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सिर्फ 22 डॉक्टरों के सहारे झारखंड का पाकुड़ जिला, लाखों रुपए वेतन देने पर भी नहीं आना चाहता कोई चिकित्सक

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 30, 2023, 11:37 AM IST

Updated : Aug 30, 2023, 1:06 PM IST

Only 22 doctors are posted in Pakur district
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झारखंड का पाकुड़ जिला पिछड़ा हुआ माना जाता है. यही वजह है कि इस पूरे जिले में सिर्फ 22 डॉक्टर ही तैनात हैं. इनके भरोसे पर जिले के करीब 11 लाख लोगों की स्वास्थ्य व्यवस्था है.

आलमगीर आलम, मंत्री, झारखंड सरकार

पाकुड़: झारखंड के लगभग हर जिले डॉक्टरों की कमी से जूझ रहे हैं. कुछ जिले ऐसे हैं जहां डॉक्टर ज्यादा पैसे देने के बाद भी जाना नहीं चाहते हैं. ऐसा ही एक जिला है पाकुड़. झारखंड सरकार के मंत्री भी मानते हैं कि इस जिले में कोई भी अच्छा डॉक्टर नहीं आना चाहता है. भले ही उसे ज्यादा पैसे दिए जाएं. यही वजह है कि सिर्फ 22 डॉक्टरों के सहारे पूरा जिला है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था का क्या हाल होगा.

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पाकुड़ में चिकित्सकों की घोर कमी के कारण आज भी यहां के मरीज पश्चिम बंगाल, बिहार के अलावा हैदराबाद, वैल्लोर, आंध्र प्रदेश, मुंबई सहित कई दूसरे राज्य में जाने को विवश हैं. इन्हीं समस्याओं को देखते हुए जिला प्रशासन की पहल पर कोल कंपनी कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व के तहत चिकित्सकों की बहाली के लिए आमंत्रित किया गया. लेकिन एक भी डॉक्टर पाकुड़ आने को तैयार नहीं है.

Only 22 doctors are posted in Pakur district
आलमगीर आलम का बयान

जिला प्रशासन से मिली जानकारी के मुताबिक पाकुड़ में डॉक्टरों की कमी को देखते हुए फिजिशियन, एमडी, आर्थोपेडिक सर्जन, बाल रोग विशेषज्ञ, एनेस्थेटिस्ट एवं एक नेत्र सर्जन के लिए प्रचार प्रसार कराया गया, डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से भी प्रचार प्रसार के साथ यहां पदस्थापित डॉक्टरों ने अन्य डॉक्टरों से संपर्क किया. लेकिन इसके बाद भी एक भी डॉक्टर ने यहां के लिए आवेद नहीं दिया.

क्या कहते हैं यहां के विधायक और ग्रामीण विकास मंत्री: डॉक्टरों की कमी पर यहां के विधायक और मंत्री आलमगीर आलम से बात की गई तो उन्होंने कहा कि 'पूरे झारखंड में डॉक्टर की कमी है. हमने जिले में इंटरव्यू कॉल किया था. लेकिन एक भी डॉक्टर इसमें शामिल नहीं हुआ. हम लगातार कोशिश कर रहे हैं कि यहां अच्छे डॉक्टर आएं. हमने इसके लिए अच्छी सैलरी भी ऑफर की है. जेनरल फिजिशियन और सर्जन को 2.5 लाख का ऑफर दे रहे हैं. इसके अलावा जो सिर्फ एमबीबीएस हैं उनको एक लाख सैलरी देने की पेशकश की है. इसके बाद भी कोई डॉक्टर नहीं आया है. इसके बाद हमने पश्चिम बंगाल के अधिकारियों से बात की है. उन्होंने आश्वासन दिया है कि हफ्ते दस दिन में कुछ डॉक्टरों को भेज दिया जाएगा.'

आखिर क्यों नहीं आना चाहते डॉक्टर: यहां पदस्थापित चिकित्सकों के मुताबिक पाकुड़ अतिपिछड़ा जिला होने के कारण यहां संसाधनों की बेहद कमी है. टूर के लिए कोई स्थान न होना, ट्रेनों की कमी के अलावा ड्यूटी के बाद निजी प्रैक्टिस से कोई ज्यादा लाभ नहीं होना भी एक समस्या है. यही वजह है कि यहां कोई भी अच्छा डॉक्टर नहीं आना चाहता है.

स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबित पाकुड़ जिले में एक भी विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं है. खासकर महिलाओं को काफी परेशानी उठानी पड़ती है. यहां तक कि महिलाओं को मेडिकल जांच के लिए दुमका मेडिकल कॉलेज ले जाना पड़ता है. दी गयी जानकारी के अनुसार जिले में कुल 102 चिकित्सकों की जगह है. हालांकि सिर्फ 22 डॉक्टर ही यहां तैनात हैं, जिसमे सदर अस्पताल, 6 प्रखंडो में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और उपस्वास्थ्य केंद्र शामिल है.

Last Updated :Aug 30, 2023, 1:06 PM IST
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