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हिमाचल में अब अनाथ बच्चे होंगे 'Children Of The State', सुक्खू सरकार देगी ये सारी सुविधाएं

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Published : Feb 16, 2023, 7:26 PM IST

SUKHASHRAY YOJANA APPROVED IN HIMACHAL
SUKHASHRAY YOJANA APPROVED IN HIMACHAL

हिमाचल प्रदेश के अनाथ बच्चे अब अनाथ नहीं बल्कि चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट होंगे. हिमाचल कैबिनेट में सुख आश्रय योजना को मंजूरी मिल गई है. हिमाचल में अनाथ बच्चों को सरकार बहुत सी सुविधाएं देंगी. आरडी अकाउंट खोलने के साथ उच्च शिक्षा का खर्च भी सरकार उठाएगी. इसके अलावा चार हजार की पॉकेट मनी भी दी जाएगी. सरकार और क्या सुविधाएं देंगी जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर... (Himachal Pradesh Cabinet Meeting Today) (Sukh Ashray Yojana approved) (himachal cabinet decisions) (orphan children in himachal)

शिमला: हिमाचल की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने अनाथ बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट के रूप में अपनाने का फैसला लिया है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के दिशा-निर्देशों को मंजूरी दी गई. मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के अंतर्गत अनाथ, अर्ध-अनाथ और विशेष रूप से सक्षम, निराश्रित महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों को लाया गया है. इस योजना के तहत इनको हर संभव सहायता का प्रावधान किया गया है.

आश्रमों में मिलेगें इस तरह की सुविधाएं: मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के तहत मौजूदा अधोसंरचना के उन्नयन के साथ-साथ मौजूदा संस्थानों का युक्तिकरण कर उन्हें सुदृढ़ किया जाएगा ताकि आवासियों को बेहतर सुविधाएं मिले. इनमें रहने वालों लिए अटैच शौचालय वाले कमरे, मनोरंजन व गतिविधि कक्ष, कॉमन रूम, म्यूजिक रूम, स्मार्ट क्लास रूम, कोचिंग रूम, इनडोर व आउटडोर खेल सुविधाओं सहित अन्य आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी.

सुक्खू सरकार ने अनाथ बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट के रूप में अपनाने का फैसला लिया
सुक्खू सरकार ने अनाथ बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट के रूप में अपनाने का फैसला लिया

चरणबद्द तरीके से बनेंगे इंटीग्रेटेड होम: इस योजना के तहत उपेक्षित वरिष्ठ नागरिकों, अनाथ बच्चों, विशेष रूप से सक्षम बच्चों और निराश्रित महिलाओं की बेहतर देखभाल के लिए नए एकीकृत घरों का निर्माण चरणबद्ध तरीके से एक परिसर में अलग-अलग खण्डों में किया जाएगा. इनमें सभी आधुनिक सुविधाओं का समावेश होगा. आरंभ में दो आधुनिक एकीकृत घर जिला कांगड़ा के ज्वालामुखी और जिला मंडी के सुंदरनगर में स्थापित होंगे.

बच्चों को मिलेगी फ्री कोचिंग व सामग्री: योजना के अंतर्गत संस्थान में रहने वाले बच्चों की गुणात्मक शिक्षा का प्रावधान किया गया है ताकि उन्हें बेहतर कोचिंग, संदर्भ पुस्तकें अथवा कोचिंग सामग्री मिल सके. समाज के प्रतिष्ठित व्यक्तियों के माध्यम से ऐसे बच्चों को मेंटरशिप भी प्रदान की जाएगी. दसवीं से बाहरवीं तक के बच्चों को सूचीबद्ध एजेंसियों के माध्यम से करियर काउंसलिंग भी प्रदान की जाएगी. इसके अतिरिक्त उच्च शिक्षा के लिए भी इन बच्चों को सरकार सहायता प्रदान करेगी. इसके अलावा इन बच्चों के समग्र व्यक्तित्व विकास के लिए मासिक पिकनिक आयोजित करने का भी प्रावधान किया गया है. मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के तहत 18 वर्ष से अधिक आयु के पात्र आवासियों को कोचिंग, छात्रावास शुल्क, शिक्षण शुल्क आदि के लिए प्रति व्यक्ति एक लाख रुपए प्रति वर्ष प्रदान करने के अलावा कोचिंग की अवधि के दौरान चार हजार रुपए प्रति आवासी प्रति माह छात्रवृत्ति प्रदान करने का प्रावधान किया गया है.

