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जम्मू-कश्मीर पर सर्वदलीय बैठक सकारात्मक, चुनाव से पहले मिले पूर्ण राज्य का दर्जा : कर्ण सिंह

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Published : Jun 25, 2021, 7:23 PM IST

Updated : Jun 25, 2021, 8:32 PM IST

जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में सर्वदलीय बैठक बुलाई थी जिसके बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कर्ण सिंह ने इसे सकारात्मक कदम बताया है. उन्होंने पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग करते हुए कहा कि ऐसा करने से लोगों के घाव भरेंगे और विधानसभा चुनाव एक पूर्ण राज्य में ही कराए जाने चाहिए.

Karan Singh
Karan Singh

नई दिल्ली : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कर्ण सिंह (Karan Singh) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जम्मू-कश्मीर के नेताओं के साथ बैठक को बहुत सकारात्मक कदम करार देते हुए शुक्रवार को कहा कि विधानसभा चुनाव कराने से पहले पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल किया जाना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के कदमों से जम्मू-कश्मीर के लोगों का घाव भरने में मदद मिलेगी.

कश्मीर के भारत में विलय (Kashmir accession) की शर्तों पर हस्ताक्षर करने वाले महाराज हरि सिंह के पुत्र (son of Maharaja Hari Singh) कर्ण सिंह के मुताबिक, उनकी निजी राय में प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि अनुच्छेद 370 को खत्म करने का फैसला अपरिवर्तनीय है, हालांकि इन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह विषय उच्चतम न्यायालय के विचाराधीन है और अब वहीं फैसला होना चाहिए.

वित्तीय-सह-विकास पैकेज का सुझाव
जम्मू-कश्मीर के अंतिम सद्र-ए-रियासत और प्रथम राज्यपाल ने कहा कि केंद्र सरकार को जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए वित्तीय-सह-विकास पैकेज देना चाहिए ताकि उन लोगों को मदद मिल सके जिनकी जीविका पिछले दो वर्षों के दौरान बुरी तरह प्रभावित हुई है. उन्होंने ये टिप्पणियां प्रधानमंत्री मोदी की ओर से जम्मू-कश्मीर को लेकर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के एक दिन बाद की हैं.

सभी दलों का एक साथ जुटना सकारात्मक
जम्मू-कश्मीर के 14 प्रमुख नेताओं के साथ प्रधानमंत्री की इस बैठक के बारे में पूछे जाने पर 90 वर्षीय सिंह ने कहा, मेरा मानना है कि यह बहुत ही सकारात्मक कदम है. सबसे पहली बात यह कि इसमें सभी लोग शामिल हुए और जिन्हें कभी राष्ट्र विरोधी बताया गया था वो सभी आए, नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी दोनों आए.

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राजनीतिक प्रक्रिया की शुरुआत स्वागत योग्य
डॉ कर्ण सिंह ने यह भी कहा, मेरा मानना है कि बैठक में सबने खुलकर अपने विचार रखे और प्रधानमंत्री ने एक-एक करके सबकी बात सुनी. मुझे लगता है कि यह बहुत सकारात्मक कदम है क्योंकि गतिरोध तोड़ने के लिए ऐसा कुछ होने की जरूरत थी. उनके अनुसार, जम्मू-कश्मीर का दर्जा बदलने के बाद राजनीतिक परिस्थिति ठहर सी गई थी, ऐसे में यह बैठक राजनीतिक प्रक्रिया की शुरुआत होना है जिसका स्वागत किया जाना चाहिए.

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अनुच्छेद 370 हटाने की सराहना नहीं
यह पूछे जाने पर कि जम्मू-कश्मीर के ज्यादातर राजनीतिक दलों ने पूर्ण राज्य (statehood to jammu kashmir) के दर्जे की बहाली की मांग की, तो उन्होंने कहा कि यह सबका विचार था क्योंकि अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर को केंद्रशासित प्रदेश बना देने को राज्य में किसी ने नहीं सराहा.

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पूर्ण राज्य का दर्जा सार्वभौमिक मांग
डॉ कर्ण सिंह ने चुनाव से पहले पूर्ण राज्य के दर्जे की बहाली की मांग करते हुए कहा, पूर्ण राज्य का दर्जा एक सार्वभौमिक मांग है. अब पहला कदम परिसीमन का है. परिसीमन आयोग पहले ही काम कर रहा है और उसे जल्द रिपोर्ट सौंपनी चाहिए. परिसीमन के बाद का अगला कदम चुनाव है. मेरी राय है कि हमें एक पूर्ण राज्य में चुनाव कराना चाहिए.

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पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने से भरेंगे घाव
कर्ण सिंह के मुताबिक, यह एक विडंबना है कि उनके पिता ने पूर्ण राज्य के लिए विलय के दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए थे और आज हम पूर्ण राज्य के दर्जे के लिए लड़ाई लड़नी पड़ रही है. यह पूछे जाने पर कि पूर्ण राज्य के दर्जे की बहाली से दिल की दूरी खत्म हो जाएगी तो उन्होंने कहा कि इससे लोगों के घावों को भरने में मदद मिलेगी, लेकिन सिर्फ यही एक कदम पर्याप्त नहीं होगा, इतना जरूर है कि यह बड़ा कदम होगा.

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उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है मामला
अनुच्छेद 370 की बहाली से संबंधित जम्मू-कश्मीर के कुछ नेताओं की मांग पर सिंह ने अपनी निजी राय रखते हुए कहा, प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि ये बदलाव अपरिवर्तनीय हैं, लेकिन यह मामला उच्चतम न्यायालय के विचाराधीन है और ऐसे में हमें इस बारे में विस्तृत टिप्पणी नहीं करनी चाहिए कि इस पर क्या होना चाहिए या नहीं होना चाहिए.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Jun 25, 2021, 8:32 PM IST
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