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कोरोना वैक्सीन के ग्लोबल टेंडर पर सरकार ने संसद में दिया बयान, लोकसभा 26 जुलाई तक स्थगित

लोक सभा में राहुल शिवाले के सवाल पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कोरोना वैक्सीन के ग्लोबल टेंडर पर जवाब दिया.

लोकसभा की कार्यवाही
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Published : Jul 23, 2021, 11:26 AM IST

Updated : Jul 23, 2021, 7:59 PM IST

नई दिल्ली : संसद के मानसून सत्र का आज चौथा दिन है. 'पेगासस प्रोजेक्ट' मीडिया रिपोर्ट और अन्य मुद्दों पर सदन में हंगामे और विरोध के बीच लोकसभा सोमवार, 26 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी गई है.

लोकसभा की कार्यवाही की दौरान कोरोना वायरस टीकों की खरीद के लिए वैश्विक निविदाओं का मुद्दा उठाया गया. कोरोना वैक्सीन के ग्लोबल टेंडर पर राहुल शिवाले के सवाल पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने जवाब दिया.

कोरोना वैक्सीन के ग्लोबल टेंडर पर सरकार ने संसद में दिया बयान

इस दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि राज्यों ने वैक्सीन खरीदने की बात कही थी जिस पर प्रधानमंत्री ने कहा कि 25% वैक्सीन राज्य खरीद सकती है, 25% प्रइवेट लोग खरीदें और 50% वैक्सीन केंद्र खरीदेगी. इसके लिए राज्य ने टेंडर निकालने की अनुमति मांगी और केंद्र ने अनुमति दे दी. 25% के लिए राज्यों ने टेंडर निकाला लेकिन वैक्सीन देने वाले लिमिटेड थे.

उन्होंने कहा कि मुद्दा परमिशन का नहीं है, मुद्दा राजनीति का है और कोविड एवं वैक्सीनेशन को लेकर राजनीति नहीं होनी चाहिए.

वहीं वैक्सीनेशन के मुद्दे पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि वैक्सीनेशन को लेकर हम लोगों का साथ मिलकर काम करना चाहिए. टीकाकरण को लेकर जो भ्रम फैला रहे हैं उन्हें भी समझाने की जरूरत है.

लोकसभा में स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बताया कि भारत सरकार का एक विशेषज्ञ समूह अभी भी फाइजर के साथ कोविड वैक्सीन आपूर्ति पर बातचीत कर रहा है.

पढ़ें :- Tokyo Olympics : 'खेलों के महाकुंभ' में 127 भारतीय खिलाड़ी, संसद ने दीं शुभकामनाएं

बता दें कि राहुल शिवाले ने कहा कि सरकार कि परमिशन नहीं होने से टेंडर फेल हुए हैं. उन्होंने कहा कि जब ग्लोबल टेंडर निकाले जा रहे थे तब ग्लोबल टेंडर को रिस्पोंस नहीं मिल रहा था, मुंबई नगर निगम ने टेंडर निकाला था, महाराष्ट्र सरकार ने भी निकाला था, लेकिन केंद्र के स्पोर्ट के बिना इस पर काम नहीं हो सका. इसका कारण है कि केंद्र की जो भी परमिशन्स है जो ग्लोबल टेंडर के इंडियन सप्लायर्स को मिलनी चाहिए वो नहीं मिली.

उन्होंने कहा कि इसके लिए एक पॉलिसी होनी चाहिए और यूनिफॉर्म टेंडर ड्राफ्ट होना चाहिए. नगर निगम और राज्य सरकारें केंद्र सरकार पर निर्भर हैं.

स्वदेशी टीका विनिर्माताओं के साथ खरीद अनुबंध में कोई विलंब नहीं हुआ

कोविड-19 रोधी टीकाकरण पर सरकार ने कहा कि स्वदेशी टीका विनिर्माताओं के साथ खरीद अनुबंध करने में कोई विलंब नहीं हुआ है और कोरोना वायरस महामारी के परिवर्तनशील एवं विकसित स्वरूप को देखते हुए 18 वर्ष और अधिक आयु वर्ग के लाभार्थियों का टीकाकरण दिसंबर 2021 तक पूरा होने का अनुमान है.

लोकसभा में कांग्रेस के राहुल गांधी और तृणमूल कांग्रेस की माला राय के प्रश्न के लिखित उत्तर में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री डा. भारती प्रवीण पवार ने यह जानकारी दी. राहुल गांधी और माला राय ने यह जानना चाहा था कि क्या सरकार का विचार 2021 के अंत तक सभी वयस्कों के पूर्णत: कोविड-19 टीकाकरण का कार्य पूरा करने का है.

