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Dutch Carpet Building: पटना कलेक्ट्रेट में डच युग के भवन को तोड़ा, ऑस्कर विजेता फिल्म ‘गांधी’ में भी दिखी थी झलक

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Published : Jan 29, 2023, 10:50 PM IST

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Patna Collectorate Building पटना समाहरणालय के डच कालीन रिकार्ड रूम भवन को शनिवार को गिरा दिया गया. हालांकि, इस ऐतिहासिक भवन के कुछ खंभों को भावी पीढ़ी के लिए संरक्षित रखा गया है. बता दें कि ऑस्कर विजेता फिल्म गांधी (Oscar Award Film Gandhi) में इस भवन को दिखाया गया है. पढ़ें पूरी खबर

पटना: पटना कलेक्ट्रेट में डच युग के रिकॉर्ड रूम भवन को ध्वस्त कर दिया गया है. लेकिन ऐतिहासिक संरचना के आठ पिलरों (स्तंभों) को संरक्षित रखा गया है. इस भवन को आठ अकादमी पुरस्कार जीतने वाली फिल्म 'गांधी' में दिखाया गया था. अंटा घाट के पास गंगा नदी के तट पर स्थित 300 साल पुरानी इमारत 12 एकड़ भूमि में फैली हुई थी, जिसमें बड़े दरवाजे, आकर्षक छत, रोशनदान और पिलर थे. इमारत का उपयोग जिला मजिस्ट्रेट कार्यालयों द्वारा रिकॉर्ड रूम के रूप में किया जाता था.

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डच युग का रिकॉर्ड रूम भवन ध्वस्त: बिहार सरकार ने 2016 में ऐतिहासिक संरचना के विध्वंस और एक हाई राइज के निर्माण का प्रस्ताव दिया था. लेकिन भारत में डच उच्चायुक्त और लंदन स्थित गांधी फाउंडेशन ने भी बिहार सरकार से विध्वंस से बचने के लिए कहा था. दिल्ली स्थित एक विरासत निकाय इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज (INTACH) ने साल 2019 में पटना हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर संरचना के लिए विरासत स्थल का दर्जा देने की मांग की थी. साल 2020 में केस हारने के बाद, आईएनटीएसीएच ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था.

क्या कहा था सुप्रीम कोर्ट ने : कोर्ट ने 18 सितंबर 2020 को स्टे दे दिया था. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने 13 मई 2022 को आईएनटीएसीएच की याचिका को खारिज कर दिया, जिससे भवन के विध्वंस का मार्ग प्रशस्त हो गया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि 'इमारत में क्या विरासत हो सकती है. हमें जो तस्वीरें दी गई हैं उससे हम अंदाजा लगा सकते हैं कि इसकी छत कई जगह गिर चुकी है. यहां तक कि एएसआई ने भी कहा है कि इसका कोई विरासत मूल्य नहीं है. यह एक गोदाम था जिसका इस्तेमाल अंग्रेजों द्वारा नमक और अफीम रखने के लिए किया जाता था.'

पटना हाईकोर्ट का बुलडोजर नहीं चलाने का निर्देश : पटना हाईकोर्ट ने अपने फैसले में तोड़ने की इजाजत दी थी, लेकिन पिलरों (स्तंभों) पर बुलडोजर नहीं चलाने का निर्देश दिया था. जिसके बाद विध्वंस पहली बार 14 मई 2022 को शुरू हुआ और 17 मई 2022 तक कुछ हिस्से को ध्वस्त कर दिया गया. परिसर में आठ इमारतें थीं, जिनमें से दो का निर्माण आजादी के बाद किया गया था.

भवन निर्माण विभाग का क्या कहना है: बिहार भवन निर्माण विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि हमने महत्वपूर्ण दस्तावेजों को एक नए भवन में शिफ्ट कर दिया है. हमने पिलरों को सुरक्षित रखा है. नए भवन का निर्माण शुरू हो चुका है और एक बार जब यह पूरा हो जाएगा तो आप आधुनिक और प्राचीन इमारतों को देख सकते हैं. हम महत्वपूर्ण दस्तावेजों को भी प्रदर्शित करेंगे.

ऐतिहासिक भवन जमींदोंज: विडंबना यह है कि बिहार पर्यटन की आधिकारिक वेबसाइट पर अभी भी इस परिसर का एक सांस्कृतिक स्थल के रूप में उल्लेख किया गया है. 'गांधी' में, रिकॉर्ड रूम की इमारत को मोतिहारी जेल के रूप में चित्रित किया गया था, जबकि ब्रिटिश-युग के जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय को चंपारण मुकदमे को फिल्माने के लिए एक अदालत कक्ष के रूप में तैयार किया गया था.

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