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जिनको कभी किसी ने पूछा नहीं, उनको मोदी पूछता भी है और पूजता भी है: प्रधानमंत्री

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By PTI

Published : Jan 15, 2024, 5:54 PM IST

tribal welfare scheme : प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम-जनमन) के अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के एक लाख लाभार्थियों को 540 करोड़ रुपये की पहली किस्त जारी की गई. इस दौरान लाभार्थियों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जिनको कभी किसी ने पूछा नहीं, उनको मोदी पूछता भी है और पूजता भी है.

PM Modi
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि देश तभी विकास कर सकता है जब विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ सभी तक पहुंचे और यह 'मोदी की गारंटी' है कि दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने वालों को भी सरकारी योजनाओं का लाभ मिले.

  • #WATCH | Prime Minister Narendra Modi says "There is a festive atmosphere in the country at this time. Uttarayan, Makar Sankranti, Pongal, Bihu...On one hand, when Diwali is being celebrated in Ayodhya, on the other hand, one lakh of my extremely backward tribal brothers and… pic.twitter.com/Gl6hX4Or6Q

    — ANI (@ANI) January 15, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उन्होंने कहा कि त्रेता युग में राजा राम की कथा हो या आज की 'राज-कथा' यह गरीब, वंचित और जनजातीय लोगों के कल्याण के बिना संभव ही नहीं है. उन्होंने कहा कि उनके नेतृत्व वाली सरकार इसी सोच के साथ लगातार काम कर रही है और इसी का प्रतिफल है कि जिनको कभी किसी ने पूछा नहीं, उनको मोदी आज पूछता भी है और पूजता भी है.

  • #WATCH | Prime Minister Narendra Modi addresses the beneficiaries of Pradhan Mantri Awas Yojana - Gramin (PMAY-G) under Pradhan Mantri Janjati Adivasi Nyaya Maha Abhiyan (PM-JANMAN) via video conferencing. pic.twitter.com/DPnV0grWL9

    — ANI (@ANI) January 15, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम-जनमन) के अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के एक लाख लाभार्थियों को 540 करोड़ रुपये की पहली किस्त जारी करने के बाद वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से अपने संबोधन में मोदी ने यह भी कहा कि उनकी सरकार के 10 साल गरीबों को समर्पित रहे.

  • #WATCH | Prime Minister Narendra Modi releases the first instalment to 1 lakh beneficiaries of Pradhan Mantri Awas Yojana - Gramin (PMAY-G) under Pradhan Mantri Janjati Adivasi Nyaya Maha Abhiyan (PM-JANMAN) via video conferencing. pic.twitter.com/ZQvI4YNWGZ

    — ANI (@ANI) January 15, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उन्होंने कहा, 'त्रेता में राजा राम की कथा हो या आज की राज-कथा बिना गरीब, बिना वंचित, बिना वनवासी भाई-बहनों के कल्याण के संभव ही नहीं है. इसी सोच के साथ हम लगातार काम कर रहे हैं. हमने 10 साल गरीबों को समर्पित किए. गरीबों को 4 करोड़ से अधिक पक्के घर बनाकर दिए.' उन्होंने कहा, 'जिनको कभी किसी ने पूछा नहीं, उनको मोदी आज पूछता भी है और पूजता भी है.'

  • #WATCH | Prime Minister Narendra Modi interacts with Bharti Narayanan, a beneficiary of Pradhan Mantri Awas Yojana-Gramin (PMAY-G) under Pradhan Mantri Janjati Adivasi Nyaya Maha Abhiyan (PM-JANMAN) from Nashik, Maharashtra. pic.twitter.com/vLr0bO43BL

    — ANI (@ANI) January 15, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

'प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण' के लाभार्थियों को 540 करोड़ रुपये की पहली किस्त जारी की गई. इस दौरान लाभार्थियों ने रसोई गैस कनेक्शन, बिजली, पाइप से पानी और आवास सहित अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के बाद अपने जीवन में आए सकारात्मक बदलावों पर प्रकाश डाला. प्रधानमंत्री ने संवाद के दौरान कहा, 'हमारी सरकार का प्रयास है कि कोई भी उसकी कल्याणकारी योजनाओं से वंचित नहीं रहे.'

अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का उल्लेख करते हुए मोदी ने रामायण के प्रमुख चरित्रों में एक शबरी को याद किया और कहा कि इन दिनों उन्होंने भी 11 दिन व्रत-अनुष्ठान का एक संकल्प किया हुआ है और इस दौरान वे श्री राम का ध्यान और स्मरण कर रहे हैं. उन्होंने कहा, 'जब आप प्रभु राम का स्मरण करेंगे तो माता शबरी की याद आना बहुत स्वाभाविक है. श्रीराम की कथा माता शबरी के बिना संभव ही नहीं है. अयोध्या से जब राम निकले थे तब तो वह राजकुमार थे. लेकिन राजकुमार राम, मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में हमारे सामने आए क्योंकि माता शबरी हो, केवट हो, निषाद राज हो... न जाने कौन-कौन से लोग... जिनके सानिध्य ने राजकुमार राम को प्रभु राम बना दिया.'

'योजनाएं अति पिछड़े जनजातीय लोगों तक पहुंचें': प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार की योजनाएं अति पिछड़े जनजातीय लोगों तक पहुंचें, यही पीएम-जनमन महाअभियान का उद्देश्य है. उन्होंने कहा, 'सरकार पूरी ताकत लगा रही है कि हमारे अति पिछड़े जनजातीय भाई-बहनों तक सरकार की हर योजना जल्द से जल्द पहुंचे. मेरा कोई अति पिछड़ा भाई-बहन अब सरकार की योजना के लाभ से छूटेगा नहीं.'

उन्होंने कहा कि सिर्फ दो महीने में ही पीएम-जनमन अभियान ने वह लक्ष्य हासिल करने शुरू कर दिए हैं जो पहले कभी कोई नहीं कर सका. उन्होंने कहा कि जनजातीय समुदाय की भावी पीढ़ियों को अब किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना ना करना पड़े, इसके लिए उनकी सरकार लगातार प्रयास कर रही है.

उन्होंने कहा, पहले सरकारी योजनाएं सिर्फ कागजों पर ही चलती रहती थीं और असली लाभार्थियों को पता ही नहीं चलता था. जिनको पता चल भी जाता था तो उनको कितनी मुश्किलों का सामना करना पड़ता था. अब पीएम-जनमन महा अभियान में हमारी सरकार ने ऐसे सभी नियम बदल दिए हैं, जिससे आपको परेशानी होती हो.'

उन्होंने कहा कि अनुसूचित जनजातियों के लिए कई कल्याणकारी योजनाओं का बजट पांच गुना बढ़ गया है और आदिवासी छात्रों के लिए छात्रवृत्ति पिछले 10 वर्षों में ढाई गुना बढ़ गई है. उन्होंने कहा कि उनके लिए 500 से अधिक एकलव्य मॉडल स्कूल बनाने का काम चल रहा है, जबकि ऐसे स्कूल पहले केवल 90 मौजूद थे.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को दिया श्रेय : मोदी ने पीएम-जनमन योजना आरंभ करने का श्रेय भारत की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के मार्गदर्शन को देते हुए कहा कि वह खुद जनजातीय पृष्ठभूमि से हैं और इसलिए उनसे जब भी बातचीत होती हैं, वह जनजातीय समाज के मुद्दों के बारे में बात करती हैं.

यह उल्लेख करते हुए कि अयोध्या में मंदिर में भगवान राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के मद्देनजर वहां दिवाली मनाई जा रही है, उन्होंने कहा कि यह त्योहार इन एक लाख परिवारों के घरों पर भी मनाया जा रहा है जिन्हें अपना घर बनाने के लिए धन की पहली किस्त मिल गई है. प्रधानमंत्री ने कहा कि यह उनके लिए बड़ी खुशी की बात है.

पिछले वर्ष 15 नवंबर को पीएम-जनमन की शुरुआत समाज के सबसे कमजोर जनजातीय समूहों के सामाजिक-आर्थिक कल्याण के लिए की गई थी. पीएम-जनमन का बजट लगभग 24,000 करोड़ रुपये का है और इसमें नौ मंत्रालयों के माध्यम से 11 महत्वपूर्ण पहलों को शामिल किया गया है. इसका उद्देश्य सबसे कमजोर जनजातीय समूहों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराना है. इनमें सुरक्ष‍ित आवास, स्‍वच्‍छ पेयजल, बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण, बिजली, सड़क और संचार जैसी सुविधाएं तथा टिकाऊ आजीविका के अवसर उपलब्‍ध कराना शामिल है.

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