नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने सोमवार को कहा कि कोरोना वायरस महामारी की दोनों ही लहरों में 70 प्रतिशत से अधिक संक्रमित मरीजों की उम्र 40 साल से ज्यादा रही. जबकि उम्रदराज लोगों को संक्रमण का खतरा अधिक बना हुआ है.
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के महानिदेशक बलराम भार्गव ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि अस्पताल में भर्ती मरीजों की मृत्यु के मामलों में पहली और दूसरी लहर में कोई फर्क नहीं है. हालांकि, दूसरी लहर में ऑक्सीजन की मांग अधिक है जबकि वेंटिलेटर की मांग कम है.
उन्होंने कहा कि कोविड-19 की मौजूदा दूसरी लहर में सांस लेने में परेशानी की समस्या थोड़ी ज्यादा सामने आ रही है, लेकिन गले में खराश और सूखी खांसी व अन्य ऐसे लक्षण पहली लहर में ज्यादा सामने आ रहे थे.
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भार्गव ने कहा कि अस्पताल में भर्ती मरीजों में पहली और दूसरी लहर में मृत्यु के मामलों में कोई अंतर नहीं है. दूसरी लहर में करीब 54.5 प्रतिशत मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत हुई, जबकि पहली लहर में यह जरूरत 41.5 प्रतिशत थी. उन्होंने कहा कि दूसरी लहर में बिना लक्षण वाले मरीजों की संख्या भी अपेक्षाकृत अधिक है.
भार्गव ने पहली लहर के 7,600 और दूसरी लहर में संक्रमित हुए 1,885 मरीजों पर किये गये अध्ययन के आधार पर यह बात कही.
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वीके पॉल ने कहा कि पहली लहर में 31 प्रतिशत संक्रमितों की उम्र 30 साल से कम थी. इस बार यह संख्या 32 प्रतिशत तक है. उन्होंने कहा कि इस तरह कोई विशेष अंतर नहीं है.