नई दिल्ली: कोरोना काल से सभी के जीवन में बदलाव आए हैं. जिसका व्यापक असर लंबे समय तक देखने को मिलेगा. इसी सिलसिले में बुधवार को संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) ने चौंकाने वाले रिसर्च जारी किए. यूनिसेफ ने जारी रिसर्च में बताया कि साल 2020 में भारत में कोरोना महामारी और लॉकडाउन के चलते करीब 1.5 मिलियन स्कूल बंद रहे. जिससे प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों के करीब 247 मिलियन बच्चे बुरी तरह से प्रभावित हुए.
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) ने आगे कहा कि छह मिलियन से अधिक ऐसे लड़कियां और लड़के हैं जो कोविड 19 संकट शुरू होने से पहले ही स्कूल से बाहर थे. हाल ही में यूनिसेफ के नए रिसर्च के अनुसार दुनियाभर में 888 मिलियन से अधिक बच्चों ने स्कूल बंद होने से अपनी शिक्षा में व्यवधान का सामना किया. यूनिसेफ ने कहा कि भारत में ऑनलाइन शिक्षा सभी के लिए एक विकल्प नहीं है क्योंकि केवल चार बच्चों में से एक के पास डिजिटल डिवाइस और इंटरनेट कनेक्टिविटी उपलब्ध है.
यूनिसेफ के नए रिसर्च में बताया गया कि भारत में अब तक केवल आठ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने कक्षा 1 से 12 वीं तक की सभी कक्षाएं शुरू की हैं. वहीं, 11 राज्यों ने 6 से लेकर 12 तक की कक्षाएं फिर से खोल दी हैं और 15 राज्यों ने केवल 9 से 12 तक ही कक्षाएं ही खोली हैं. रिसर्च में कहा गया कि तीन राज्यों ने आंगनवाड़ी केंद्रों को फिर से खोला है. पूरे भारत में महामारी के चलते स्कूलों को बंद हुए करीब 1 साल हो गए हैं.
यूनिसेफ के प्रतिनिधि डॉक्टर यासमीन हक ने कहा कि हम जानते हैं कि कोरेना काल में बढ़ते खतरों को देखते हुए बच्चों को स्कूल जाने से रोका गया था. सभी के मन में अभी भी सुरक्षा को लेकर डर सता रहा है. इसी के मद्देनजर आज जब स्कूल खुल गए हैं तभी भी बहुत कम बच्चे स्कूल आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि स्कूलों को फिर से खोलने का निर्णय बच्चों के सर्वोत्तम हित को ध्यान में रखते हुए लिया गया है.
हक ने कहा कि यह उन लोगों के लिए सच है जो डिजिटल या दूरस्थ शिक्षा के अवसरों का उपयोग करने में सक्षम नहीं थे. इसके अलावा उन्होंने कहा कि बच्चों की मानसिक और भलाई एक महत्वपूर्ण चिंता है. यूनिसेफ के रिसर्च में आगे कहा गया कि कोविड 19 लॉकडाउन के कारण वैश्विक स्तर पर 168 मिलियन से अधिक बच्चों के स्कूल लगभग पूरे एक साल के लिए बंद हो गए थे. स्कूल क्लोजर रिपोर्ट का विश्लेषण बताता है कि दुनियाभर के 14 देश मार्च 2020 से फरवरी 2021 तक बड़े पैमाने पर बंद रहे.
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यूनिसेफ ने अपने रिसर्च में कहा कि 14 देशों में से पनामा ने सबसे अधिक दिनों तक स्कूलों को बंद रखा, इसके बाद ईआई सल्वाडोर, बांग्लादेश और बोलीविया हैं.