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NGT ने देश के कई शहरों में पटाखे फोड़ने पर लगाया प्रतिबंध, NCR समेत इन शहरों में नहीं जलेंगे दीपावली के पटाखे

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Published : Oct 28, 2021, 7:52 PM IST

पटाखों को लेकर इस बार एनजीटी ने सख्त रुख दिखाया है. एनजीटी ने अपने आदेश में जिला प्रशासन को आतिशबाजी पर निगरानी रखने के निर्देश भी दिए हैं. इसके अलावा जहां एयर इंडेक्स खतरे के निशान पर है, वहां भी आतिशबाजी नहीं होगी. ये वो शहर हैं जहां एयर क्‍वॉलिटी इंडेक्‍स यानि AQI 300 से 400 के बीच है.

एनजीटी सख्त
एनजीटी सख्त

जबलपुर : दीपावली, न्यू ईयर और क्रिसमस में आतिशबाजी होने को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (National Green Tribunal) ने बाद आदेश दिया है. पटाखों को लेकर इस बार एनजीटी ने सख्त रुख दिखाया है. एनजीटी ने अपने आदेश में जिला प्रशासन को आतिशबाजी पर निगरानी रखने के निर्देश भी दिए हैं. देश के 10 खराब एयर इंडेक्स वाले शहरों की लिस्ट में 3 यूपी के, 5 हरियाणा, 1 राजस्थान और 1 दिल्ली है.

जहां अधिक एयर इंडेक्स वहां नहीं होगी आतिशबाजी
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल यानि एनजीटी ने अपने आदेश में कहा है कि एनसीआर समेत देश के कई शहरों और जिलों में आतिशबाजी नहीं होगी. इसके अलावा जहां एयर इंडेक्स खतरे के निशान पर है, वहां भी आतिशबाजी नहीं होगी.

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एयर क्‍वॉलिटी इंडेक्‍स यानि AQI में भारत के खराब शहरों की लिस्ट

  1. बागपत AQI 406
  2. गाजियाबाद AQI 393
  3. पानीपत AQI 393
  4. नोएडा AQI 364
  5. गुरुग्राम AQI 351
  6. दिल्‍ली AQI 351
  7. भिवाड़ी AQI 347
  8. फरीदाबाद AQI 338
  9. मानेसर AQI 334
  10. बल्‍लभगढ़ AQI 320

ग्रीन पटाखों का होगा इस्तेमाल
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने अपने आदेश में निगरानी रखने के लिए जिला प्रशासन को निर्देश दिए हैं. साथ ही अपने आदेश में एनजीटी ने कहा है कि जहां आतिशबाजी पर बैन नहीं है, वहां पर ग्रीन पटाखों का इस्तेमाल किया जाए.

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ग्रीन पटाखे क्या होते हैं ?

  • ग्रीन पटाखे दिखने, जलाने और आवाज में सामान्य पटाखों की तरह ही होते हैं, लेकिन इनसे प्रदूषण कम होता है.
  • इन पटाखों से जो हानिकारक गैसें निकलेंगी, वो कम निकलेंगी. कहा जा सकता है लगभग 40 से 50 फीसदी तक कम. ये कम हानिकारक पटाखे होंगे.
  • सामान्य पटाखों के जलाने से भारी मात्रा में नाइट्रोजन और सल्फर गैस निकलती है, लेकिन उनके शोध का लक्ष्य इनकी मात्रा को कम करना था.

फटते नहीं हैं ग्रीन पटाखे
कई बार देखा गया कि बच्चे पटाखे फोड़ते नहीं बल्कि इसे देखकर ही खुश हो जाते हैं. कुछ देर उसे खेलने के बाद फेंक देते हैं. ऐसे में पटाखे बड़े काम के हैं. इनको बनाया ही इसीलिए गया है कि बच्चे पटाखों का मजा भी ले सकें और फिर जब जमीन पर डाल दें तो सब्जियां उग जाएं. जिससे सब्जियां भी खाने को मिल सकें.

क्या होता है AQI जिस पर मचा है हंगामा
एयर क्वॉलिटी इंडेकेस में प्रदूषण का लेवल मापा जाता है. इसकी श्रेणियां तय की गई हैं.

  1. 0-50 बेहतरीन
  2. 51-100 सामान्य
  3. 101-200 मध्‍यम
  4. 201-300 बुरा
  5. 301-400 बहुत बुरा
  6. 400-500 हालात गंभीर हैं
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