आरडी अकाउंट खोलेगी सरकार, विवाह के लिए मिलेंगे दो लाख: मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना में इन संस्थानों के आवासियों को विवाह के लिए दो लाख रुपए अथवा वास्तविक खर्च, जो भी हो, प्रदान किया जाएगा. इसके अतिरिक्त इन संस्थानों में रहने वाले प्रत्येक बच्चे, निराश्रित महिलाओं का आवर्ती जमा खाता (रेकरिंग डिपॉजिट) खोला जाएगा, जिसमें सरकार द्वारा 0-14 वर्ष की आयु के बच्चों को एक हजार रुपए प्रति बच्चा प्रति माह, 15-18 वर्ष आयु के बच्चों व एकल महिलाओं को दो हजार पांच सौ रुपए प्रति माह की सहायता राशि देगी.

बच्चों को 15 दिन व अन्यों को 10 दिन का भ्रमण कराएगी सरकार: इन संस्थानों में रहने वाले बच्चों को देश के विभिन्न दर्शनीय अथवा ऐतिहासिक स्थलों का पंद्रह दिन का शैक्षिक भ्रमण प्रति वर्ष आयोजित करने का भी प्रावधान किया गया है, जिसमें आवासियों के लिए यात्रा की व्यवस्था शताब्दी ट्रेन, एसी वॉल्वो अथवा हवाई सुविधा के साथ-साथ थ्री स्टार होटलों में ठहरने की व्यवस्था होगी. योजना में इसी तर्ज पर वृद्धाश्रमों एवं नारी सेवा सदनों के आवासियों को भी प्रति वर्ष 10 दिन की यात्रा व ठहरने का प्रावधान किया गया है.

उच्च शिक्षा का खर्च उठाने के साथ मिलेगी चार हजार की पॉकेट मनी: योजना के तहत बाल देखरेख संस्थानों को छोड़ने वाले सभी बच्चों के लिए 18 वर्ष की आयु पूर्ण होने के बाद भी 21 वर्ष की आयु तक और अनाथ बच्चों के लिए 27 वर्ष की आयु तक वास्तविक दरों पर छात्रावास शुल्क और शिक्षण शुल्क प्रदान करने की व्यवस्था करने के साथ-साथ अध्ययन अवधि के दौरान छात्रवृत्ति के रूप में 4 हजार रुपए प्रति माह प्रति बच्चे को उनके व्यक्तिगत खर्चों को पूरा करने के लिए सहायता राशि दी जाएगी.

स्टार्ट अप के लिए सरकार देगी दो लाख की एक मुश्त वित्तीय सहायता: इस योजना के अंतर्गत पात्र आवासी, जो 18 वर्ष के आयु पूर्ण करने के बाद अपना स्टार्ट-अप आरंभ करना चाहते हैं, उन्हें दो लाख रुपए प्रति व्यक्ति एकमुश्त वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के तहत अनाथ बच्चों को 18 वर्ष की आयु के बाद 27 वर्ष तक पश्चावर्ती देखभाल संस्थानों में आवासीय सुविधाओं के साथ-साथ भोजन, आश्रय और वस्त्र भी उपलब्ध करवाए जाएंगे. इस योजना के तहत जिन अनाथ बच्चों के नाम पर कोई भूमि नहीं है, उन्हें 27 वर्ष की आयु के बाद घर के निर्माण के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में तीन बिस्वा भूमि देने के साथ-साथ आवास निर्माण के लिए तीन लाख रुपए की सहायता राशि प्रदान की जाएगी.

योजना के तहत इन संस्थानों में रहने वाले सभी आवासियों को वस्त्र अनुदान के रूप में दस हजार रुपए की राशि प्रति वर्ष उनके बैंक खाते में जमा करवाई जाएगी ताकि वह अपने पसंद के वस्त्र व जूते खरीद सकें. इसके अतिरिक्त संस्थान में रहने वाले व्यक्तियों की देखभाल के लिए अतिरिक्त गृह माता अथवा पालक की नियुक्ति का भी योजना में प्रावधान किया गया है, ताकि उन्हें रहन-सहन में किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े. मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के तहत आवासीय को वर्ष भर आने वाले त्यौहार को मनाने के लिए प्रति त्यौहार 500 रुपए की अनुदान राशि भी दी जाएगी. योजना के तहत ऐसे वर्ग की सहायता के लिए 101 करोड़ के प्रारंभिक योगदान के साथ-साथ मुख्यमंत्री सुख-आश्रय सहायता कोष का गठन किया गया है.

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