उन्होंने यह भी पूछा था कि अगस्त से दिसंबर 2021 तक कोविड-19 टीके की उपलब्धता के अनुमान का माह-वार ब्यौरा क्या है और घरेलू टीका निर्माताओं के अनुमानित उत्पादन का ब्यौरा क्या है?

इस पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री डा. भारती प्रवीण पवार ने कहा, 'कोविड-19 टीकाकरण एक सतत और व्यापक प्रक्रिया है जिसका मार्गदर्शन राष्ट्रीय कोविड-19 टीकाकरण विशेषज्ञ समूह द्वारा समवर्ती वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर किया जा रहा है.'

उन्होंने कहा, 'कोरोना वायरस महामारी के परिवर्तनशील एवं विकसित स्वरूप को देखते हुए यह अनुमान है कि 18 वर्ष और अधिक आयु वर्ग के लाभार्थियों का टीकाकरण दिसंबर 2021 तक पूरा हो जायेगा.'

पढ़ें :- कोविड-19 को लेकर सावधान रहें, अगले तीन महीने काफी महत्वपूर्ण हैं : वी के पॉल

पवार ने कहा कि अगस्त 2021 से दिसंबर 2021 के बीच कोविड-19 टीकों की कुल 135 करोड़ खुराक उपलब्ध होने का अनुमान है.

राहुल गांधी और माला राय ने सरकार ने यह भी जानना चाहा था कि क्या सरकार ने टीका विनिर्माताओं से अग्रिम खरीद समझौते करने में अधिक विलंब को संज्ञान में लिया है जिससे टीकाकरण शुरू करने की गति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है.

सदस्यों ने पूछा था कि टीकाकरण कार्यक्रम पर अभी तक कितनी निधि व्यय की गई है?

इस पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री पवार ने कहा कि स्वदेशी टीका विनिर्माताओं के साथ खरीद अनुबंध करने में कोई विलंब नहीं हुआ है और विनिर्माताओं को दिये गए आपूर्ति आदेशों के लिये अग्रिम भुगतान कर दिया गया है.

उन्होंने बताया कि कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम पर परिचालन लागत सहित अब तक 9,725.15 करोड़ रूपये का व्यय हुआ है.

नई दिल्ली : संसद के मानसून सत्र का आज चौथा दिन है. 'पेगासस प्रोजेक्ट' मीडिया रिपोर्ट और अन्य मुद्दों पर सदन में हंगामे और विरोध के बीच लोकसभा सोमवार, 26 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी गई है.

लोकसभा की कार्यवाही की दौरान कोरोना वायरस टीकों की खरीद के लिए वैश्विक निविदाओं का मुद्दा उठाया गया. कोरोना वैक्सीन के ग्लोबल टेंडर पर राहुल शिवाले के सवाल पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने जवाब दिया.

कोरोना वैक्सीन के ग्लोबल टेंडर पर सरकार ने संसद में दिया बयान

इस दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि राज्यों ने वैक्सीन खरीदने की बात कही थी जिस पर प्रधानमंत्री ने कहा कि 25% वैक्सीन राज्य खरीद सकती है, 25% प्रइवेट लोग खरीदें और 50% वैक्सीन केंद्र खरीदेगी. इसके लिए राज्य ने टेंडर निकालने की अनुमति मांगी और केंद्र ने अनुमति दे दी. 25% के लिए राज्यों ने टेंडर निकाला लेकिन वैक्सीन देने वाले लिमिटेड थे.

उन्होंने कहा कि मुद्दा परमिशन का नहीं है, मुद्दा राजनीति का है और कोविड एवं वैक्सीनेशन को लेकर राजनीति नहीं होनी चाहिए.

वहीं वैक्सीनेशन के मुद्दे पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि वैक्सीनेशन को लेकर हम लोगों का साथ मिलकर काम करना चाहिए. टीकाकरण को लेकर जो भ्रम फैला रहे हैं उन्हें भी समझाने की जरूरत है.

लोकसभा में स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बताया कि भारत सरकार का एक विशेषज्ञ समूह अभी भी फाइजर के साथ कोविड वैक्सीन आपूर्ति पर बातचीत कर रहा है.

