, उसमें अरमान के साथ ही दूसरे शूटर भी नजर आए थे. अतीक अहमद का बेटा असद ही अरमान को अपनी मां शाइस्ता परवीन की सुरक्षा के लिए चुनाव प्रचार में साथ में भेजता था.

बाइक से गुड्डू मुस्लिम के साथ अरमान वारदात स्थल पर पहुंचा था.
बाइक से गुड्डू मुस्लिम के साथ अरमान वारदात स्थल पर पहुंचा था.


अतीक के साथ जुड़कर नाम कमाना चाहता था अरमानः बिहार से भागकर प्रयागराज आया अरमान सिविल लाइंस में किराए पर रहने लगा था. यहां पर उसके साथ मां और भाई भी रहते थे. ये सब घरों में छोटे मोटे काम कर घर का खर्च चलाते थे. लेकिन अरमान के मन में कुछ और अरमान थे. ऐशो आराम की जिंदगी जीने के लिये ही अरमान ने अतीक गैंग का साथ पकड़ लिया. कुछ ही दिनों में उसने सिविल लाइंस इलाके में अतीक के गुर्गे के रूप में अपनी पहचान बना ली. इसके बाद वह महंगे कपड़े और जूते पहनकर सिविल लाइंस में निकलता था. सिविल लाइंस में रहकर वो अतीक गैंग की जरूरत का हर काम करने लगा. लेकिन जुर्म की दुनिया में उसका नाम इतना बड़ा नहीं हो पाया था.शायद यही वजह थी कि उसने बड़ा अपराधी बनने के अपने अरमान को पूरा करने के लिए उमेश पाल मर्डर केस में शामिल होने का मन बनाया और घटना को अंजाम तक पहुँचाया.24 फरवरी की घटना का सीसीटीवी सामने आने के बाद से अरमान देश भर में चर्चा का विषय बन चुका है.

कम पढ़ा लिखा होने के बावजूद दे रहा है एसटीएफ और पुलिस को चकमाः अरमान के बारे में बताया जाता है कि वो ज्यादा पढ़ा लिखा नहीं था. खुद को स्मार्ट दिखाने के लिए ही वो जीन्स टीशर्ट पहनकर स्मार्ट मोबाइल फोन लेकर घूमता था. पढ़ा लिखा न होने के बावजूद अरमान बिहारी बेहद शातिर किस्म का अपराधी रहा है. 24 फरवरी की घटना के बाद से उसने अपने किसी परिचित तक से कॉल करके सपंर्क नहीं किया है. न ही उसने परिवार वालों से किसी तरह का संपर्क किया. यही वजह है कि अरमान के बारे में तेज तर्रार यूपी एसटीएफ के साथ ही प्रयागराज पुलिस को भी अब तक उसकी कोई भनक नहीं लग सकी है.


अरमान पर है 5 लाख का इनामः उमेश पाल मर्डर केस के आरोपियों में शामिल अरमान बिहारी के ऊपर 5 लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया है.इतनी बड़ी इनाम की राशि उसके ऊपर होने के बावजूद आज तक उसके बारे में पुलिस को किसी ने कोई ठोस जानकारी नहीं दी है.यही कारण है कि पुलिस अब तक उस तक पहुंचने में कामयाब नहीं हो सकी है. जबकि पुलिस और एसटीएफ की टीमें लगातार उसका पता लगा रही है. हालांकि अरमान को लेकर इस तरह की चर्चाएं भी हैं उसने बिहार में किसी पुराने केस में कोर्ट में सरेंडर कर दिया है.यही नहीं चर्चा इस तरह की भी है कि अरमान पुलिस का मुखबिर बन गया है.अब देखना ये होगा कि पौने तीन महीने से फरार अरमान को पकड़ने का अरमान कब पूरा होता है.

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