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16 वर्षों बाद एंजेला मर्केल की विदाई, ओलाफ शॉल्त्स बने जर्मनी के नए चांसलर

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Published : Dec 8, 2021, 10:44 PM IST

सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी (Social Democratic Party Of Germany ) के नेता ओलाफ शॉल्त्स जर्मनी के नये चांसलर बने हैं. वहीं जर्मनी की पहली महिला चांसलर को विदाई दी गई. इसके साथ ही एक युग का अंत हो गया है. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर..

olaf-schulz- and Angela Merkel
ओलाफ शॉल्त्स और एंजेला मर्केल

बर्लिन : जर्मनी की सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी (Social Democratic Party Of Germany ) के नेता ओलाफ शॉल्त्स (Olaf Schultz) ने बुधवार को चांसलर का पद संभाल लिया. इससे पहले जर्मन संसद ने ओलाफ शॉल्त्स को औपचारिक रूप से देश का नया चांसलर चुना.. इस तरह जर्मनी में 16 साल तक चांसलर रहीं समय से चांसलर रहीं एंजेला मर्केल (Angela Merkel) का युग खत्म हो गया. नव निर्वाचित चांसलर ओलाफ शॉल्त्स निवर्तमान चांसलर अंगेला मैर्केल की पिछली गठबंधन सरकार में उप-चांसलर और देश के वित्त मंत्री थे.

बता दें कि नवंबर में ही एंजेला मर्केल की विदाई तय हो गई थी. वहां नई सरकार बनाने के लिए तीन दलों के बीच समझौता हुआ था. शॉल्त्स की नई कैबिनेट में 16 मंत्री बनाए गए हैं, जिसमें आठ महिला और आठ ही पुरुष मंत्री हैं. अंगेला मैर्केल जर्मनी की लंबे समय तक चांसलर रहने वाली दूसरी राजनेता हैं. उनका कार्यकाल 16 साल और 26 दिन का रहा. इससे पहले हेलमुट कोल 1982 से 1998 तक जर्मनी के चांसलर रहे.

गौर हो कि एंजेला मर्केल (Angela Merkel) ने 22 नवंबर 2005 को जर्मनी की पहली महिला चांसलर (germany's first female chancellor ) बनते ही इतिहास में अपना स्थान दर्ज करा लिया था. अगले 16 वर्षों तक जर्मनी का प्रभाव बढ़ाने का श्रेय इन्हीं को जाता है. उन्होंने टुकड़ों में बंटे यूरोपीय संघ को एक किया, कई संकटों का प्रबंधन किया और महिलाओं के लिए रोल मॉडल बनीं. अब जब वह 67 वर्ष की उम्र में पद से हट रही हैं तो विदेशों एवं घर में भी उनके कार्यों की सराहना हो रही है.

पूर्व वैज्ञानिक मर्केल पूर्वी जर्मनी में पलीं बढ़ीं और उनका कार्यकाल कभी उनके मार्गदर्शक रहे हेल्मुट कोल से सिर्फ एक हफ्ते कम रहा. कोल ने 1982 से 1998 तक के कार्यकाल के दौरान जर्मनी का एकीकरण किया था. मर्केल ने अमेरिका के चार राष्ट्रपतियों, फ्रांस के चार राष्ट्रपतियों, ब्रिटेन के पांच प्रधानमंत्रियों और इटली के आठ प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया. उनके चांसलर रहते कई बड़ी चुनौतियां आईं जिनमें वैश्विक आर्थिक संकट, यूरोप का ऋण संकट, 2015-16 में यूरोप में शरणार्थियों की बाढ़ और कोरोना वायरस महामारी प्रमुख हैं.

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अमेरिका के बर्लिन कार्यालय में जर्मन मार्शल फंड की उप निदेशक सुधा डेविड विल्प ने कहा, 'इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि उन्होंने जर्मनी को काफी सशक्त किया.'

डेविड विल्प ने कहा, 'जब वह पहली बार 2005 में सत्ता में आईं तो कई लोगों ने उनको तवज्जो नहीं दी, लेकिन उनका कद बढ़ता गया और दुनिया में जर्मनी की भूमिका भी बढ़ती गई. यूरोप एवं अन्य देश चाहते हैं कि विश्व में जर्मनी सक्रिय भूमिका निभाए लेकिन उनके पद संभालने से पहले ऐसा नहीं था.'

मर्केल के अंतिम यूरोपीय संघ सम्मेलन में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अक्टूबर में एक वीडियो संदेश में 'इतने वर्षों तक संकट के दौर में भी नैतिक रूप से कार्य करने के लिए' धन्यवाद दिया.

क्रीमिया को अलग करने तथा पूर्वी यूक्रेन में अलगाववादियों का समर्थन करने के लिए रूस के खिलाफ यूरोपीय संघ द्वारा प्रतिबंध लगाने में मर्केल का बड़ा योगदान रहा और उन्होंने वहां राजनयिक समाधान लाने में अधूरे प्रयासों को भी आगे बढ़ाया. डेविड विल्प ने कहा, 'उन्हें पश्चिम की तरफ से पुतिन (रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर) से वार्ता के योग्य भी माना गया.'

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