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'लोगों को सुरक्षा देने में नाकामयाब है बिहार पुलिस', Patna High Court की तल्ख टिप्पणी

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 6, 2023, 4:03 PM IST

Patna High Court Etv Bharat
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मुजफ्फरपुर में छात्रा के अपहरण मामले में पटना उच्च न्यायालय ने तल्ख टिप्पणी की है. पुलिस की कार्यशैली पर प्रश्न चिह्न खड़ा किया है. इस मामले पर अगली सुनवाई 10 नवंबर 2023 को होगी. पढ़ें पूरी खबर.

पटना : पटना हाईकोर्ट ने मुजफ्फरपुर एलएन मिश्रा इंस्टिट्यूट की छात्रा के अपहरण मामले में सुनवाई की. कोर्ट ने पुलिस के रवैये और क्रियाकलापों पर सख्त नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि पुलिस बिहार के लोगों को सुरक्षा प्रदान करने में नाकामयाब रही है. जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि ये मामला बहुत गंभीर है. कोर्ट ने कहा कि इस केस को प्रत्येक शुक्रवार को सुनवाई की जाएगी.

नई SIT गठन करने का आदेश : कोर्ट ने साइबर क्राइम एसपी तथा मुजफ्फरपुर के सीनियर एसपी को मिलकर इस केस की समीक्षा करने की बात कही. इस केस के लिए एक नई एसआईटी के गठन करने की बात कही. दरअसल, मुजफ्फरपुर के एलएन मिश्रा इंस्टिट्यूट की छात्रा का अपहरण भगवान पुर चौक से गत वर्ष 12 दिसम्बर को हो गया था.

मामले में दो महिलाओं से हुई पूछताछ : साहेबगंज कॉलेज से सेवानिवृत्त हुये अपहृत लड़की के नाना ने मुज्जफरपुर के सदर थाना में प्राथमिकी 844/2022 दर्ज कराई. जांच में पता चला कि सोनू कुमार ने दो महिला के साथ भगवानपुर चौक से नशे का इंजेक्शन देकर अपहरण कर लिया है. लड़की को चतुर्भुज स्थान में बेच दिया है. यह पता चलने के बाद भी पुलिस सोनू को पूछताछ के लिए नहीं बुलाई. बाद में दो महिलाओं को गिरफ्तार किया गया. दोनों ने पुलिस को कई तथ्यों की जानकारी दी.

हाई कोर्ट में आपराधिक रिट याचिका दायर : इसी बीच अपहृत लड़की के परिजनों ने डीजीपी, मानवाधिकार आयोग, साइबर क्राइम ब्रांच से गुहार लगाई लेकिन कहीं से कुछ नहीं हुआ. साइबर क्राइम ब्रांच ने इस केस के अनुसंधाननकर्ता पुलिस अधिकारी को दो-तीन बिंदुओं पर जांच करने की सलाह दी. कहीं से कुछ होता नहीं देख परिजनों ने पटना हाई कोर्ट का रुख किया. हाई कोर्ट में आपराधिक रिट याचिका दायर कर बच्ची को बरामदगी की गुहार लगाई.

अनुसंधान में लापरवाही बरती गई- HC : न्यायमूर्ति राजीव रंजन प्रसाद की एकलपीठ ने मामले पर सुनवाई की. कोर्ट ने कहा कि संवेदनशील मामले में अनुसन्धान में लापरवाही बरती गई. अनुसन्धान रिपोर्ट देख कोर्ट आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि क्या पुलिस ऐसे अनुसन्धान करती है? इस मामले में संदिग्धों से सही ढंग से पूछताछ तक नहीं किया गया. यहां तक कि इस घटना के किंगपिन मानें जाने वाले को पुलिस रिमांड पर नहीं ली.

लोगों को सुरक्षा देने में पुलिस नाकामयाब : कोर्ट ने लोगों को सुरक्षा देने में नाकामयाब रहने की बात कही और प्रत्येक शुक्रवार को इस केस पर सुनवाई करने का आदेश दिया. कोर्ट ने पुलिस साइबर क्राइम यूनिट को प्रतिवादी बनाने का आदेश दिया. साथ ही एसएसपी को इस बात का पता लगाने का आदेश दिया कि इस केस के आईओ ने पूर्व में दिये गए निर्देशों का पालन किया था या नहीं? यदि नहीं किया तो आईओ के खिलाफ जिम्मेदारी सौंप कार्रवाई करें.

SSP को दिया आदेश : कोर्ट ने साइबर सेल को एसआईटी की मदद से इस केस के अभियुक्तों को चिन्हित करने का आदेश दिया. मुजफ्फरपुर के एसएसपी को फिर से एसआईटी का गठन करने, उन सभी जगहों की तलाशी लेने का आदेश दिया, जहां अपहृत लड़की के होने की संभावना है. कोर्ट ने इस केस में गिरफ्तार दोनों महिलाओं का कोर्ट में क्यों नहीं बयान दर्ज कराया गया, इसकी भी जांच करने का आदेश एसएसपी को दिया. कोर्ट ने आदेश की प्रति मुज्जफरपुर के एसएसपी और आर्थिक अपराध शाखा के एसपी को भेजने का आदेश दिया.

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