पढ़ें :- Tokyo Olympics : 'खेलों के महाकुंभ' में 127 भारतीय खिलाड़ी, संसद ने दीं शुभकामनाएं

बता दें कि राहुल शिवाले ने कहा कि सरकार कि परमिशन नहीं होने से टेंडर फेल हुए हैं. उन्होंने कहा कि जब ग्लोबल टेंडर निकाले जा रहे थे तब ग्लोबल टेंडर को रिस्पोंस नहीं मिल रहा था, मुंबई नगर निगम ने टेंडर निकाला था, महाराष्ट्र सरकार ने भी निकाला था, लेकिन केंद्र के स्पोर्ट के बिना इस पर काम नहीं हो सका. इसका कारण है कि केंद्र की जो भी परमिशन्स है जो ग्लोबल टेंडर के इंडियन सप्लायर्स को मिलनी चाहिए वो नहीं मिली.

उन्होंने कहा कि इसके लिए एक पॉलिसी होनी चाहिए और यूनिफॉर्म टेंडर ड्राफ्ट होना चाहिए. नगर निगम और राज्य सरकारें केंद्र सरकार पर निर्भर हैं.

स्वदेशी टीका विनिर्माताओं के साथ खरीद अनुबंध में कोई विलंब नहीं हुआ

कोविड-19 रोधी टीकाकरण पर सरकार ने कहा कि स्वदेशी टीका विनिर्माताओं के साथ खरीद अनुबंध करने में कोई विलंब नहीं हुआ है और कोरोना वायरस महामारी के परिवर्तनशील एवं विकसित स्वरूप को देखते हुए 18 वर्ष और अधिक आयु वर्ग के लाभार्थियों का टीकाकरण दिसंबर 2021 तक पूरा होने का अनुमान है.

लोकसभा में कांग्रेस के राहुल गांधी और तृणमूल कांग्रेस की माला राय के प्रश्न के लिखित उत्तर में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री डा. भारती प्रवीण पवार ने यह जानकारी दी. राहुल गांधी और माला राय ने यह जानना चाहा था कि क्या सरकार का विचार 2021 के अंत तक सभी वयस्कों के पूर्णत: कोविड-19 टीकाकरण का कार्य पूरा करने का है.

उन्होंने यह भी पूछा था कि अगस्त से दिसंबर 2021 तक कोविड-19 टीके की उपलब्धता के अनुमान का माह-वार ब्यौरा क्या है और घरेलू टीका निर्माताओं के अनुमानित उत्पादन का ब्यौरा क्या है?

इस पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री डा. भारती प्रवीण पवार ने कहा, 'कोविड-19 टीकाकरण एक सतत और व्यापक प्रक्रिया है जिसका मार्गदर्शन राष्ट्रीय कोविड-19 टीकाकरण विशेषज्ञ समूह द्वारा समवर्ती वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर किया जा रहा है.'

उन्होंने कहा, 'कोरोना वायरस महामारी के परिवर्तनशील एवं विकसित स्वरूप को देखते हुए यह अनुमान है कि 18 वर्ष और अधिक आयु वर्ग के लाभार्थियों का टीकाकरण दिसंबर 2021 तक पूरा हो जायेगा.'

पढ़ें :- कोविड-19 को लेकर सावधान रहें, अगले तीन महीने काफी महत्वपूर्ण हैं : वी के पॉल

पवार ने कहा कि अगस्त 2021 से दिसंबर 2021 के बीच कोविड-19 टीकों की कुल 135 करोड़ खुराक उपलब्ध होने का अनुमान है.

राहुल गांधी और माला राय ने सरकार ने यह भी जानना चाहा था कि क्या सरकार ने टीका विनिर्माताओं से अग्रिम खरीद समझौते करने में अधिक विलंब को संज्ञान में लिया है जिससे टीकाकरण शुरू करने की गति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है.

सदस्यों ने पूछा था कि टीकाकरण कार्यक्रम पर अभी तक कितनी निधि व्यय की गई है?

इस पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री पवार ने कहा कि स्वदेशी टीका विनिर्माताओं के साथ खरीद अनुबंध करने में कोई विलंब नहीं हुआ है और विनिर्माताओं को दिये गए आपूर्ति आदेशों के लिये अग्रिम भुगतान कर दिया गया है.

उन्होंने बताया कि कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम पर परिचालन लागत सहित अब तक 9,725.15 करोड़ रूपये का व्यय हुआ है.

Last Updated : Jul 23, 2021, 7:59 PM IST
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