ETV Bharat / bharat

COP26 शिखर सम्मेलन के लिए यूके पहुंचे पीएम मोदी, जॉनसन के साथ द्विपक्षीय वार्ता

author img

By

Published : Nov 1, 2021, 4:53 AM IST

Updated : Nov 1, 2021, 10:33 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त राष्ट्रकी बैठक के मौके पर ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के साथ COP26 जलवायु शिखर सम्मेलन और द्विपक्षीय वार्ता के लिए ग्लासगो पहुंच गए हैं. बैठक में लगभग 200 देशों के वार्ताकार 2015 के पेरिस जलवायु समझौते के बाद से लंबित मुद्दों पर चर्चा करेंगे, और इस सदी में वैश्विक तापमान को 1.5 डिग्री सेल्सियस (2.7 फ़ारेनहाइट) से अधिक होने से रोकने के प्रयासों को तेज करने के तरीके खोजेंगे.

COP26 शिखर सम्मेलन के लिए यूके पहुंचे पीएम मोदी
COP26 शिखर सम्मेलन के लिए यूके पहुंचे पीएम मोदी

ग्लासगो : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की बैठक के मौके पर ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के साथ COP26 जलवायु शिखर सम्मेलन और द्विपक्षीय वार्ता के लिए रविवार को ग्लासगो पहुंचे. पीएम मोदी की बोरिस जॉनसन के साथ द्विपक्षीय बैठक सोमवार के उद्घाटन समारोह के तुरंत बाद होने की उम्मीद है, जिसमें सांस्कृतिक प्रदर्शन और यूके के प्रधान मंत्री का भाषण शामिल होगा.

बता दें कि आज शाम को जलवायु परिवर्तन पर सीओपी26 में उच्च स्तरीय 'एक्शन एंड सॉलिडेरिटी: द क्रिटिकल डिकेड' सेगमेंट को संबोधित करेंगे. सीओपी26 रविवार को शुरू हुआ और 12 नवंबर को समाप्त होगा.

COP26 शिखर सम्मेलन के लिए यूके पहुंचे पीएम मोदी

पीएम मोदी ने ट्विटर पर कहा, COP26 शिखर सम्मेलन में शामिल हो रहा हूं, जहां मैं जलवायु परिवर्तन को कम करने और इस संबंध में भारत के प्रयासों को स्पष्ट करने के लिए अन्य विश्व नेताओं के साथ काम करने के लिए उत्सुक हूं.

ग्लासगो में अपने होटल पहुंचने पर प्रधानमंत्री का स्कॉटिश बैगपाइप की धुन पर स्वागत किया गया. साथ ही भारतीय प्रवासी प्रतिनिधियों के एक बड़े समूह ने भी उनका स्वागत किया. इस दौरान उन्होंने भारत माता की जय के नारे भी लगाए.

पीएम मोदी ने स्वागत करने के लिए आए भारतीय समुदाय के बीच मौजूद एक बच्चे से बातचीत की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत के दौरान भारतीय समुदाय ने 'मोदी है भारत का गहना' गाया.

इटली में G20 शिखर सम्मेलन से ग्लासगो में उड़ान भरने वाले प्रधानमंत्री मोदी सोमवार सुबह स्कॉटलैंड में स्थित सामुदायिक नेताओं और भारतविदों के साथ बैठक के साथ अपने यूरोपीय दौरे के यूके चरण की शुरुआत करने वाले हैं.

पढ़ें - प्रधानमंत्री मोदी ने स्पेनिश समकक्ष सांचेज के साथ 'उपयोगी' बातचीत की

इसके बाद वह ग्लासगो में स्कॉटिश इवेंट कैंपस (एसईसी) में संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज (यूएनएफसीसीसी) में पार्टियों के 26वें सम्मेलन (सीओपी26) में वर्ल्ड लीडर्स समिट (डब्ल्यूएलएस) के उद्घाटन समारोह के लिए आगे बढ़ेंगे, जहां वह शिखर सम्मेलन के पूर्ण सत्र को संबोधित करने के लिए तैयार हैं.

इस मौके पर जॉनसन ने कहा है कि शिखर सम्मेलन विश्व की सच्चाई का क्षण होगा और दुनिया के नेताओं से इसका अधिकतम लाभ उठाने का आग्रह किया है.

ग्लासगो में महत्वपूर्ण जलवायु शिखर सम्मेलन की शुरुआत, नेताओं ने सर्वश्रेष्ठ उपलब्धि की उम्मीद जताई

ग्लासगो में रविवार को संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन की औपचारिक शुरुआत कार्रवाई और प्रार्थनाओं की अपील के साथ हुई जिसमें दो सप्ताह तक करीब 200 देशों के प्रतिनिधि वैश्विक स्तर पर तापमान बढ़ने की साझा चुनौती से निपटने पर गहन चर्चा करेंगे.

रविवार को उद्घाटन के बाद सोमवार को दुनिया भर के नेता स्कॉटलैंड के सबसे बड़े शहर में जमा होंगे और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के अपने देशों के प्रयासों को रेखांकित करेंगे.

वेटिकन में रविवार की प्रार्थना सभा में पोप फ्रांसिस ने दुनिया के लोगों से यह प्रार्थना करने की अपील की कि दुनियाभर के नेता जलवायु में तापमान बढ़ने के साथ धरती और गरीबों की पीड़ा को समझें.

बैठक में लगभग 200 देशों के वार्ताकार 2015 के पेरिस जलवायु समझौते के बाद से लंबित मुद्दों पर चर्चा करेंगे, और इस सदी में वैश्विक तापमान को 1.5 डिग्री सेल्सियस (2.7 फ़ारेनहाइट) से अधिक होने से रोकने के प्रयासों को तेज करने के तरीके खोजेंगे.

ग्लासगो में सीओपी26 के अध्यक्ष और ब्रिटेन के मंत्री आलोक शर्मा ने कहा कि यह सम्मेलन 1.5 डिग्री सेल्सियस के लक्ष्य को पाने के लिहाज से हमारी अंतिम और सर्वश्रेष्ठ उम्मीद है.

वैज्ञानिकों का कहना है कि छह साल पहले फ्रांस की राजधानी में जिस लक्ष्य पर सहमति बनी थी, उसे हासिल करने की संभावना धीरे-धीरे खत्म होती जा रही है। वैश्विक तापमान पहले ही 1.1 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा गर्म हो चुका है और वर्तमान अनुमान के अनुसार वर्ष 2100 तक यह तापमान वृद्धि 2.7 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकती है.

विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि इस तरह ग्लोबल वार्मिंग बढ़ने से धरती की बर्फ पिघल जाएगी, जिससे वैश्विक समुद्र स्तर बढ़ जाएगा। इसके चलते मौसम संबंधी गंभीर घटनाओं की आशंका और बढ़ जाएगी.

Last Updated : Nov 1, 2021, 10:33 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.