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जोशीमठ आपदा पीड़ितों के सब्र का बांध टूटा, खैरियत पूछने पहुंचे बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को घेरा

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Published : Jan 9, 2023, 7:22 PM IST

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जोशीमठ में भू-धंसाव के बाद सरकार की तरफ से किए जा रहे राहत-बचाव कार्यों से स्थानीय लोग संतुष्ट नजर नहीं आ रहे हैं. यहीं कारण है कि अब उनका गुस्सा सरकार और प्रशासन पर निकल रहा है. जोशीमठ में उत्तराखंड बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र प्रसाद भट्ट को लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा. आक्रोशित लोगों ने उन्हें घेरते हुए जमकर नारेबाजी की.

जोशीमठ आपदा पीड़ितों के सब्र का बांध टूटा

चमोली: उत्तराखंड का जोशीमठ शहर इन दिनों अपने अस्तिव को बचाने की लड़ाई लड़ रहा है (Joshimath in danger). ऐसे में स्थानीय लोगों का गुस्सा भी बढ़ता जा रहा है. बेघर हुए लोगों का गुस्सा प्रशासन और प्रतिनिधियों पर उतर रहा है (People protest against BJP state president). जोशीमठ पहुंचे उत्तराखंड बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट (BJP state president Mahendra Bhatt) को भी आपदा पीड़ितों के गुस्से का सामना करना पड़ा.

उत्तराखंड बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र प्रसाद भट्ट जोशीमठ में प्रभावित इलाकों को निरीक्षण (land subsidence in joshimath) करने पहुंचे थे कि तभी लोगों ने उन्हें घेर लिया और अपना आक्रोश व्यक्त किया. महेंद्र भट्ट लोगों को समझाने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन अपने आशियानों को उजड़ता देख लोग महेंद्र भट्ट की एक बात भी सुनने को तैयार नहीं थे. आक्रोशित लोगों ने वहीं पर महेंद्र भट्ट के खिलाफ नारेबाजी भी की. हालांकि मौके पर मौजूद बीजेपी के कुछ कार्यकर्ता किसी तरह महेंद्र भट्ट को भीड़ से दूर लेकर गए.
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बता दें कि उत्तराखंड बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र प्रसाद भट्ट बदरीनाथ विधानसभा सीट से बीजेपी के पूर्व विधायक रहे हैं. साल 2022 के विधानसभा चुनाव में महेंद्र भट्ट को कांग्रेस के राजेंद्र भंडारी ने हराया था. महेंद्र भट्ट से पहले जोशीमठ की एसडीएम कुसुम जोशी का वीडियो भी सामने आया था. जिसमें स्थानीय लोग एसडीएम कुसुम जोशी से तीखी बहस करते नजर आए और प्रशासन पर गंभीर आरोप लगा रहे थे.

गौरतलब है कि भू-धंसाव के बाद जोशीमठ में हालत दिन प्रतिदिन खराब होते जा रहे हैं. सरकार राहत और बचाव के कार्यों में तेजी के साथ कर रही है, ताकि किसी तरह के जानमाल के नुकसान होने से बचाया जा सके. वहीं, प्रशासन की टीम ने सर्वे कर मकानों पर लाल निशाना लगाना शुरू कर दिया है. बताया जा रहा है कि जिन भवनों पर लाल निशान लगाया गया है, वो सुरक्षित नहीं है और उन्हें जल्द ही गिराया जाएगा.
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