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लॉरेंस बिश्नोई का करीबी बाहुबली नेता विकास सिंह गिरफ्तार, शूटरों को देता था पनाह

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Published : Jun 21, 2023, 7:40 PM IST

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने लॉरेंस बिश्नोई के एक प्रमुख सहयोगी यूपी के बाहुबली नेता विकास सिंह को गिरफ्तार किया है. विकास विश्नोई के कहने पर शूटरों को पनाह देता था.

राष्ट्रीय जांच एजेंसी
राष्ट्रीय जांच एजेंसी

नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने विभिन्न आपराधिक मामलों में शामिल और आतंकी सिंडिकेट के सदस्यों को शरण देने वाले कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के एक प्रमुख सहयोगी यूपी के बाहुबली नेता विकास सिंह को बुधवार को गिरफ्तार किया है. विकास सिंह ने दीपक सुरखपुर और फैजाबाद निवासी दिव्यांशु को आश्रय दिया था, जिन्होंने पिछले साल मई में मोहाली में पंजाब पुलिस के खुफिया मुख्यालय पर आरपीजी हमले को अंजाम दिया था.

एनआईए की जांच में पता चला है कि विकास ने दीपक सुरखपुर और दिव्यांशु को अपने गांव देवगढ़, जनपद अयोध्या और लखनऊ में 77/04 ए ब्लॉक, गोमती नगर विस्तार में अपने फ्लैट में कई बार शरण दी थी. विकास सिंह हत्या, हत्या के प्रयास, शस्त्र अधिनियम और गैंगस्टर अधिनियम के 10 आपराधिक मामलों में आरोपी है.

एनआईए की जांच में पता चला है कि दीपक सुरखपुर को विकास से लॉरेंस बिश्नोई के एक अन्य सहयोगी और दोस्त विक्की मिधुखेरा ने मिलवाया था. विकास ने पहले से अपने परिचित दिव्यांशु को लॉरेंस बिश्नोई सिंडिकेट से जोड़ा था. ये दोनों नांदेड़ में व्यवसायी संजय बियाणी और पंजाब में राणा कंधोवालिया सहित कई हत्याओं में भी शामिल थे.

एनआईए ने बताया कि विकास सिंह ने राणा कंडोवालिया की हत्या के बाद रिंकू नाम के एक अन्य आरोपी को भी शरण दी थी. इसके अलावा 2020 की शुरुआत में चंडीगढ़ में दोहरे हत्याकांड के बाद (लॉरेंस के निर्देश पर) मोनू डागर, प्रधान, चीमा, राजन विकास सिंह के साथ लखनऊ में थे. जांच में यह भी पता चला है कि अन्य राज्यों के कई गैंगस्टर/सहयोगी जैसे रिंकू, राजपाल (एमपी) और भाटी (एमपी) को भी विकास सिंह ने शरण दी थी.

एनआईए ने बताया, "मौजूदा मामला भारत और विदेशों में स्थित लॉरेंस बिश्नोई आपराधिक सिंडिकेट/ गिरोह के सदस्यों द्वारा धन जुटाने और दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए युवाओं की भर्ती करने के लिए रची गई आतंकवादी-गैंगस्टर साजिश से संबंधित है."

एनआईए की ओर से बताया गया कि अब तक की जांच से पता चला है कि साजिश विभिन्न राज्यों की जेलों में रची गई थी और विदेशों में स्थित गुर्गों के एक संगठित नेटवर्क द्वारा इसे अंजाम दिया जा रहा था. एनआईए ने पहले ही कई सनसनीखेज आतंकी मामलों में आतंकी सिंडिकेट की संलिप्तता की पुष्टि की है, जिसमें 2022 में डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी प्रदीप कुमार की लक्षित हत्या और राजस्थान के सीकर में राजू थेठ की हत्या के अलावा प्रसिद्ध पंजाबी की सनसनीखेज हत्या भी शामिल है. गायक सिद्धू मूसेवाला और मई 2022 में पंजाब में आरपीजी हमला भी शामिल है.

एनआईए ने अब तक 15 आरोपियों को गिरफ्तार किया है और आतंकी-गैंगस्टर साजिश मामले में लॉरेंस बिश्नोई सहित 14 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है. चार्जशीट में जगदीप सिंह उर्फ ​​जग्गू भगवानपुरिया, संदीप उर्फ ​​काला जथेरी, वीरेंद्र प्रताप उर्फ ​​काला राणा, जोगिंदर सिंह, राजेश कुमार उर्फ ​​राजू मोटा, राज कुमार उर्फ ​​राजू बसोदी, अनिल चिप्पी, नरेश यादव उर्फ ​​नरेश सेठी उर्फ ​​सेठ, मोहम्मद शाहबाज अंसारी उर्फ ​​शाहबाज अंसारी उर्फ ​​शहजाद, सतिंदरजीत सिंह उर्फ ​​सतविंदर उर्फ ​​गोल्डी बराड़, सचिन थापन उर्फ ​​सचिन थापन बिश्नोई, अनमोल बिश्नोई उर्फ ​​भानू और विक्रमजीत सिंह उर्फ ​​विक्रम बराड़ के नाम शामिल हैं. एनआईए ने आईपीसी, यूए (पी) अधिनियम 1967 और शस्त्र अधिनियम, 1959 की विभिन्न धाराओं के तहत 24 मार्च, 2023 को तत्काल मामले में आरोप पत्र दायर किया था.

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