हैदराबाद : मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में एक ट्रांसजेंडर ने पहली बार पीजी मेडिकल सीट हासिल की है. खम्मम निवासी डॉ. रूथपाल जॉन एक अनाथ हैं. हालाँकि, रूथपाल ने बहुत मेहनत से पढ़ाई की. कड़ी मेहनत से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी करने के बाद वर्तमान में हैदराबाद के उस्मानिया मेडिकल कॉलेज के एआरटी सेंटर में कार्यरत हैं. वह अपने जैसे गरीब मरीजों की सेवा कर रही हैं जो विभिन्न मानसिक और शारीरिक समस्याओं वाले ट्रांसजेंडर हैं.
डॉ. रूथ पॉल की इच्छा मेडिकल शिक्षा में आगे की पढ़ाई करने की है. एक तरफ नौकरी करते हुए दूसरी तरफ कड़ी मेहनत से पढ़ाई की और पीजी नीट में रैंक हासिल की. हाल ही में हैदराबाद ईएसआई मेडिकल कॉलेज में एमडी इमरजेंसी कोर्स में सीट हासिल की. लेकिन फीस के लिए 2.50 लाख रुपए तक चाहिए थे. उस्मानिया अस्पताल अधीक्षक डॉ. नागेंद्र की पहल पर डॉक्टरों और अन्य स्टाफ ने एक लाख रुपये तक का योगदान दिया. हेल्पिंग हैंड फाउंडेशन और सीड (SEED) धर्मार्थ संगठनों द्वारा अन्य 1.5 लाख रुपये प्रदान किए गए. उन्होंने इसके लिए उन्हें धन्यवाद दिया. डॉ. रूथपाल ने कहा कि उन्होंने जो शिक्षा प्राप्त की उससे वह गरीबों और अपने जैसे लोगों की सेवा करेंगी.
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बता दें कि ट्रांसजेंडरों को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए प्रयास जारी है. सरकार ने इस दिशा में कई कदम उठाए हैं. कई गैर सरकारी संगठन और संस्था इसे बढ़ावा दे रही है. हाल के वर्षों में कई ट्रांसजेंडर सरकारी नौकरियों में शामिल हुई. वहीं, राजनीति में भी कई ट्रांसजेंडरों ने प्रशंसनीय काम किया है. इससे उनकी छवि में सुधार हुआ है.