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नेपाल ने कड़ी शर्तों के साथ डेढ़ साल बाद खोला इंडो-नेपाल बॉर्डर

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Published : Oct 1, 2021, 8:09 PM IST

इंडो-नेपाल बॉर्डर
इंडो-नेपाल बॉर्डर

नेपाल सरकार ने कड़ी शर्तों के साथ भारतीय नागरिकों को अपने देश में प्रवेश की छूट दे दी है. कोरोना महामारी के चलते भारत नेपाल सीमा 22 मार्च 2020 से बंद थी. हालांकि भारत सरकार ने पहले से ही अपनी सीमा में प्रवेश की छूट दे रखी है. पढ़ें पूरी खबर..

पूर्वी चंपारण (रक्सौल): विगत डेढ़ साल से बंद पड़े इंडो नेपाल बोर्डर (Indo-Nepal border) को नेपाल सरकार ने खोलने का न‍िर्णय ल‍िया है. नेपाल की कैबिनेट में इसपर फैसला लिया गया. अब मालवाहक वाहनों के साथ ही भारतीय दो और चार पहिया वाहनों को भी प्रवेश करने की अनुमति दे दी गई है. इससे बिहार के लोगों में जश्न का माहौल है.

1 अक्टूबर को इंडो नेपाल बॉर्डर खुलने के साथ ही नेपाल के विभिन्न भंसार कार्यालय के पास भारतीय वाहनों की लंबी कतार लग गई. नेपाल सरकार ने बॉर्डर खोलने को लेकर कुछ शर्तें भी रखी हैं.

बिहार से खास रिपोर्ट

इन शर्तों का करना होगा पालन

भारतीय वाहनों को सीमा प्रवेश से पहले कोविड-19 का अनुपालन करना होगा. जिसमें 72 घंटे के अंदर कोविड-19 रिपोर्ट नेगेटिव होना जरुरी है. वहीं, नेपाल इमिग्रेशन से सीसीएमसी फॉर्म भरने के बाद नेपाली कष्टम भन्सार कार्यालय में गाड़ी के ओरिजिनल कागजात की एंट्री करानी होगी. चार पहिया वाहनों के लिए 500 रुपये और दो पहिया वाहनों का डेढ़ सौ रुपये की प्राप्ति रसीद के साथ राजस्व वसूली की प्रज्ञापन पत्र देकर नेपाल में प्रवेश की इजाजत दी गई है.

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नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्र में भारतीय वाहनों के आवागमन के लिए बगैर किसी राशि की अदायगी के सुविधा पास यानी एंट्री पर्ची के साथ अनुमति भी दी गई है. इसके लिए सुबह 8:30 बजे से लेकर शाम को 5:00 बजे तक ही एंट्री होगी. इसके लिए नेपाल सरकार द्वारा भन्सार के पास ही एक एंट्री कार्यालय शुरू कर दिया गया है.

नेपाल ने नहीं खोली थी अपनी सीमा

रक्सौल बीरगंज बॉर्डर सहित सभी इण्डो नेपाल सीमा विगत डेढ़ साल से बंद पड़े थे. सीमा को नेपाल के गृह मंत्रालय द्वारा खोलने का आदेश जारी कर दिया गया है. वैसे तो भारतीय प्रशासन द्वारा भारतीय सीमा को पिछले साल 22 अक्टूबर को ही खोल दिया गया था. लेकिन नेपाल प्रशासन द्वारा तब सीमा नहीं खोली गई थी.

नेपाल के गृह मंत्रालय द्वारा की गई उच्चस्तरीय सभा के उपरांत नेपाल से सटे भारत के लगभग सभी मुख्य नाकाओं को खोलने का औपचारिक एलान कर दिया गया है. जिसमें मुख्य रुप से रक्सौल, बीरगंज, सनौली, भैरवा, जोगबनी, विराटनगर, सोनवर्षा, मलंगवा, नागौर, बडहनी, कृष्णा नगर, पानी टंकी और काकड़भिट्टा शामिल है.

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बताया जा रहा है कि होटल और पर्यटन व्यवसाई संघ द्वारा प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा के समक्ष बॉर्डर खोलने की अपील की गई थी, उसके उपरांत एक ज्ञापन भी सौंपा गया था. इसके बाद प्रधानमंत्री देवबा ने संज्ञान लेते हुए त्वरित रूप से मंत्रिमंडल की बैठक की, जिसमें बॉर्डर खोलने को लेकर निर्णय लिया.

भारत नेपाल सीमा के सभी नेपाली क्षेत्र के अधिकारियों को सीमा खोलने से संबंधित औपचारिक सूचना दे दी गई है. कोरोना संक्रमण के कारण 22 मार्च 2020 से आवागमन पर पाबंदी थी. केवल मालवाहक वाहनों को ही प्रवेश दिया जा रहा था. ऐसे में इंडो नेपाल सीमा खुलने से सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों में उत्साह और जोश भर गया है. सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों का एक दूसरे से बेटी रोटी से लेकर आर्थिक सामाजिक धार्मिक संबंध सदियों से चलता आ रहा है.

नेपाल में अपार प्राकृतिक सुंदरता है. चितवन टाइगर, टॉप पोखरा, धरान लुंबिनी जैसी जगहों का पर्यटक सस्ते में लुत्फ उठाते हैं. लेकिन अब भारतीय पर्यटक वाहनों को भी आने जाने की अनुमति दे दी गई है. सीमा खुलने से आवागमन सामान्य हो गया है. भारतीय पर्यटक और भारतीय वाहन के नेपाल परीक्षेत्र में प्रवेश करते ही वहां के स्थानीय प्रशासन और लोगों ने बड़े ही गर्मजोशी के साथ फूल माला पहनाकर जोरदार स्वागत किया.

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